दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली भारत की राजधानी है जिसे भारत का दिल भी कहा जाता है। इसका इतिहास भी बहुत पुराना माना जाता है। दिल्ली का सिंहासन प्राप्त करने के लिए न जाने कितने अकर्माणियों ने आपस में युद्ध लड़े। इसीलिए यह कई बार उजड़ी और कई बार बसी है। जिसने भी भारत में कदम रखा उसकी दिल्ली की गद्दी पाने को आंखें ललचायी।

1. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली को पहले इन्द्रप्रस्थ के नाम जाना जाता था। इसका निर्माण पाडु पुत्र युधिष्ठर के द्वारा करवाया गया था। पृथ्वीराज चौहान के राज्य काल में दिल्ली को पिथौरागढ़ के नाम से जाना जाता था। क्षेत्रफल के हिसाब से दिल्ली भारत का सबसे बड़ा शहर भी है इसका क्षेत्रफल लगभग 1484 वर्ग किलोमीटर है।

पहले पांडवों का शासन हुआ करता था इसके पश्चात पृथ्वीराज चौहान जो चौहान वंश के राजा थे इन शासकों के द्वारा बनाये गए किले, मकबरे आदि उनकी राज्य की याद दिलाते हैं। मुगल काल के समय के दौरान जहांगीर के पुत्र शाहजहां के द्वारा लाल किला और जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया। जो आज भी मुगकालीन शैली का नमूना पेश करते हैं।

इसीलिए इसके प्राचीन इतिहास को देखते हुए दिल्ली में आज भी सैंकड़ों इतिहासिक इमारतें हैं जो देखने योग्य हैं जैसे लाल किला,कुतुबमीनार, गुरुद्वारा शीश गंज साहिब, पुराना किला , गौरी शंकर मंदिर , जामा मस्जिद , लोधी पार्क , हुमायूं का मकबरा आदि बहुत सारी इतिहासिक इमारतें हैं जो इसे सुंदर और आकर्षिक बनाती हैं। इसके इलावा अन्य घूमने लायक स्थान जैसे चिड़ियाघर, अजायबघर, जंतर -मंतर आदि हैं।

चांदनी चौंक, क्नॉट प्लेस, राजेंद्र प्लेस, नेहरू प्लेस, सदर बाजार आदि जहां के मुख्य बाजार माने जाते हैं। नयी दिल्ली की स्थापना अंग्रेजों के राज्य में हुई थी। केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन नयी दिल्ली में ही स्थित हैं। दिल्ली में कई -कई मंजिला ऊंची -ऊंची इमारतें बनी हुई हैं जो देखने ही बनती हैं।

दिल्ली उद्द्योगीकरण और शिक्षा का बहुत बड़ा मंच है इसके इलावा दिल्ली में सड़कों और रेल पटरियों का जाल बिछा हुआ है। यहां आबादी दिनभर – दिन बढ़ती ही जा रही है जो दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या उतपन्न कर सकती है दिल्ली में रोजाना कई -कई घंटों के जाम जनसंख्या में होने वाली वृद्धि इसका मुख्य कारण है।

दिल्ली में रोजाना लाखों की संख्या में लोग घूमने आते हैं। दिल्ली में 3 विश्व विद्द्यालय और बहुत सारे स्कूल हैं जिनमें दूर -दूर से बच्चे पढ़ने आते हैं। इसके इलावा दिल्ली में मेट्रो आ जाने से लोगों का जीवन पहले से ज्यादा आसान हुआ है। दिल्ली भारत की राजधानी है। इसके पुराने नाम हैं इन्द्रप्रस्थ, तुगलकाबाद आदि। यह बहुत पुरानी नगरी है, जो कई बार उजड़ी और कई बार बसी है।

पहले पाण्डव यहाँ के शासक थे। फिर चौहान वंश के राजा पृथ्वीराज ने यहाँ राज्य किया। फिर पठान शासकों का राज्य रहा। उनके बनाये किले, कुतुबमीनार, मकबरे आदि अब भी उनकी याद दिलाते हैं।

