शिलांग पर निबंध – Essay on Shillong in Hindi

नमस्कार दोस्तों! इस पोस्ट में शिलांग पर निबंध (Essay on Shillong in Hindi) के द्वारा शिलांग के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिस करूँगा । समुद्र तल से 1,491 मीटर की उचाई पर स्थित शिलांग मेघालय की राजधानी और एक फेमस हिल्स स्टेशन स्टेशन है। यह देश का ऐसा पहला ऐसा हिल स्टेशन हैं जहां चारों तरफ से जा सकते हैं।

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय में स्थित एक पर्वतीय स्थल एवं मेघालय की राजधानी है। यह ईस्ट खासी हिल्स जिले का मुख्यालय भी है। जनसंख्या की दृष्टि से २०११ की भारतीय जनगणना के अनुसार १,४३,२२९ के आंकड़े के साथ शिलांग का भारत में ३३०वां स्थान है। शहर के बारे में कहा जाता है कि नगर को घेरे हुए घूमती पहाड़ियां इसे ब्रिटिश लोगों को स्कॉटलैण्ड की याद दिलाती थीं। इसी लिये वे इसे स्कॉटलैण्ड ऑफ़ द ईस्ट कहा करते थे।

शिलांग आकार में बढ़ता चला गया, क्योंकि १८६४ में इसे खासी एवं जयन्तिया हिल्स क्षेत्र का सिविल स्टेशन बनाया या था। १८७४ में असम के मुख्या आयुक्त प्रान्त (चीफ़ कमिश्नर्स प्रोविन्स) गठन किये जाने पर इसे नये प्रशासन का मुख्यालय घोषित किया गया। ऐसा इस स्थान की ब्रह्मपुत्र एवं सूरमा नदियों के बीच उपयुक्त स्थिति को देखते हुए तथा भारत के गर्म उष्णकटिबन्धीय जलवायु से अपेक्षाकृत शिलांग के ठण्डे मौसम को देखते हुए किया गया था। शिलांग २१ जनवरी १९७२ को नवीन मेघालय राज्य के गठन होने तक अविभाजित असम की राजधानी बना रहा और इसके बाद असम की राजधानी को गुवाहाटी में दिसपुर स्थानांतरित कर दिया गया।

शिलांग पर निबंध – Long and Short Essay on Shillong in Hindi

शिलांग शहर कई पर्यटन स्थलों से सुसज्जित हैं जिस वजह से शिलांग घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत अधिक होती हैं। तो क्यों न आप भी एक बार इस प्राकृतिक प्रदेश की यात्रा के लिए निकले और इसकी सुन्दरता का लुत्फ़ उठाएं।

शिलांग में घूमने वाली जगह में उमियम झील एक मानव निर्मित झील है। यह झील भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय कि राजधानी शिलांग से 15 किलोमीटर कि दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित हैं। यह झील उन लोगो के लिए स्वर्ग कि तरह हैं जो प्रकृति कि खूबसूरती में दिलचस्पी रखते हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थल में शामिल शिलांग पीक समुद्र तल से 6449 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिलांग का सबसे उच्चतम बिंदु हैं। यहाँ पीक झरने के साथ-साथ पर्यटकों को शानदार और मनोरम दृश्य को प्रस्तुत करता हैं। सैलानिया दूरबीन के माध्यम से पक्षियों का आकर्षित दृश्य देख सकते हैं। यह स्थान कोहरे से घिरा हुआ रहता हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थलों में हाथी फाल्स एक प्रमुख स्थल है और यह उत्तर पूर्व राज्य में सबसे लोकप्रिय फॉल्स में से एक हैं। हाथी का झरना पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग के सामान है। अंग्रेजों ने इस जलाशय को हाथी के आकार के कारण हाथी झरना या एलीफैंट फाल्स नाम दिया था। हलाकि 1897 में आएं भूकंप के चलते यह पत्थर क्षतिग्रस्त हो गया है।

शिलांग में देखने के लिए यहां का मावलिननांग गांव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन हुआ हैं। मेघालय राज्य के मावलिननांग गांव को ‘गॉड्स ओन गार्डन’ के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2003 में इस गांव ने एशिया के सबसे स्वच्छ गांव होने का दर्जा प्राप्त किया हैं। वर्ष 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार इस गांव में लगभग 95 मकान, कृषि पर निर्भर लोगो के बीच साक्षरता दर 100% और मुख्य कृषि सुपारी थी। शिलांग का मावलिननांग गांव क्लीनेस्ट विलेज इन इंडिया के रूप में भी जाना जाता हैं।

