Essay on Delhi Metro in Hindi: नमस्कार दोस्तों! इस पोस्ट में आप अलग अलग प्रकार के दिल्ली मेट्रो पर निबंध के लेख देखने को मिलेंगे। इस पोस्ट के द्वारा डेल्ही मेट्रो के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिस की है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
1. दिल्ली मेट्रो पर निबंध (Essay on Delhi Metro in Hindi)
दिल्ली, दिल है हिंदुस्तान का और राजधानी भी, सभी लोगों का आवागमन राजधानी में ज्यादा है। दिल्ली की जनसंख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है जिस कारण मार्ग पर कई घंटों का जाम लगा रहता था । लोगों को इधर उधर आने जाने में बड़ी परेशानी हो रही थी। तभी भारत सरकार ने लोगों के आवागमन के लिए मेट्रो ट्रेन का प्रस्ताव पारित किया।
राजधानी दिल्ली में पहली बार मेट्रो अस्तित्व में 3 मई 1995 को आई थी। पिछले बीते कई वर्षों में रेल विभाग ने इस योजना पर कार्य करके 213 किलोमीटर लंबा भूमिगत रेल मार्ग बनाकर के दिल्ली के तीस लाख लोगों को आने-जाने में राहत प्रदान की है। राजधानी दिल्ली में पहली मेट्रो ट्रेन 24 दिसंबर 2002 को 8 किलोमीटर लंबे शाहदरा से तीस हजारी मार्ग पर चली थी।
दिल्ली मेट्रो ट्रेन का सफ़र बहुत ही सुगम और आराम दे है। मेट्रो के माध्यम से लोग खरीदारी बड़ी आसानी से कर सकते हैं। दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मेट्रो सबसे बढ़िया परिवहन है। महिलाओं के लिए मेट्रो का सफर बहुत ही सुरक्षित है। दिल्ली मेट्रो का फेज एक ओर दो 213 किलोमीटर है इसमें रोजाना लगभग 1500000 यात्री सफर करते हैं।
दिल्ली मेट्रो अपनी उत्तम श्रेणी की सेवा के द्वारा उस मुकाम पर पहुंच गया है जहां देश में कहीं भी अगर नई जगह मेट्रो ट्रेन चलेगी तो उनकी योजना का प्रारूप दिल्ली मेट्रो के अनुसार ही होगा।
दिल्ली मेट्रो ट्रेन कार्पोरेशन समय और सीमा को लेकर जो नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं इसकी लागत और प्रभावी नेटवर्क ऐसी सेवा दुनिया में आपको कहीं नहीं मिलेगी। दुनिया के कई विकासशील देश दिल्ली मेट्रो की योजनाओं का प्रारूप मांग रहे हैं। दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा शुरू होने से यातायात के जाम में फंसने से लोगों को बड़ी राहत मिली है।
दिल्ली मेट्रो के सभी प्लेटफार्म विकलांगों की सुविधा अनुसार बनाए गए हैं। जिसे अंधे व्यक्ति भी बिना किसी असुविधा के आराम से सफर कर सकते हैं। विकलांग व्यक्ति पीली लाइन की सहायता से एलिवेटर पर चढ़ते और स्टेशन से बाहर आसानी से उतर जाते हैं। दिल्ली मेट्रो वास्तविक खर्च को आधार बनाकर अपनी सेवाएं दे रही है। दिल्ली मेट्रो तीस हजारी के पास स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए एक अनाथालय का भी संचालन करता है।
शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने 5 साल में 75 नई मेट्रो स्टेशन 79 कॉरिडोर खोलने का निर्णय लिया है। हर आधे किलोमीटर पर मेट्रो स्टेशन उपलब्ध होगा। 2021 तक मेट्रो रेल नेटवर्क विश्व का तीसरा सबसे लंबा रेल नेटवर्क बन जाएगा
जो यात्री दिल्ली मेट्रो में नियमित रूप से सफर करते हैं उनका अनुभव संतोषजनक है लेकिन अत्यधिक भीड़ और तकनीकी खराबी की वजह से मेट्रो की प्रतिष्ठा को कुछ हद तक आघात पहुंचा है। मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए और अतिरिक्त रैक्स उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली मेट्रो आधुनिक परिवहन है, आने वाले समय में इसकी विधियां और विकसित होंगी।
2. दिल्ली मेट्रो पर निबंध (Essay on Delhi Metro in Hindi)