मुगलकाल में दिल्ली की बहुत उन्नति हुई। अकबर के पोते और जहाँगीर के पुत्र शाहजहाँ ने यहाँ जामा मस्जिद और लालकिले का निर्माण कराया। ये आज भी ज्यों-के-त्यों खड़े हैं, जैसे अभी-अभी बनाए गये हों।

दिल्ली में देखने योग्य स्थान बहुत हैं। पुराना किला, कुतुबमीमार, लालकिला, गौरीशंकर मन्दिर, गुरुद्वारा सीसगंज, लक्ष्मी नारायण मन्दिर (बिरला मन्दिर) आदि देखने ही योग्य है।

इनके अतिरिक्त चिड़ियाघर, अजायबघर, जन्तर-मन्तर आदि भी देखने योग्य हैं। बागों में रोशनारा बाग, कम्पनी बाग, ताल कटोरा गार्डन, लोदी बाग, बुद्ध विहार (बद्धा गार्डन) आदि भी दर्शनीय हैं।

चाँदनी चौक, खारी बावली, कनॉट प्लेस, राजेन्द्र प्लेस. हरप्लेस, करोल बाग, सदर बाजार आदि यहाँ के मुख्य बाजार हैं। यहाँ स्वतन्त्रता (१९४७) के बाद बीसियों नयी नगर, कीर्तिनगर, रमेशनगर, राजोरी गार्डन, तिलक नगर, मालवीय नगर, वसन्त विहार, सुन्दर नगर, किदवई नगर आदि-आदि। जनकपुरी यहाँ की नयी और सबसे बड़ी बस्ती है।

नयी दिल्ली अंग्रेजों के राज्य में बनी थी। केन्द्रीय सचिवालय, संसद् भवन तथा राष्ट्रपति भवन नयी दिल्ली में ही हैं । नयी दिल्ली में अनेक भवन कई-कई मंजिलों के हैं, जो देखते ही बनते हैं। दिल्ली रेलों का, व्यापार का और शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र है। दिल्ली संसार के सबसे बड़े जनतन्त्र भारत की राजधानी है।

2. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली मेरा शहर है| यह भारत की राजधानी है| यह एक बड़ा और खूबसूरत शहर है। यह यमुना नदी के दाहिनी ओर स्थित है। सभी प्रकार के लोग यहां रहते हैं इसे नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली में विभाजित किया गया है। यह कई चीज़ों के लिए प्रसिद्ध है जामा मस्जिद, गुरुद्वारा सिस गंज और बिड़ला मंदिर इसकी महत्वपूर्ण पवित्र स्थान हैं!

हमारे पास व्यापार केंद्र हैं जैसे चांदनी चौक, सरदार बाज़ार, कनॉट प्लेस और जमाल खान मार्केट। विजय घाट, शांती वैन और राजघाट हैं, दिल्ली में सबसे महत्वपूर्ण जगह हम यहां मिलते हैं वह संसद भवन, लाल किले, पुरानी किले और क़ौतम मिनार है। कई विदेशियों, जब वे दिल्ली आते हैं, तो इन जगहों पर जाएं।

आवागमन बहुत भारी है कई ऊंची इमारतों हैं स्कूल, कॉलेज, बैंक, कार्यालय, होटल, कारखानों, बाजार, पार्क और उद्यान हैं| शहर दिन-ब-दिन विस्तार कर रहा है। मैं अपने शहर को बहुत प्यार करता हूँ|

ऐतिहासिक शहर का दौरा हमेशा एक रोमांचक अनुभव होता है। यह एक आकर्षक साहसिक है पिछली गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मेरा एक ऐसा अनुभव था, जब मैंने दिल्ली का दौरा किया नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह अपने स्वयं के महान ऐतिहासिक महत्व का शहर है। मेरे परिवार के साथ, मैं रेलगाड़ी से दिल्ली पहुंची। कुछ आराम के बाद, हमने दिल्ली की यात्रा की।

दिल्ली एक ऐतिहासिक शहर है। इसे अलग-अलग समय के विभिन्न नामों से बुलाया गया है। एक तरफ लाल किला, जामा मस्जिद, जंतर मंतर, कुतुब मीनार, इंडिया गेट हैं जो भारत के गौरवशाली अतीत को बताते हैं; जबकि राष्ट्रपति भवन, लोटस मंदिर, संसद, कुछ नाम करने के लिए, आधुनिक समय के चमत्कार हैं।

