दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali Kyu Manayi Jati Hai

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali Kyu Manayi Jati Hai

माना जाता है कि जब भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया और यहां से ही भारतवर्ष में दिवाली के त्योहार का चलन शुरू होना माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान् श्री राम अपने जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। इसलिए वहां के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे ,तब से ही दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तोहफे भेंट किये जाते है। दिवाली के त्यौहार के समय कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में दिखाई देती है यह सभी लोगो का एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक त्यौहार है लोगो के द्वारा दिवाली को ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।

संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म के में से सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्य लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगो के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली को एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी फेस्टिवल को ख़ुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।

दीपों का त्यौहार दिवाली आई है,
खुशियों का संसार दिवाली आई है,
घर आँगन सब नया सा लगता है,
नया नया परिधान सभी को फबता है,
नए नए उपहार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लाई है ,
शुभ दीपवाली

भारत वर्ष में कैसे मनायी जाती है दीपावली

दीपावली को भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और लाइटों से सजाया जाता है और इनके साथ साथ पुरे घर में दीये भी जालये जाते है। और घरो में अनेक प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है,इस त्यौहार को मिठाई और पटाखों फुलझड़ियों के द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है,दिवाली के त्यौहार में बाजारों में कई प्रकार की मिठाइयों को बनाया जाता है और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहारों के समय में बहुत भीड़ भरी रहती है। सभी लोगो के द्वारा यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दिवाली की शुभ अवसर में लोगो के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी की जाती है। और इस दिन सभी लोगो के द्वारा नए-नए कपड़ें भी पहने जाते है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली में दुकानों को बाजारों में लाइटों से खूब सजाया जाता है।

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली के शुभ अवसर में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान् गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती हैऔर लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दिवाली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगो का पसंदीदा त्यौहार है। दिवाली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।

Diwali में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के एक दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन लोगो के द्वारा किसी वस्तु के रूप में खरीदारी की जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा को धनतेरस के दिन किया जाता है। माँ लक्ष्मी जी को प्र्शन्न करने के लिए लोगो के द्वारा आरती और भजन किया जाता है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है यह दिवाली भगवान् श्री कृष्ण जी की पूजा करके मनाई जाती है कहा जाता है की श्री कृष्ण जी के द्वारा इस दिन राक्षस राजा नारकसुर को मार दिया गया था। छोटी दिवाली के बाद मुख्य दिवाली का सेलेब्रेशन किया जाता है। उसके बाद अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है यह पूजा भी श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है इस दिन दरवाजे में लोगो के द्वारा गोबर की पूजा की जाती है, और साथ ही पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है भाई दूज के त्यौहार को बहन और भाई के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनो के द्वारा इस दिन भाई की पूजा के साथ-साथ भाई को नारियल दिया जाता है। और भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान् से प्रार्थना की जाती है।

दिवाली फेस्टिवल को किस तरह सेलेब्रेट करें?

दीपावली का अर्थ होता है ‘दीप’ और ‘प्रकाश’ इसलिए सभी लोग दिवाली के त्यौहार को बड़ी शांति और सदभावना के साथ मनाये। पटाखों के जलाने से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है और यह सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। इस दिवाली आओ मिलकर सभी यह संकल्प लें की प्रकृति के लिए कुछ उपहार भेंट करें और यह उपहार आप पटाखों का उपयोग न करके कर सकते है।

पटाखों की आवाज सुनकर बहुत से बेजुबान जानवर भी इनकी आवाजों से डर जाते है और घर के बुजुर्ग लोग भी पटाखों की ध्वनि से परेशान हो जाते है। और इसकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण की उत्पत्ति होती है।

देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में हम उनकी मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक लाइटों का प्रयोग न करके अधिक से अधिक दीयों का प्रयोग कर सकते है। और इस तरीके से दिवाली पराम्परिक रूप से मनाई जाएगी

