इंटरनेट के नुकसान पर निबंध – Essay on Disadvantages of Internet in Hindi

इस पोस्ट में इंटरनेट के नुकसान पर निबंध (Essay on Disadvantages of Internet in Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे। इंटरनेट ने हमारे जीवन के मायने पूरी तरह से बदल दिए हैं। इसने हमारे जीवन के स्तर को ऊँचा कर दिया है और कई कार्यों को बहुत सरल और आसान बना दिया है। हालांकि इसने कई नुकसानों को भी जन्म दिया है।

जैसे हर चीज के साथ होता है इंटरनेट का अधिक उपयोग हानिकारक भी हो सकता है। इंटरनेट के साथ कई नुकसान जुड़े हैं। इनमें से कुछ समय का व्यर्थ होना, धोखाधड़ी, स्पैमिंग और हैकिंग शामिल हैं। तो चलिए इंटरनेट के नुकसान पर निबंध (Essay on Disadvantages of Internet in Hindi) के बारे में अलग अलग विचार को समझाते है।

उदाहरण 1. इंटरनेट के नुकसान पर निबंध – Essay on Disadvantages of Internet in Hindi

इंटरनेट कई फायदे प्रदान करता है लेकिन इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले नुकसानों की संख्या भी कम नहीं है। इंटरनेट के मुख्य नुकसान में से एक यह है कि यह विशेष रूप से छात्रों का ध्यान भटकाता है।

इंटरनेट से छात्रों का ध्यान भटकता है

इंटरनेट सूचना का एक विशाल स्रोत माना जाता है और इस तरह से यह छात्रों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी विषय या पाठ से संबंधित सारी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसलिए यदि कोई छात्र किसी लेक्चर में उपस्थित नहीं होता या शिक्षक की गति से मिलान नहीं कर पाता है तो वह उन विषयों पर सहायता पाने के लिए इंटरनेट की मदद ले सकता है।

माता-पिता अपने बच्चों को इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति इसलिए देते हैं ताकि वे अपनी परीक्षाओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकें पर कई छात्रों ने इसका दुरुपयोग किया है। चूंकि इंटरनेट मनोरंजन के प्रचुर स्रोत प्रदान करता है इसलिए इसका विरोध करना कठिन है।

कई छात्र इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के वीडियो देखते हैं या मनोरंजक उद्देश्य के लिए ऑनलाइन गेम खेलते हैं पर वे जल्द ही इसके आदी हो जाते हैं और अपना समय इंटरनेट पर कुछ देखने/खेलने पर खर्च करते रहते हैं। यह समय की बहुत बड़ी बर्बादी है।

सोशल मीडिया ने समय की बर्बादी को बहुत बढ़ावा दिया है। किशोरावस्था की उम्र में बच्चे चकाचौंध और ग्लैमर की ओर आकर्षित होते हैं। वे अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को सोशल मीडिया पर अपने फ़ोटो और पोस्ट दिखाने के बारे में चिंतित रहते हैं।

इसके बाद वे लाइक्स और टिप्पणियों को देखने के लिए अपनी पोस्ट को दोबारा चेक करते रहते हैं। ऐसा करने में बहुत समय बर्बाद होता है। डेटिंग और चैटिंग ऐप्स भी पढ़ाई में बाधा साबित होती हैं।

निष्कर्ष

माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपने बच्चों को इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने के साथ-साथ किस तरह बच्चे उसका उपयोग कर रहें हैं उस पर भी नज़र रखें। ऐसी साइटों, जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, उनको ब्लाक किया जाना उचित है। हालांकि माता-पिता आमतौर पर इस पहलू को हल्के में ले लेते हैं या ऐसे मामलों में ढील बरतते हैं। यह गलत है।

माता-पिता को ऐसी साइटों पर नज़र रखनी चाहिए और उनके बच्चों की इंटरनेट गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे इंटरनेट का उपयोग केवल अच्छे कामों के लिए करें।

उदाहरण 2. इंटरनेट के नुकसान पर निबंध – Essay on Disadvantages of Internet in Hindi

इंटरनेट मनोरंजन के कई स्रोतों की देन के लिए जाना जाता है हालांकि इंटरनेट ख़ाली समय को खर्च करने का एक अच्छा तरीका है पर यह हानिकारक भी हो सकता है। बहुत से लोग मनोरंजन के इन स्रोतों के इतने आदी हो जाते हैं कि वे अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।