डेविड स्कॉट ट्रेल मेघालय राज्य में सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग मार्ग हैं। इस मार्ग का नाम 1800 के दशक में एक ब्रिटिश अधिकारी डेविड स्कॉट द्वारा रखा गया था। इस मार्ग का उपयोग बांग्लादेश और असम के बीच किया जाता हैं। इस स्थान पर ट्रैक के लिए अक्टूबर और नवम्बर महिना सबसे अच्छा रहता हैं।

शिलांग शहर के मध्य में स्थित वार्ड की झील हैं शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और शिलांग यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए यह झील बहुत खास हैं। यह हरे-भरे बगीचे से घिरी हुई एक कृत्रिम झील हैं। इस झील को पोलक की झील के नाम से भी जाना जाता हैं और यह एक शानदार पिकनिक स्पॉट हैं।

मौसिनराम दुनिया के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक हैं। बारिश का लुत्फ़ उठाने वाले और प्रकृति प्रमियों के लिए स्थान एक स्वर्ग के सामान हैं। मासिनराम और चेरापूंजी एक दूसरे के नजदीक हैं। मासिनराम का अर्थ “माव” खासी शब्द से लिया गया हैं जिसका अर्थ पत्थर है। इस गांव का आकार शिवलिंगम की भाती हैं और यह गांव स्टैलाग्माइट को एकत्रित करने के लिए जाना जाता हैं।

शिलांग में घूमने के लिए डॉन बॉस्को संग्रहालय पूरे उत्तर पूर्वी भारत के बारे में सामूहिक जानकारी को एक स्थान पर एकत्रित करके रखने वाला स्थान हैं। इसमें एक थीम संग्रहालय, पोशाक, हस्तशिल्प, संग्रहालय में क्षेत्रीय कलाकृति, अलंकरण, तस्वीरों और हथियारों को एकत्रित करके रखा गया हैं। यह संग्रहालय एक सात मंजिला ईमारत हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थल लेडी हैदरी पार्क यहां आने वाले प्रत्येक टूरिस्ट की पसंदीदा जगह हैं। इस पार्क प्रांत की पहली महिला “लेडी हैदरी” को समर्पित किया गया है। इस विशाल पार्क को एक सुंदर मिनी चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है। लेडी हैदरी पार्क में 73 पक्षियों की प्रजाति और 100 से अधिक सरीसृपों को एक साथ देखा जा सकता हैं।

शिलांग घूमने वाली जगहों में स्वीट फाल्स देश के सबसे विशाल और सबसे शानदार झरनों में से एक हैं। हैप्पी वैली से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह आकर्षित स्वीट फाल्स पर्यटकों के बीच लौकप्रिय पिकनिक स्पॉट हैं। स्वीट फाल्स कि ऊंचाई 96 मीटर हैं। इस झरने का सफर थोडा मुस्किलो से भरा हुआ होता हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थलो नोहशंगथियांग फॉल्स चेरापूंजी से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह झरना चेरापूंजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों शामिल हैं। यह झरना भारत के सबसे उंचे झरनों में से एक हैं और लगभग 1033 फीट ऊंचाई से गिरता हैं। नोहसिंगिथियांग फॉल्स मेघालय के मव्समाई गांव में स्थित हैं।

शिलांग में घूमने वाली जगहों में यहां का स्प्रेड ईगल फॉल्स एक शानदार पर्यटन स्थल है। स्प्रेड ईगल झरना शिलांग के खासी जिले में छावनी से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं यह झरना शिलांग के सबसे चौड़े झरनों में से एक माना जाता हैं। शिलांग यात्रा के दौरान सती जलप्रपात या उर्कलियार के नाम से फेमस इस झरने को घूमने जरूर जाएं।

शिलांग के प्रमुख पर्यटक स्थलों में घूमने वाली जगहों में यहां का मावफलांग गांव एक प्रमुख स्थान हैं। यह भारत के उत्तर-पूर्व राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह स्थान पवित्र वन के बीच में स्थित हैं। पवित्र वन क्या हैं यदि यह जानना हैं इस स्थान का दौरा करना चाहिए।

शिलांग में घूमने की जगह जकार्म सल्फर का एक प्रसिद्ध गर्म पानी का झरना है। शिलांग शहर से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान यहां के स्थानीय लोगों के बीच हॉट स्प्रिंग्स के रूप में लोकप्रिय है।