दिवाली खुशियों का त्यौहार है अपने मनोरंजन और आनंद के लिए कभी भी किसी बेजुबान जानवरों और प्रकृति को हानि ना पहुचायें। हम सभी लोगो का यह कर्तव्य है की लोगो को दिवाली किस तरीके से मनानी चाहिए उसके लिए जागरूक करना।

दिपावली का निबंध

दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है और हर वर्ष यह त्यौहार बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है दीपवाली खुशियों का त्यौहार है दीपावली में पांच दिन तक अलग-अलग फेस्टिवल मनाये जाते है। पांच दिनों तक चलने वाला यह सबसे बड़ा पर्व है। दशहरा खत्म होते ही दिवाली की तैयारियां देश भर में शुरू हो जाती है। दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात को मनाया जाता है भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे उस ख़ुशी में अयोध्यवासियों के द्वारा घी के दीये जलाये गए थे। उसी दिन से दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली दीपों का त्यौहार होने के कारण सभी के मन को आलोकित करता है इस त्यौहार के आने से सभी घरों में अलग ही रौनक उत्पन्न हो जाती है। दीपावली के दिन रात्रि में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वे हमेशा हमारे ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें। दिवाली में विभिन्न प्रकार की मिठाई और स्वादिस्ट व्यंजन बनाये जाते है खील-बताशे का प्रसाद दिवाली के त्यौहार में चढ़ाया जाता है। फुलझड़ी, पटाखे आदि तरह के पटाखों को दिवाली में जश्न के रूप में फोड़ा जाता है ,असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को अपने तरफ आकर्षित कर लेती है बाजारों दुकानों,और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब का भेदभाव को भूलकर मिल जुलकर त्यौहार को मनाते है। दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। मेहमानो का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाई और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली उपहारों और भेंट और खुशियों का त्यौहार है इस त्यौहार के द्वारा नया जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दीपावली हिंदूओ का प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली का भारत की संस्कृति तथा परम्परा को दर्शाता है।
  • दिवाली को दीपकों का त्यौहार भी कहा जाता है, मिट्टी के दीये जलाये जातें हैं।
  • दीपावली श्री राम 14 साल के वनवास काटकर अयोध्या लौटने की ख़ुशी तथा उनके स्वागत में मनाई जाती है।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास में आता है।
  • दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि घर में ऋद्धि- सिद्धिं बनी रहे।
  • दीपावली में सभी लोग अपने घरों को अनेक प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
  • दीपावली के दिन पटाखे, फुलझड़ी, आदि जलाकर हर्सोल्लास मनाया जाता
  • दीवाली की शाम सभी लोग अपने आस पड़ोस अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं।
  • भारत के अलग-अलग राज्य में दिवाली मनाने के विभिन्न स्वरुप
  • बंगाल उड़ीसा– राज्य के द्वारा दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की इस दिन माता शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया गया था। और इस दिन लक्ष्मी जी के स्थान पर यहाँ माँ काली की पूजा की जाती है।
  • पंजाब-राज्य में दिवाली को इस रूप में मनाया जाता है की इस दिन 1577 इसवीं पूर्व स्वर्ण मंदिर की नीव रखी गयी थी। और सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था।
  • तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश-राज्य में दिवाली को द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

श्रीलंका इस देश में रह रहे लोगो के द्वारा दिवाली के त्यौहार के दिन प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान किया जाता है। और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते है और दिवाली मनाने के लिए वहां विभिन्न प्रकार के खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज का आयोजन किया जाता है।

मलेशिया-इस देश में इस दिन सरकारी अवकाश किया जाता है ,क्योंकी यहाँ सबसे अधिक हिन्दू लोग रहते है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में पार्टी करते है और साथ ही इस पार्टी में मलेशिया के नागरिक भी शामिल होते है।

नेपाल –में दिवाली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नेपाल में दिवाली के दिन कुत्तों को सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है और शाम के समय में वह सभी घरों में दीये जलाये जाते है,बधाई देने के लिए एक दूसरे के घरों में जाते है।