हमने लाल किला का पहला दौरा किया था। लाल किला को लाल किला के रूप में भी जाना जाता है और दिल्ली का मील का पत्थर है यह यमुना नदी के किनारे पर स्थित है यह 1648 में शाह जेहन द्वारा बनाया गया था। यह लाल पत्थरों का उपयोग कर बनाया गया है। इसमें दीवान-ए-आम, दिवाण-ए-खास, रंग महल आदि शामिल थे।

फिर हमने राजघाट, संसद, भारत गेट और लोटस मंदिर का दौरा किया। अगले दिन हम कुतुब मीनार का दौरा किया। यह दुनिया में सुंदर और परिपूर्ण टावरों में से एक है इसमें गुलाबी, लाल शुष्क नारंगी पत्थर और कई कलात्मक नक्काशीयाँ हैं। यह वास्तुकला का एक मणि है मुझे इसे बहुत पसंद आया तब हम लोहे के स्तंभ और जामा मस्जिद को देखने के लिए गए।

भारत में सभी मस्जिदों की सबसे बड़ी हमने जंतर-मंतर में एक पुरानी ज्योतिषीय प्रयोगशाला देखी। शाम तक, हमने दिल्ली के दौरे को पूरा किया था और वापस लौट आया था। मुझे दिल्ली में अपनी यात्रा का बहुत मज़ा आया। यह वास्तव में एक अविस्मरणीय अनुभव था, जो बौद्धिक रूप से फायदेमंद होने के अलावा हमें अपने देश के गौरवशाली इतिहास की झलक दिखा।

3. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

मैं दिल्ली में पैदा नहीं हुआ था और न ही यह मेरे माता-पिता का जन्म स्थान है, लेकिन ये सभी का शहर है। एक आप्रवासियों की भूमि, एक जगह है जहां सदियों से लोग आ चुके हैं, रहते हैं, व्यापार करते हैं, युद्ध लड़े होते हैं और यात्रा करते हैं मैं सिर्फ दिल्ली को प्रस्ताव देना चाहता हूँ| यह एक ऐसी जगह है जहां इतिहास अमिट निशान छोड़ चुका है जो कि आज भी देखा जा सकता है। यह पुराना किला, कुतुब मीनार या हुमायूं की कब्र हो, शहर में पुराने और नए ऐतिहासिक स्मारकों हैं जो कई कहानियां बताते हैं।

भारत में आठ राज्य हैं और इनमें से हर एक उनके भोजन, उनकी पारंपरिक पोशाक, उनके त्योहारों और भाषा में अद्वितीय है। दिल्ली संभवत: एक जगह है जहां किसी को भारत के बाकी प्रत्येक राज्य से लोगों का प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

यह कड़ी मेहनतकश लोगों (कारण एक) के एक महान पिघल पॉट है जो एक बेहतर जीवन जीने और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए आते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह अवसरों का एक शहर है और एक ऐसा जगह है जहां सभी लोगों का स्वागत है| दिल्ली शहर को 1911 में भारत की राजधानी के रूप में चुना गया था और पिछले साल यह नई राजधानी शहर के लिए नींव रखी गई थी, उसके बाद से 100 साल पूरे हो गए थे।

देश में सबसे अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर्स में से एक है (दो कारणों से) विस्तृत सड़कों के साथ, सबसे जटिल अंतर राज्य बस प्रणाली में से एक, एक अच्छी तरह से जुड़े इंट्रा शहर रेल प्रणाली और अन्य विकल्प जैसे कैब्स / टैक्सियों और ऑटो जैसे शहर अधिक साहसी के लिए रिक्शा! यह हमेशा लोगों के साथ मिलना, ऊर्जा पर उच्च और उनके व्यवसाय के बारे में जा रहा है। व्यापार और व्यापारिक समुदाय दिल्ली में सबसे प्रमुख रूप से राजनीतिक सत्ता की सीट के अलावा है और इसलिए भारतीय संसद और सर्वोच्च न्यायालय जैसे सभी प्रमुख राजनीतिक संस्थानों के निवासी हैं। लगभग सभी कंपनियों का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है या कम से कम एक बिक्री कार्यालय है।

4. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

आधुनिक भारत की राजधानी दिल्ली प्राचीनकाल से ही लोगों के आकर्षण का कद्र रही है। यह राजपतों. मगलों और अंग्रेजों के काल में भारत की राजधानी रही। यहाँ अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल दर्शनीय हैं जो अपने में कला, संस्कृति, इतिहास तथा सभ्यताओं को समेटे हुए हैं।

दिल्ली में लालकिला, जामा मसजिद, हुमायूँ का मकबरा, जंतर-मंतर, कुतुबमीनार, पुराना किला, बिड़ला मंदिर, गुरुद्वारा सीसगंज, लाल मंदिर, लोटस टेंपल, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, चिड़ियाघर, राजघाट, शांतिवन, विजयघाट, बाल भवन, डॉल म्यूजियम, रेल व वायुसेना संग्रहालय, नेहरू म्यूजियम, बुद्धा पार्क, डियर पार्क, रोशन आरा बाग आदि स्थान दर्शनीय हैं।

दिल्ली में यमुना किनारे स्थित लालकिला ऐतिहासिक महत्त्व का एक महत्त्वपूर्ण। दर्शनीय स्थल है। यह लाल पत्थर का बना हुआ है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। इसके अंदर नौबतखाना, रंग-महल, दीवाने-खास और दीवाने-आम देखने योग्य हैं। इसके संग्रहालय में रखी ऐतिहासिक वस्तुएँ अपनी कहानी कहती जान पड़ती हैं।

लालकिले के सामने ही जामा मसजिद है। यह भी लाल पत्थर की बनी हुई है। यह मुगलकाल की बेजोड़ कला का नमूना है। इसका निर्माण भी मुगल बादशाह शाहजहाँ ने करवाया था। जैन धर्म के मानने वालों का लाल मंदिर, सनातन धर्मियों का गौरीशंकर मंदिर तथा सिखों का गुरुद्वारा सीसगंज, चाँदनी चौक तथा फतेहपुरी मसजिद भी देखने योग्य हैं। कनॉट प्लेस स्थित जंतर-मंतर ज्योतिष शास्त्र पर निर्मित एक अद्भुत वस्तु है। इसे सवाई मानसिंह ने बनवाया था। इससे दिन में समय की जानकारी प्राप्त होती थी तो रात में नक्षत्रों की गणना की जाती थी।

पुराना किला पांडवकाल की भवन निर्माण कला का जीता-जागता नमूना है। इसके समीप ही विशाल क्षेत्र में बना चिड़ियाघर भी दर्शनीय हैं। इसमें देश-विदेश के दुर्लभ पशु-पक्षियों को देखने का सुअवसर मिलता है। इनके निवास स्थान तथा स्वभाव के संबंध में भी ज्ञान प्राप्त होता है| बहादुरशाह जफ़र मार्ग पर स्थित डॉल म्यूजियम तो दर्शकों का मन ही मोह लेता है।

यहाँ पर देश-विदेश की गुड़ियों का संग्रह है। इन्हें देखकर विभिन्न देशों के लोगों की वेश-भूषाओं का ज्ञान होता है। महरौली स्थित कुतुबमीनार देशी-विदेशी दर्शकों का प्रमुख आकर्षण-स्थल है। इसे सर्वप्रथम राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान ने विजय स्तंभ के रूप में बनवाया था जिसे बाद में कुतुबुद्दीन ने कुतुबमीनार में बदलकर कुरान की आयतें खुदवा दीं। इसके समीप ही स्थित लौह स्तंभ भी दर्शनीय है। यह लोगों के कौतूहल का विषय है। यह स्तंभ अत्यंत प्राचीन है और इस पर जंग नहीं लगता है।

स्थत बिड़ला मंदिर में प्रतिमाओं की भव्यता और दीवारों पर बनी हित्य के नए-पुराने नीति वाक्य आपको आनंदविभोर कर देते हैं। नई दिल्ली स्थित बिड़ला मंदिर में प्रतिमाओं चित्रकला तथा साहित्य के नए-पुराने नीति वाक्य लोटस टैंपल आधुनिक भवन निर्माण कला का अद्भुत नमूना है| संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, रेडियो-दूरदर्शन केंद्र, बाल भवन भी अपनी स्थापत्य कला के अनूठे नमूने हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट, पंडित जवाहरलाल नेहरू की समाधि तवन, श्री लाल बहादुर की समाधि विजय घाट पर मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है।