इंटरनेट काम की उत्पादकता कम करती है

गुज़रे ज़माने के कार्यालयों में इंट्रानेट कनेक्शन थे जिससे कर्मचारी केवल ईमेल साझा और व्यापार की योजनाओं पर चर्चा कर पाते थे। इन दिनों अधिकांश कार्यालयों में इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। यहां तक ​​कि अगर लोगों को अपने आधिकारिक लैपटॉप पर इंटरनेट की पहुंच नहीं है तो वे इसे अपने मोबाइल पर शुरू कर सकते हैं और जब भी चाहें इसका उपयोग कर सकते हैं।

इंटरनेट मनोरंजन के इतने अलग-अलग स्रोत प्रदान करता है कि इसको इस्तेमाल ना करने की नीयत को नियंत्रित करना मुश्किल है। लोग इन दिनों अपने मैसेंजर और सोशल मीडिया प्रोफाइल को हर थोड़ी-थोड़ी देर में यह चेक करते रहते हैं की कहीं किसी व्यक्ति उन्हें संदेश तो नहीं भेजा। इससे उनका ध्यान भटकता है और वे पूरी तरह से अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं हो पाते जिससे उनकी उत्पादकता कम हो जाती है।

जो लोग गेम खेलने के आदी हैं उनके अपने गेम से हर घंटे कुछ समय निकालने का प्रयास करना चाहिए। यह भी काम में एक बड़ी बाधा है। इतने सारी वेब सीरीज़ और वीडियो लगभग हर दिन इंटरनेट पर अपलोड हो रहे हैं और यदि आप उन्हें देखना शुरू कर देंगे तो आप उन्हें छोड़े बिना नहीं रह पाएंगे।

एक हालिया शोध से पता चलता है कि लोग अपने काम के समय इंटरनेट पर अपने समय का अधिकतर हिस्सा बिताते हैं। इस प्रकार काम की उत्पादकता कम होनी निश्चित है।

कार्य-जीवन असंतुलन

इन दिनों बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है यदि सेवा तुरन्त प्रदान नहीं की जाती है तो ग्राहक आपको छोड़ देंगे। इंटरनेट ने कहीं से भी दफ़्तर के ईमेल चेक करना और सॉफ्टवेयर का उपयोग करना आसान बना दिया है।

इसलिए कई बार लोगों को घर जाने के बाद भी काम करना पड़ता है। यह व्यवसायों के लिए फायदेमंद है लेकिन कर्मचारियों के लिए नहीं क्योंकि ऐसा काम-जीवन में असंतुलन पैदा करता है।

दूसरा इंटरनेट पर हर समय की जाने वाली गतिविधियों के कारण कामकाज में कमी आई है इसलिए ज्यादातर लोग अपनी समयसीमा से पहले दिए गए काम को पूरा करने के लिए कार्यालय से लौट उसे करते हैं।

अपने परिवार के साथ बिताए जाने वाला समय वे लैपटॉप पर खर्च करते हैं। वे अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच संतुलन को बनाए रखने में असमर्थ हैं जो परिवारों के बीच संघर्ष का एक कारण बनता जा रहा है।

निष्कर्ष

इंटरनेट व्यवसाय को बढ़ाने, उसे बढ़ावा देने और पेशेवर रूप से विकसित होना एक महान मंच है। हमें इससे विचलित होने की बजाए दिए गए काम के उपयोग के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।

उदाहरण 3. इंटरनेट के नुकसान पर निबंध – Essay on Disadvantages of Internet in Hindi

इंटरनेट आजकल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। आजकल परिवार को इक्कठा करने से लेकर बिजली के बिलों का भुगतान करने तक सब कुछ इंटरनेट के उपयोग के साथ किया जा रहा है। हालांकि इसके कई फायदे देखने को मिले है लेकिन इसके अपने नुकसान भी हैं।

इंटरनेट-स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण

ज़रूरत से ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

माइग्रेन

घंटों तक मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट का उपयोग करने से माइग्रेन हो सकता है। कई इंटरनेट उपयोगकर्ता इस समस्या की शिकायत करते हैं और उन्हें अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर बिताए समय को कम करने की सलाह दी जाती है लेकिन इस लत से छुटकारा पाना बहुत मुश्किल है। इस प्रकार लगातार सिरदर्द और माइग्रेन की शिकायत होना आम है।

नेत्र दृष्टि पर प्रभाव

एक बात तो साफ़ ज़ाहिर है कि जितना आप इंटरनेट सर्फ करने के लिए स्क्रीन को देखते हैं उतना ही आपकी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा उन लोगों में विशेष रूप से आम है जो बिस्तर पर अपने मोबाइल पर इंटरनेट सर्फ करते हैं।

पीठ दर्द

कुर्सी पर बैठकर फिल्में देखना या लगातार ऑनलाइन गेम खेलना बुरी लत हो सकती है। अगर आपको ये आदतें लग जाती हैं तो इन्हें रोकना मुश्किल हो सकता है। बहुत से लोग इन अनुभवों का आनंद लेने के लिए घंटों तक बैठते हैं और इसी वजह से उनकी पीठ में दर्द होता है।

