बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti Padhao Beti Bachao Essay in Hindi

इस पोस्ट में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध Beti Padhao Beti Bachao Essay in Hindi की पूरी जानकारी के साथ कम शब्दों में बताया गया है, ताकि अगर आपको कही भी बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर स्पीच देना हो तो आसानी से समझ कर उसको बाया कर सकते है.  तो चलिए इसको समझने की कोसिस करते है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Long and Short Beti Padhao Beti Bachao Essay in Hindi

हमारे देश को भारत माता कहां जाता है हम जिस धरती पर रहते हैं उसे धरती मां कहा जाता है लेकिन फिर भी हमारे समाज में लड़कियों के साथ अन्याय किया जाता है। लड़कियों को बोझ समझा जाता है।

हमारे समाज के लिए कितने कमाल के लोग रहते हैं न जिसको माता कहते हैं धरती को मां कहते हैं फिर भी यह बात नहीं समझ पाते हैं कि मां भी एक बेटी होती है। हमारे समाज पुरुष प्रधान समाज है।

यहां पुरुषों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। देश में लड़कियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। लोग यह नहीं समझते हैं उनकी लड़कियों के पीना उनका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

लोगों को बस लड़कों की इच्छा होती। इसकी वजह से भारत स्थिति दयनीय हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक योजना बनाई है जिसे “बेटी बचाओ” के नाम से जानते हैं। हमारे देश में सदियों से लड़कियों को लड़कों से कम समझा जाता है। जब धरती पर अवतरित देवी रूप में मां सीता को लोगों ने नहीं छोड़ा तो हम तो मामूली इंसान है।

बेटी बचाओ अभियान का महत्व

बेटी बचाओ अभियान का उद्देश्य समाज को यह बात बताना कि हमारे समाज में लड़के और लड़कियों को समान भागीदारी होनी चाहिए। बिना स्त्रियो और लड़कीयों के इस दुनिया का विस्तार नहीं हो सकता। दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए लड़कियों का होना अति आवश्यक है। इन बातों को ध्यान में रखकर बेटी बचाओ अभियान चलाया गया जिसके तहत 1961 में कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया और लिंग परीक्षण कराने वाले अभिभावक और चिकित्सक पर कठोर दंड देने का कानून बनाया गया। लिंग परीक्षण कराने वाले लोग यह बात क्यों भूल जाते हैं उनको भी इस धरती पर लाने वाली मां एक लड़की ही है। केवल लड़की होने पर उसे कोख में मार देना कहां का न्याय है। सोनोग्राफी द्वारा लिंग परीक्षण कराने पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया।

एक लड़की जितनी अच्छी तरह से अपने माता-पिता की देखभाल और उनकी सेवा कर सकती है शायद एक लड़का नहीं कर सकता फिर भी लोग ना जाने क्यों लड़कों के लिए पागल हुए पड़े हैं।

लड़कियां एक परिवार नहीं बल्कि दो-दो परिवार की जिम्मेदारियां एक साथ निभाती हैं।
अगर लड़की जो भी करती है तो वह जो के साथ-साथ अपने परिवार की जिम्मेदारी भी पूरी करती है लेकिन लड़का केवल अपनी नौकरी पर ही ध्यान देता है।  लड़कियों के बिना आदमियों का कोई अस्तित्व नहीं है। लड़कियों की हर जिम्मेदारी बखूबी निभाती है।

बेटियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

बेटियों को बचाने के लिए और हमारे देश में वीडियो की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएं। हाल ही में सरकार ने जिसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम से जानते हैं। इस योजना के तहत सरकार ने बेटियों को शिक्षित करने के बारे में कहा। शिक्षा बहुत ही जरूरी है।

बेटियों की सुगमता के लिए सरकार ने विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था कराई। कई सारे मानव विकास कार्यकर्ताओं, एनजीओ, काॅरपोरेट समूहों और गैर सरकारी संगठन द्वारा इस योजना को बढ़ावा दिया गया।  कन्या भ्रूण हत्या जैसे बड़े मामले पर रोक लगाया गया। अस्पतालों में लिंग परीक्षण, स्कैन परीक्षण और अल्ट्रासाउंड करने पर रोक लगाया गया। यह सारे कदम लोगों को यह बताने के लिए उठाया गया कि लड़कियां बोझ नहीं होती बल्कि या घर की लक्ष्मी और घर की शोभा होती है।

निष्कर्ष

बेटी बचाओ का मतलब है कि लड़कियों को समान अधिकार सम्मान और सुरक्षा दिया जाए। ना कि वह समझ के उन्हें कोख में मार के उनसे जीने का अधिकार छीन लिया जाए।  नारी के सम्मान की बात हमारे पुराणों में भी की गई है। हमारे पुराण में कहा गया है जहां नारी का सम्मान नहीं वहां देवता वाश नहीं लेते। ऐसा कहा जाता है नारी का सम्मान जाना है धरती का उत्थान वहां है।

बेटियां भगवान द्वारा दी गई है बहुत ही सुंदर उपहार होती है। लड़कियां लड़कों की तरह देश को आगे बढ़ाने के लिए अति आवश्यक है। लड़कियों को लड़कों से कभी कम नहीं समझना चाहिए। लड़कियों लड़कियों में भेदभाव की भावना नहीं होनी चाहिए।

उम्मीद करता हु, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Padhao Beti Bachao Essay in Hindi) आपको पूरी तरह से समझ में आ गया होगा,अगर आपको हमारे लिखे गये ब्लॉग पसंद आते है तो आप अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते है. धन्यवाद!