रेल और वायुसेना संग्रहालय में रेलों के इतिहास तथा वायुसेना संग्रहालय में विमानों के छोटे-बड़े लड़ाकू, गैर-लड़ाकू विमानों को देखकर तथा उनके कारनामों को सुनकर हृदय कौतूहल से भर जाता है। इस प्रकार दिल्ली में अनेक महत्त्वपूर्ण स्थल दर्शनीय हैं। इन स्थलों को देखने से दिल्ली के इतिहास, कला, संस्कृति की जानकारी प्राप्त होती है।

5. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली ऐतिहासिक नगरी है । यह भारतीय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी । बाद में यह मुहम्मद गौरी के नियंत्रण में आ गई । मुगलकाल में भी यह नगर महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था । अंग्रेजों ने सन् 1911 में कोलकाता के स्थान पर दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया । 1947 ई. में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् यह भारत की राजधानी बनी । आज नई दिल्ली भारत की राजधानी है । यह यमुना नदी के तट पर बसी हुई है ।

आज दिल्ली एक आधुनिक भव्य नगर का रूप ले चुकी है । यहाँ अनेक भव्य इमारतें और चौड़ी सड़कें हैं । सड़क परिवहन के अलावा यहाँ रेल परिवहन और वायु परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था है । इक्कीसवीं सदी की आवश्यकताओं को देखते हुए

वातानुकूलित एवं स्वचालित मैट्रो रेल की स्थापना की गई है । इससे स्थानीय यात्रा में लगनेवाले श्रम, समय एवं धन की बचत होती है । दिल्ली के बाजार भी बड़े भव्य हैं । बड़े-घड़े मॉल्स शहर की रौनक बढ़ाते हैं । सुपर बाजारों की संख्या भी दिनोदिन बढ़ती जा रही है । लोगों के निवास के लिए बहुमंजिली इमारतें बनाई गई हैं ।

देश की राजधानी होने के कारण यहाँ भारत सरकार के सभी प्रमुख कार्यालय हैं । देश की राजनीतिक व्यवस्था का प्रमुख केन्द्र संसद भवन है । पास ही अनेक कार्यालय हैं । राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय एवं निवास है ।

यह बहुत आकर्षक भवन है । यहाँ विदेशी राष्ट्रप्रमुखों का स्वागत किया जाता है । उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है । यहीं पर प्रसिद्ध मुगल उद्‌यान है जिसे बसंत ऋतु में आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है । इस उद्‌यान का प्रमुख आकर्षण गुलाब का पुष्प है जो यहाँ विभिन्न किस्मों में पाया जाता है ।

राष्ट्रपति भवन की सीध में इंडिया गेट परिसर है । इंडिया गेट भारत के शहीदों को समर्पित है । यहाँ भारत के लिए प्राण अर्पित करने वाले शहीदों के सम्मान में रात-दिन ज्योति प्रज्वलित रहती है । महत्त्वपूर्ण अवसरों पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं रक्षा मंत्री यहाँ आते हैं तथा राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।

राजधानी दिल्ली में अनेक दर्शनीय स्थल हैं । यहाँ शाहजहाँ द्वारा निर्मित लाल किला और जामा मस्जिद बहुत प्रसिद्ध है । लालकिला एक भव्य किला है जिसे लाल बलुए पत्थर से बनाया गया था । इसके भीतर संग्रहालय, दीवाने आम, दीवाने खास जैसी सुंदर इमारतें हैं । जामा मस्जिद भी बहुत आकर्षक है । पर्यटक इन स्थानों को देखने बड़ी संख्या में आते हैं ।

दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार भारत की सबसे ऊँची प्राचीन मीनार है । यह भारत की राष्ट्रीय धरोहर है । इसमें की गई कलाकारी बहुत आकर्षक है । पास ही मौर्यकालीय लौह स्तंभ है । इसकी विशेषता यह है कि इसमें कभी जंग नहीं लगता ।