दिल्ली मेट्रो रेल सेवा ने दिल्ली के यातायात को अत्यंत ही सुगम बना दिया है। आज दिल्ली में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल का उपयोग करता है। दिल्ली मेट्रो रेल का किराया उचित और आम आदमी के अनुकूल भी है। यही कारण है कि दिल्ली के अधिकतर लोग प्रतिदिन मेट्रो रेल का उपयोग करते हैं।
मेट्रो रेल से पहले दिल्ली के लोगों को न केवल बस में धक्के खाने पड़ते थे बल्कि यदि सड़क जाम हुई तो अपना कीमती समय भी बर्बाद करना पड़ता था। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना उनके लिए किसी चुनौती से कम ना था।
यदि कोई व्यक्ति ऑटो आदि वाहनों का उपयोग भी करता तो उससे वह बस में धक्के खाने से तो बच सकता था परंतु जाम उसके लिए अभी भी एक समस्या थी। इन सभी समस्याओं का हल दिल्ली मेट्रो ने निकाला। आज दिल्ली का प्रत्येक व्यक्ति न केवल दिल्ली मेट्रो की किफायती यात्रा करता है बल्कि उसे अपनी यात्रा में किसी भी प्रकार से जाम का सामना नहीं करना पड़ता जिससे उसका बहुमूल्य समय भी बचता है।
इसके अलावा दिल्ली मेट्रो पूर्णतः साफ होती है जिसके कारण इसके यात्रियों को अच्छा अनुभव होता है। मेट्रो स्टेशन के भीतर मेट्रो परिसर में आपको स्नैक्स प्वाइंट आदि दुकानें भी मिल जाएंगी जो इसे और भी अधिक सुविधाजनक बना देती हैं।
मेट्रो रेल का एक और फायदा है कि जहां अन्य यातायात के साधन जैसे बस, कार, ऑटो, स्कूटर आदि प्रदूषण फैलाते हैं, वहीं मेट्रो रेल पूर्णतः बिजली पर चलती है, जिससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। मेट्रो रेल की यात्रा सदा पर्यावरण हितैषी होती है।
दिल्ली हमारे देश की राजधानी है और इसमें भी वह सब सुविधाएं होनी चाहिए जो अन्य विकसित देशों की राजधानियों में उपलब्ध हैं। मेट्रो रेल भी उन सुविधाओं में से एक है। मेट्रो रेल की सुविधा दिल्ली में आने वाले पर्यटकों के लिए भी लाभदायक सिद्ध हुई है। इसमें लेश मात्र भी संदेह नहीं है कि पर्यटकों को आकर्षित करने वाली चीजों में यातायात भी एक अहम भूमिका निभाता है और दिल्ली मेट्रो इस पर पूर्ण रूप से खरी उतरी है।
दिल्ली में लगातार हो रही जनसंख्या वृद्धि के कारण आज भी दिल्ली की सड़कों पर जाम लगना एक समस्या बनी हुई है। आज भी आप दिल्ली की सड़कों पर जाम को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इसे बहुत बड़े स्तर पर मेट्रो रेल ने कम तो किया है परंतु अभी भी सड़कों पर जाम मिल ही जाता है। दिल्ली में मेट्रो रेल का आना दिल्ली के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। दिल्ली मेट्रो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ किफायती और सुविधाजनक है।
3. दिल्ली मेट्रो पर निबंध (Essay on Delhi Metro in Hindi)
प्रदूषण द्वारा जान लेवा दुर्घटनाएं और यातायात जाम की स्थिति से बचने के लिए सरकार ने राजधानी दिल्ली में मेट्रो रेल चलाने का कार्य शुरु किया है । विश्व में अब तक जापान, कोरिया, हांगकांग सिंगापुर, जर्मनी तथा फ्रांस मे मेट्रो रेल परिचालित है ।
मेट्रो रेल को लेकर किये गये एक अध्ययन में पता चला है वर्तमान में राजधानी की सड़कों पर छोड़ने वाले वाहनों की संख्या पैंतीस लाख है । वाहनों की यह संख्या देश के तीन महानगरों कोलकाता, मुम्बई व चेन्नई के कुल वाहनों से कहीं अधिक है ।
राजधानी की मुख्य सड़कों पर वाहनों की औसत गति पन्द्रह किलोमोटर प्रति धटा हे । इस रफ्तार को बढाने और यातायात जाम की स्थिति से निपटने तथा सड़क हादसों में मेट्रो रेल काफी सहायक सिद्ध हो सकती है ।
1991 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या 94 लाख थी! दस वर्षों बाद अर्थात् वर्ष 2001 में यह संख्या बढ़कर एक करोड़ सैतीस लाख के करीब पहुंच गयी । इस प्रकार दस वर्षों मे 43 लाख लोग राजधानी में अन्य राज्यो से आये । इसी तरह वाहनों की सख्या मे भी दस प्रतिशत की हर वर्ष बढोत्तरी हो रही है ।
