परिचय – Beti Bachao Beti Padhao
इस पोस्ट में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर पूरी जानकारी (Beti Bachao Beti Padhao in Hindi) कम शब्दों में दी गयी है. ताकि आपको समझाने में आसानी हो, तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है.
हमारा देश आज भी पौराणिक, संस्कृति, धर्म-कर्म और प्यार के लिए जाना जाता है। लेकिन जब से नई तकनीकों का विकास हुआ है और इस समाज में तरक्की करना शुरू किया है तब से लोगों की मानसिकता बदल गई है।
लोग लड़के और लड़कियों में भेदभाव करने लगे हैं। हमारे समाज में बेटा होने पर लोग मिठाइयां बांटते है और नाच गाना करते हैं। लेकिन जब एक बेटी पैदा होती है तो घर में मातम जैसा माहौल छा जाता है। परिवार के लोग इस कदर निराश हो जाते हैं जैसे पता नहीं कौन सी विपदा आ गई हो। समाज में ऐसी मानसिकता बहुत ही निराशाजनक विषय है।
आखिर कब तक हमारे समाज में लड़कियों पर अत्याचार होगा। इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है। समाज इस बात को नहीं समझ पाता है कि लड़कियों और महिलाओं के बिना इस समाज का कोई अस्तित्व नहीं है। लड़कियों को बोझ समझकर उन्हें इस धरती पर जन्म भी नहीं लेने दिया जाता। इसीलिए कन्याओं की सुरक्षा और उच्च शिक्षा के लिए एक अभियान बनाया गया जिसे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के नाम से जाना जाता है।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कन्या शिशु को बचाना और उनको शिक्षा देना है। इस अभियान की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को भारतीय सरकार द्वारा की गई थी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। महिला कल्याण के लिए इस अभियान का निर्माण किया गया था। लोगों की मानसिकता इस कदर खराब हो गई है कि लोग लड़के और लड़कियों में भेदभाव करने लगे हैं।
कन्या को बोझ समझ कर उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है। बेटियों को लड़कों से कम समझा जाता है। लड़कियां पढ़ कर क्या करेंगी ऐसा बोलकर उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता है। इतनी सारी बातों को ध्यान में रखकर और लोगों की ऐसी मानसिकता को बदलने के लिए यह अभियान बनाया गया। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए जागरूक करना है। यह अभियान हमारी बहू बेटियों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध उठाई गई आवाज ऐलान था।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से फायदा
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का मुख्य उद्देश्य है लड़कियों की स्थिति में सुधार लाना। मोदी जी इस योजना से देश और समाज में लड़कियों और महिलाओं को इज्जत मिलने लगी। इस योजना के अंतर्गत गर्भ में पल रहे कन्या शिशु को जन्म से पहले मारने वाले लोगों कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।
अगर किसी चिकित्सक को लिंगानुपात की जांच करते पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया। बेटी को शिक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना। सरकार की इस योजना से लोग जागरूक होकर लोग अपने बेटियों को पढ़ा रहें हैं। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसी का देन है कि आज हमारे समाज में लड़कियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
निष्कर्ष
हम सबको इस बात पर गौर करना चाहिए कि क्यों हमें अपनी बहू बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा अभियान बनाने की जरूरत पड़ती है। यह बहुत ही शर्मनाक बात है हमारे समाज के लिए कि हम अपने बहू बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार का मुंह देखते हैं कि कब सरकार कोई योजना बनाएं।
सिर्फ सरकार की योजना बनाने से कुछ नहीं होता जब तक कि लोग जागरूक नहीं होते। क्यों हमेशा बोलते हैं बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ ऐसा बोलकर हम यह साबित करना चाहते हैं कि बेटियां कमजोर होती हैं। लोगों की मानसिकता बदलनी चाहिए कि लड़कियां लड़कों से कम होती है और कमजोर होती हैं। हमें लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए और आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा देना चाहिए। जब तक देश की जनता जागरूक नहीं होगी इसके लिए तब तक हमें ऐसे अभियानों की जरूरत पड़ती रहेगी जो देश के लिए अच्छी बात नहीं है।
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