दिल्ली में कमल मंदिर, पुराना किला, हुमायूँ का मकबरा, बिड़ला मंदिर, छतरपुर मंदिर, जंतर-मंतर, चिड़ियाघर, अप्पुघर जैसे अनेक दर्शनीय स्थान हैं । कमल मंदिर में सभी धर्मों के लोग शांत बैठकर परमात्मा का ध्यान लगा सकते हैं । पुराने किले में पांडव काल के अवशेष देखे जा सकते हैं । छतरपुर मंदिर आधुनिक वास्तुकला का अच्छा नमूना है ।

जंतर-मंतर राजा जयसिंह द्वारा बनाई गई वेधशाला है । दिल्ली स्थित चिड़ियाघर में अनेक प्रकार के दुर्लभ पशु-पक्षियों के दर्शन होते हैं । अप्पुघर चिड़ियाघर के पास ही है । यह बच्चों की आकर्षक सैरगाह है ।

दिल्ली को उद्‌यानों की नगरी कहा जाता है । यहाँ हर मोहल्ले में पार्क एवं उद्‌यान हैं । ये दिल्ली को हरा- भरा रखने में बहुत मदद करते हैं । ग्रीष्म ऋतु में जब यहाँ अत्यधिक गर्मी पड़ती है, पेड़ तापमान को नियंत्रित करने में बहुत मदद करते हैं ।

दिल्ली की आबादी बहुत घनी है । यहाँ सवा करोड़ से अधिक लोग रहते हैं । उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग प्रतिवर्ष यहाँ रोजी-रोटी की खोज में आते हैं । आबादी के बढ़ने से दिल्ली के उपनगरीय क्षेत्र बढ़ रहे हैं ।

दिल्ली लगातार फैलती जा रही है । इतनी बड़ी आबादी के लिए बिजली, पानी, सड़क, परिवहन आदि का प्रबंध कर पाना सचमुच एक चुनौतीपूर्ण कार्य है । जनसंख्या है तो प्रदूषण की समस्या भी है । वाहनों की अत्यधिक संख्या तथा कूड़े-करकट के ढेर प्रदूषण के मुख्य कारण हैं ।

दिल्ली को ‘ लघु भारत ‘ कहा जा सकता है । यहाँ भारत के कोने-कोने से आए बहुधर्मी और बहुभाषी लोग रहते हैं । सभी लोग मिलजुल कर तथा आपस में भाईचारा बनाकर रहते हैं । लोग एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं । दीपावली, दशहरा, होली, बैशाखी, ईद आदि यहाँ के मुख्य त्योहार हैं । दिल्ली की समृद्धि भारत की समृद्धि की ओर संकेत करती है ।

6. दिल्ली पर निबंध – Essay on Delhi in Hindi

भारत की राजधानी दिल्ली का इतिहास बहुत पुराना है । प्राचीन समय से लेकर आज तक इसका रूप, रंग तथा नाम बदलता रहा है । यहीं पर कौरबों और पाण्डवों का युद्ध हुआ, श्रीकृष्ण ने पांचजन्य शंख का उद्घोष किया ।

यहीं महाराजा युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया और इसका नाम ‘इन्द्रप्रस्थ’ रखा । इस दिल्ली के सर्वप्रथम संस्थापक सूर्यवंशी राजा दिलीप थे । उस के पश्चात् धर्मराज युधिष्ठिर और अन्तिम हिन्दू सम्राट ‘पृथ्वी राज चौहान’ थे । उन्होंने इसका नाम दिल्ली रखा । उन्होंने ही मोहम्मद गौरी को 14 बार पराजित किया । यदि जयचन्द आक्रमणकारियों की सहायता न करते तो यह पराधीन न होती ।

दिल्ली का इतिहास अनेक बार रक्त रंजित हुआ है । अनेक आक्रमणकारी आये, जिनकी बर्बरता का स्मरण कर व्यक्ति कांप उठता है । तैमूर और नादिरशाह के कत्ले आम में खून की नदियाँ इसी दिल्ली की गलियों में बहीं ।