वजन बढ़ना

बच्चे इन दिनों अपने दोस्तों के साथ बाहर खेलने की बजाए या तो घर पर रहकर ऑनलाइन गेम खेलना पसंद करते हैं या इंटरनेट पर हर समय वीडियो देखते रहते हैं। वयस्कों के साथ ऐसा ही मामला है।

बाहरी गतिविधियों में सामाजिक रूप से शामिल होने की बजाए वे इंटरनेट पर समय बिताना पसंद करते हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी ने लोगों में वजन वृद्धि की समस्या को जन्म दिया है। इस तरह की जीवनशैली से कई लोगों में मोटापे की समस्या उत्पन्न हो गई है।

सोने मे परेशानी

लोग इन दिनों अपने फोन को या तो तकिये के नीचे रखकर सोते हैं या साइड में रखकर सोते हैं। मोबाइल में बजी छोटी सी बीप की आवाज़ सुनकर भी लोग उठ जाते हैं और हर मिनट उन्हें अपने संदेश को जांचने की तीव्र इच्छा रहती है। सोते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना सोने की प्राकृतिक प्रक्रिया को रोक सकता है और सोने के विकारों का कारण बन सकता है।

डिप्रेशन

दूसरों के मज़े की तस्वीरों और पोस्ट को देखकर हीनता की भावना पैदा हो सकती है। लोग इन दिनों खुद की इंटरनेट पर झूठी छवि फैला रहे हैं ताकि बड़ी संख्या में दूसरों का ध्यान आकर्षित किया जा सके।

जो लोग एक साधारण जीवन जी रहे हैं वे खुद को कमतर और अलग-थलग महसूस करते हैं क्योंकि वे अक्सर उन लोगों को देखते हैं जो हर समय जश्न मनाते हैं और मज़े करते हैं। इंटरनेट ने परिवार के सदस्यों के बीच दूरी भी बनाई है। यह सब अवसाद को जन्म देता है।

रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव

इंटरनेट ने दूर देशों में रहने वाले लोगों की दूरी को कम कर दिया है पर वही साथ में नज़दीक रहने वाले लोगों को भी दूर कर दिया है। लोग अपने दूर के मित्रों और रिश्तेदारों के साथ जुड़ने और उन्हें सन्देश भेजने में इतने तल्लीन हो गए हैं कि वे अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों की ओर ध्यान देना भूल गए हैं।

सोशल मीडिया साइटों, मैसेंजर और डेटिंग एप्लिकेशन ने रिश्तों में धोखा को जन्म दिया है। इसने दम्पतियों के बीच झगड़ों को बढ़ावा दिया है जिसका उनके बच्चों और परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष

हर चीज़ की अति बुरी है और इंटरनेट इसका कोई अपवाद नहीं है। इंटरनेट के ज्यादा उपयोग का किसी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे पारिवारिक संबंध और पारिवारिक जीवन भी नष्ट हो सकता है। इसलिए हम सब को इस बात का ध्यान देना चाहिए।

उदाहरण 4. इंटरनेट के नुकसान पर निबंध – Essay on Disadvantages of Internet in Hindi

इंटरनेट कई लाभ प्रदान करता है। इसने हमारी ज़िंदगी को आरामदायक बना दिया है तथा हमारे जीवन स्तर को भी बढ़ाया है। हर काम इन दिनों इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है चाहे वह किसी टिकट को बुकिंग करना हो या किसी प्रियजन को पैसे भेजने का हो या फिर लंबी दूरी के संबंध को बनाए रखने का हो। हालांकि इसके नकारात्मक पक्ष भी है। इंटरनेट तनाव, अवसाद, उत्पादकता और कई अधिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

यहां इंटरनेट के विभिन्न नुकसान पर एक संक्षिप्त नज़र डाली गई है:

काम में बाधा

आप सभी इस बात से ज़रूर सहमत होंगे कि इंटरनेट काम में बाधा का कारण है। यह एक प्रकार से नशे की लत है तथा यह काम से ध्यान भी भटकाता है। चाहे आप अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक छात्र हों, एक ऑफिस कर्मचारी हो, बिजनेस चलाते हो या फिर गृहणी हो आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इंटरनेट आपका बहुत सारा समय व्यर्थ कर देता है।

उस समय का उपयोग उत्पादक कार्यों में किया जा सकता है। सोशल मीडिया के आगमन ने इस लत को और बढ़ा दिया है। जो लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं वे हर समय इंटरनेट से चिपके रहते हैं।