मेघालय राज्य संग्रहालय सैलानियों के लिए एक आकर्षण पर्यटन स्थल है। जिसमे आदिवासी के समय की कलाकृतियों और प्राचीन शास्त्रों का संग्रह करके रखा गया हैं। यह खूबसूरत संग्रहालय स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में लाइचुमियर में स्थित है और इसका रखरखाव मेघालय राज्य सरकार द्वारा किया जाता हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थलों में शामिल खासी हिल्स मेघालय की खासी जनजाति के नाम पर बनाई गई हैं। खासी पहाड़ी गारो-खासी रेंज का एक हिस्सा हैं और बड़ी पटकाई पहाड़ी की श्रृंखला के एक हिस्से के रूप में जाना जाती हैं। जोकि उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भारत और म्यांमार की सीमा पर पहाड़ी की एक श्रंखला हैं। एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नदी द्वीप “नोंगखुम द्वीप” भी इस आकर्षित स्थान पर हैं।

शिलांग में घूमने के लिए असंख्य संग्रहालय हैं। वानखर एंटोमोलॉजी संग्रहालय, बटरफ्लाई संग्रहालय, अरुणाचल राज्य संग्रहालय, मेघालय राज्य संग्रहालय और राइनो संग्रहालय शिलांग यात्रा के दौरान आप देख सकते हैं।

शिलांग के पर्यटन स्थलों में शामिल सोहपेटबिनेंग समुद्र तल से 1343 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक प्राकृतिक स्थान हैं। सोहपेटबिनेंग शब्द का स्थानीय भाषा में अर्थ ‘स्वर्ग की नाभि’ और वास्तव में स्वर्ग होता है।

शिलांग के आकर्षित पर्यटन स्थलों में से एक कैलांग रॉक लाल ग्रेनाइट से बनी एक खूबसूरत और अनोखी विशालकाय चट्टान हैं। जोकि मेघालय राज्य के पश्चिम खासी हिल्स में रखा गया एक विशाल गुंबद है। समुद्र तल से इस चट्टान की ऊंचाई लगभग 5400 फीट है और इसकी चौड़ाई लगभग 1000 फीट है। ग्रेनाइट का यह विशाल खंड लौक कथाओं का हिस्सा भी माना जाता हैं।

शिलांग का पर्यटन स्थल डेंगी चोटी शिलांग के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं। 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पीक शिलांग की सबसे ऊंची चोटी शिलांग से सिर्फ 200 फीट छोटी है। इस चोटी की लगभग 1000 ऊंचाई बहुत अधिक सीधी (खड़ी ) हैं। यहां होने वाले साहसिक खेलों में रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग शामिल हैं।

शिलांग घूमने जाने के लिए अप्रैल से जून (ग्रीष्मकाल) सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय के दौरान यहां का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया हैं।

शिलांग पर्यटन स्थल अपने यहां अति स्वादिष्ट भोजन की पेशकश करता हैं। यदि आप शिलांग की यात्रा पर आएं हुए हैं तो यहां के भोजन का आनंद लेना न भूले। शिलांग में मिलने वाले लोकल फूड में मोमोज, जलेबी, तुंगरीम्बाई, जादो, डोनिंग, चाउमीन, पाइनएप्पल, स्मोक्ड मीट, दोह खलीह, पुखलीन, चिल्ली पोर्क आदि के अलावा भी आपको कई आइटम आपके मूह का टेस्ट सुधारने और पेट की भूख शांत करने के लिए मिल जाएंगे।

शिलांग यात्रा पर जाने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। शिलांग सभी तरह के यातायात साधनो से संपन्न हैं।

शिलांग शहर के पास अपना कोई एयरपोर्ट नही हैं लेकिन सबसे करीबी एयरपोर्ट 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बारापानी के पास उमरोई हवाई अड्डा है। अन्य शहरों के साथ इस एयरपोर्ट की सीमित कनेक्टिविटी है। भारत के सभी प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से कनेक्टिविटी के लिए गुवाहाटी हवाई अड्डा सबसे अच्छा विकल्प हैं (शिलांग भारत जाने के लिए फ़्लाइट)। गुवाहाटी से शिलांग की दूरी लगभग 100 किलोमीटर हैं।

शिलांग के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी में है। गुवाहाटी से शिलांग की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। स्टेशन से शिलांग जाने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं। गुवाहाटी न्यू दिल्ली और देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से बहुत एकचित तरह से जुड़ा हुआ हैं।

शिलांग सडक मार्ग के जरिए राज्य के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं। गुवाहाटी से भी आप शिलांग के लिए बस ले सकते हैं लेकिन टैक्सी किराए पर लेना भी एक अच्छा बिचार है। सडक मार्ग के जरिए आप आसानी से शिलांग की यात्रा पर जा सकते हैं।

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