जिसके कारण राजधानीवासियों को अच्छी परिवहन सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है । दिल्ली में मेट्रो रेल शुरू करने की मुख्य वजह यही है । सरकार की ओर से नई रेल लाइनें बिछाकर दिल्ली के लोगों की यातायात समस्या कम करने का प्रयास किया गया । लेकिन मात्र एक प्रतिशत लोग ही इनका उपयोग कर रहे हैं ।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने राजधानी में पहले चरण के तहत मेट्रो रेल की शाहदरा तीस हजारी खण्ड सेवा शुरू हो गई है । इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 24 दिसम्बर, 2002 को किया । मेट्रो रेल अत्याधुनिक संचार व नियंत्रण प्रणाली से सुसज्जित है ।
इसके कोच अत्याधुनिक तकनीक तथा वातानुकूलित हैं । टिकट वितरण प्रणाली भी स्वचालित है । यह प्रणाली देश में पहली बार शुरू की गई है । स्टेशन में प्रवेश और निकासी की सुविधा भी एकदम आधुनिक है । यात्रियों की सुविधा के लिए मेट्रो स्टेशन परिसर पर एस्केलेटर संस्थापित किये गये हैं ।
मेट्रो यात्रियों को अन्य परिवहन साधन की सेवा लेने में दिक्कत न हो इसके लिए मेट्रो स्टेशनों को बस रूट से जोड़ा गया है । दूसरे चरण के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय से न्यू आजादपुर, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर (8.6 किमी.) केन्द्रीय सचिवालय, बसन्त कुंज (18.2 किमी.) और बाराखम्बा रोड-इन्द्रप्रस्थ-नोएडा (15.3 किमी.) परियोजना अनुमोदित है । इसे पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2010 तक रखा गया है ।
शाहदरा तीस हजारी (8.3 किमी.) पर मेट्रो रेल सेवा शुरू होने के बाद अब तीस हजारी से त्रिनगर के मध्य करीब 4.5 किमी. लम्बाई वाले रूट पर निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है । यह पूरा हो जाने पर फिर इसे यहां से (त्रिनगर) से रिठाला के बीच करीब 8.5 किमी. मार्ग का निर्माण कार्य भी चल रहा है ।
इसके अलावा बाराखम्बा रोड से त्रिनगर (7.16 किमी.) कीर्ति नगर से द्वारिका (16 किमी.) का कार्य भी अभी शुरू किया जाना है । इसमें विकलागों के लिए विशेष सुविधा है । भीड़-भाड़ भरी सड़को, धुएं धूल-मिट्टी से बचकर लोग इस वातानुकूलित ट्रेन से सफर कर यात्रा का आनन्द उठा रहे हैं । इसकी किराया दर भी अन्य परिवहन साधनों की अपेक्षा कम रखी गई है ।
मेट्रो रेल के दरवाजे स्वचालित हे । इसमें यात्री द्वारा अपने सामान ले जाने की अधिकतम सुविधा पन्द्रह किग्रा. है । इसके अलावा यदि यात्री चाहे तो मासिक पास भी बनवा सकता है । मेट्रो रेल के कोच कोरिया से आयात किया गया है । मेट्रो रेल के तकनीकी कर्मचारी तकनीकी रूप से सक्षम होने के साथ-साथ विदेशों से भी प्रशिक्षण प्राप्त करके आये हैं ।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा एक प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना भी की गई है । इसमें ड्राइवरों और परिचालनों संबंधी समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है । तीस हजारी शाहदरा खण्ड को छोड़कर अन्य कई रूटों पर निर्माणधीन मेट्रो परियोजना ऊपरी सतह के साथ-साथ भूमिगत भी होगी ।
राजधानी में बढ़ती जनसंख्या और उस अनुपात में यातायात के साधनों के सुलभ न होने से राजधानीवासियों के सम्मुख यातायात सेवाओ की समस्या थी । राजधानी में बढती आबादी और यातायात प्रणाली पर पडने वाले बोझ को देखते हुए योजनाकारों ने 1950 के दशक में ही इस दिशा में सोचना शुरू कर दिया था ।
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