हैकिंग

ईमेल खातों, बैंक खातों और लोगों के मोबाइल से किसी की निजी जानकारी निकालने के लिए हैंकिंग इन दिनों काफी सामान्य हैं। यह बड़ी चिंता का कारण बन गया है। हैकिंग की वजह से लोग अपने व्यक्तिगत रिश्तों में व्यावसायिक नुकसान और तनाव का सामना करते हैं।

व्यक्तिगत जानकारी चुराना

प्रत्येक व्यक्ति ने इंटरनेट पर अपनी प्रोफ़ाइल बना रखी है। सोशल मीडिया पर हर चीज के बारे में सब कुछ बताना एक ऐसी प्रवृत्ति बन गई है है। लोग दूसरों को दिखाने के लिए ऐसा करते हैं पर वास्तव में उन्हें इससे परेशानी हो सकती है।

ऐसे भी लोग हैं जो आपकी प्रोफाइल को देखकर आपकी निज़ी ज़िंदगी के बारे में पता लगाते हैं कि आप क्या कर रहे हैं और आपकी व्यक्तिगत जानकारी को चुरा लेते हैं। इसने अपहरण और ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों को जन्म दिया है।

बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव

बच्चे इंटरनेट के माध्यम से लगभग हर चीज़ तक पहुँच जाते हैं। ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को इंटरनेट कनेक्शन ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रदान करते हैं ताकि वे अपनी परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयार कर सकें लेकिन बच्चे गेमिंग, सोशल मीडिया और मनोरंजन के अन्य स्रोतों के लिए अक्सर इंटरनेट का इस्तेमाल करता हैं। कई बार बच्चे अश्लील और अन्य सामान भी देखते हुए पाए जाते हैं जो उनके लिए अच्छा नहीं है।

स्पैमिंग

व्यवसायों के प्रचार के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। हालांकि यह व्यवसायों को बढ़ावा देने और उनका विस्तार करने का एक अच्छा माध्यम है लेकिन यह उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द भी साबित हो सकता है। कई व्यवसाय अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन में लिप्त हैं जिससे उनके द्वारा हमारे इनबॉक्स में कई ईमेल के साथ स्पैमिंग सन्देश भेज दिए जाते हैं। कई बार महत्वपूर्ण ईमेल स्पैमिंग की वजह से मिट जाते हैं।

ज्यादा खर्चा

जिस तरह से हम खरीदारी करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग ने उसे आसान कर दिया है। हम अलग-अलग चीजों की तलाश में खरीदारी करने के लिए समय को बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है। हमें जिस चीज की आवश्यकता है वह इंटरनेट पर उपलब्ध है। आप चीजों की एक विस्तृत विविधता के माध्यम से उसे इंटरनेट पर ढूंढ सकते हैं और उन्हें कुछ ही सेकंडो में व्यवस्थित कर सकते हैं।

हालांकि इस तरह हम अक्सर हमारी आवश्यकता से अधिक खरीदकर पैसा खर्च कर देते हैं। कई ऑनलाइन रिटेलर सुविधा शुल्क और अन्य छिपे हुए शुल्क भी वसूल करते हैं जिसका हमें बाद में पता चलता है। ये सभी खर्च ज्यादा खर्चा करवाते हैं।

शारीरिक गतिविधि की हानि

लोग इन दिनों ऑनलाइन वीडियो देखने, ऑनलाइन गेम खेलने और लोगों से ऑनलाइन जुड़ने में इतने तल्लीन हैं कि वे बाहर जाने और बाहरी गतिविधियों में शामिल होने के महत्व की अनदेखी कर देते हैं। इससे मोटापा, माइग्रेन और नींद की बीमारी जैसी कई शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। बच्चों के समुचित विकास और प्रगति के लिए बाहर खेलना जरूरी है लेकिन इन दिनों वे ऑनलाइन गेम्स खेलना पसंद करते हैं।

निष्कर्ष

इंटरनेट के कई नुकसान हैं। इन सभी नुकसानों में से सबसे बड़ी बात यह है कि उसने लोगों को एक दूसरे से अलग-थलग कर दिया है। हम सभी अपने मोबाइल में इतने मग्न हो गए हैं कि हम अपने आस-पास के लोगों की जरूरतों को अनदेखी कर देते हैं।

इंटरनेट की वजह से बच्चों और बुजुर्ग, जिनका सबसे अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता है, की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह सही समय है कि हमें अपने इंटरनेट उपयोग को सीमित करना चाहिए और स्वस्थ जीवन जीना चाहिए।

अगर आप इंटरनेट के नुकसान पर निबंध (Essay on Disadvantages of Internet in Hindi) के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते है तो आप विकिपीडिया पर जा सकते है।