1857 के युद्ध में यह फिर रक्त में नहाई । मुसलमान शासकों और इसके पश्चात् अंग्रेजों ने 200 वर्ष तक यहां शासन किया । स्वतंत्रता प्रेमी यहां फांसी पर चढ़ाए गए । ‘स्वतंत्रता’ प्राप्ति के पश्चात् 15 अगस्त 1947 को लाल किला पर तिरंगा फहराया गया ।

सोने की चिड़िया कहलाने वाले इस देश को अनेक आक्रमणकारियों ने लूटा और अनेक राजाओं ने सजाया । लेकिन दिल्ली का सौन्दर्य दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही गया । आज भी दिल्ली यमुना नदी के दाहिने किनारे स्थित है । अनेक पड़ोसी राज्यों से घिरी हुई है ।

पहले यह केन्द्र शासित राज्य था, लेकिन अब यहाँ विधान सभा क्य निर्माण हो चुका है । स्वतंत्रत प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली का पर्याप्त विस्तार हुआ । आज दिल्ली, सोनीपत और गाजियाबाद तक फैल गई है । सभी सांसद, मन्त्री और विदेशी राजदूत यहाँ रहते हैं । यहीं पर संसद भवन, राष्ट्रपति भवन तथा केन्द्रीय सचिवालय हैं ।

लाल किला, कुतुब मीनार, पुराना किला, फिरोजशाह कोटला, लोधी पार्क, मुसलमानों की जामा मस्जिद, हिन्दुओं का गौरी शंकर मन्दिर, बिडला मन्दिर, सिक्खों का गुरुद्वारा सीसगंज । निजामुद्दीन औलिया की दरगाह, हुमायुं का मकबरा और राजपूत राजा सवाई मानसिंह द्वारा निर्मित जन्तर-मन्तर भी यहीं हैं । प्राचीन समय में इसके द्वारा सूर्य, चन्द्रमा, पृथ्वी, नक्षत्रों की स्थिति क्य ज्ञान प्राप्त किया जाता था ।

भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक राष्ट्रीय संग्रहालय है । बुद्धगार्डन, तालकटोरा गार्डन, मुगल गार्डन, रोशनारा बाग, अजमल खाँ पार्क, लोदी गार्डन जैसे दर्शनीय बाग हैं । कनाट प्लेस, सुपर बाजार जैसे मुख्य बाजार हैं । बच्चों के मनोरंजन के लिए चिड़ियाघर और अप्पू घर हैं ।

यहीं पर बड़ी-बड़ी मंडियां, लोहा मंडी, सब्जी मंडी हैं । सोने, चांदी, कपड़े, बर्तन, रसायन, जैम-जैली, मुरब्बे आदि का व्यापार बड़े पैमाने पर होता है । शिक्षा के प्रमुख केन्द्र दिल्ली में हैं । यहाँ पर दिल्ली विश्वविद्यालय, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, इन्दिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय हैं ।

इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय, सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट, सैनिक छावनी, कई दिल्ली पुलिस लाइनें हैं । आकाशवाणी भवन, दूरदर्शन केन्द्र, सबसे ऊँचा टी॰वी॰ टावर, विज्ञान भवन इसकी शोभा को और बढ़ाते हैं । दिल्ली गेट के बाहर अनेक महापुरुषों जैसे- महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, इन्दिरा गाँधी, राजीव गाँधी, ज्ञानी जैल सिंह, बाबू जगजीवन राम आदि नेताओं की समाधियाँ है ।

दिल्ली की सड़कों पर हर प्रकार के वाहन चलते हैं । जैसे बस, स्कूटर, कार, टैक्सी, साइकिल, तांगा आदि । यहाँ दो बडे रेलवे स्टेशन तथा अनेक छोटे रेलवे स्टेशन हैं । दिल्ली मात्र भारत की राजधानी नहीं है, अपितु यह भारत का दिल है । हर कोई इसके सौन्दर्य का पान करने को तरसता है ।

अपने सौन्दर्य से यह सबको मंत्र-मुग्ध कर देती है । जो यहाँ आता है, यहीं का होकर रह जाता है । इसी से प्रतिवर्ष लाखों की जनसंख्या बढ़ जाती है । इतनी बड़ी आबादी के कारण आवास, परिवहन, शिक्षा संस्थाओं की व्यवस्था विकट रूप लेती जा रही है । प्रदूषण भी बढ़ने लगा है ।