देव दिवाली के बारे में पूरी जानकारी – Dev Diwali in Hindi

देव दिवाली काशी में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस साल देव दिवाली 30 नवंबर को मनाई जाएगी। इस बार खास बात ये है कि कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया भी लगने जा रहा है। देव दिवाली को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सभी देवता स्वर्गलोक से काशी में दिवाली मनाने आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। आइए जानते हैं इस पर्व का धार्मिक महत्व है और देव दिवाली का शुभ मुहूर्त क्या है।

देव दिवाली के बारे में पूरी जानकारी – Dev Diwali in Hindi

यह घटना कार्तिक मास की पूर्णिमा को हुई थी. त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में अनेकों दीए जलाए. यही कारण है कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज भी काशी में दिवाली मनाई जाती है. चूंकि ये दीवाली देवों ने मनाई थी, इसीलिए इसे देव दिवाली कहा जाता है

देव दिवाली का शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, देव दिवाली 30 नवंबर को मनाई जाएगी। जबकि कार्तिक पूर्णिमा तिथि 29 नवंबर को दोपहर 12:47 बजे से शुरू होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 बजे समाप्त होगी।

देव दिवाली का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिससे देवगण बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने शिवजी को त्रिपुरारी नाम दिया जो शिव के अनेक नामों में से एक है। त्रिपुरासुर के वध होने की खुशी में सभी देवता स्वर्गलोक से उतरकर काशी में दीपावली मनाते हैं।

इसलिए इस दिन किया जाता है दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व महाभारत से भी जुड़ा है। कथा के अनुसार जब कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब पांडव इस बात को लेकर बहुत ही परेशान और दुखी हुए कि युद्ध में उनके कई सगे- संबंधियों की मृत्यु हो गई। असमय मृत्यु के कारण वे सोचने लगे कि इनकी आत्मा को शांति कैसे मिलेगी।

पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया गया दीपदान

तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को चिंता को दूर करने के लिए कार्तिक शुक्लपक्ष की अष्टमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए तर्पण और दीपदान करने को कहा था। तभी से कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और पितरों को तर्पण देने के लिए इस तिथि का महत्व होता है।