ताजमहल पर निबंध – Essay On Taj Mahal in Hindi

Essay On Taj Mahal in Hindi: आगरा भारत के उत्तर प्रदेश में  स्थित यह शहर आगरा का नाम सुन कर सबसे पहला ख्याल अगर आता है तो वह है ताजमहल मानो पूरे आगरा को इस एक इमारत ने बांध रखा हो तथा प्रेम की एक मिसाल के रूप में भी इसकी एक अपनी भूमिका रही है ।

आगरा का नाम सुनते ही लोगो के मन में दो बात सबसे पहले आती है पहला आगरा में यह खूबसूरत स्मारक  ताजमहल का होना तथा दूसरा प्रेम के  प्रतीक के रूप में दुनिया भर के प्रेमी युगल के लिए ये प्रमाणित करना की सच्चे प्रेम की मिसाल के रूप में यह खूबसूरत स्मारक आज भी ताजमहल के रूप में सच्चे प्रेम को मानती है ।

ताजमहल पर निबंध (Essay On Taj Mahal in Hindi)

यह बात बच्चा बच्चा जनता है की ताजमहल का निर्माण की कारण करवाया गया था और यह कई कारणों में ना बाट कर सिर्फ इसका यही एक कारण है की यह एक प्रेमी युगल ने अपने सच्चे प्रेम के लिए  तथा अपनी प्रमिका   की याद में बनवाया था जिनका नाम  शाहजहा था शाहजहा ने अपनी बेगम  मुमताज के लिया इस सुंदर  स्मारक का निर्माण करवाया था जो विश्व भर में एक महशूर है ।

भारत के उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे यह  खूबसूरत स्मारक ताजमहल है जो एक अत्यंत आकर्षक  और मन मोहने वाले कला कृति से निर्मित किया गया है दुनिया के सातवे अजूबे में से एक माना जाने वाला था स्मारक है ।

देश ही नही बल्कि विदेशों में भी ताजमहल की  खूबसूरती के काफी चर्चे है दुनिया की अनेकों अनेक अदभुत जगह में से ताजमहल ने अपनी एक अलग जगह बनाई है ताजमहल की सुंदरता तथा इसे देखने के लिए सिर्फ देश ही नही बल्कि विदेशी पर्यटक भी काफी उत्साहित रहते है काफी दूर दूर से लोग इस जगह को देखने तथा घूमने आते हे , यह सिर्फ एक मनोरंजन की जगह ही भी बल्कि यह एक ऐतिहासिक जगह भी है ।

ताजमहल का उल्लेख हमारे इतिहास से जुड़ा है क्युकी इसका निर्माण एक ऐतिहासिक राजा शाहजहा द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद तथा उनके सच्चे प्रेम के रूप में किया गया था इसलिए ताजमहल का उल्लेख हमारे इतिहास में भी मिलता है

ताजमहल कब और क्यों बनवाया  गया?

ताजमहल की स्थापना शाहजहा द्वारा  17 वी  शताब्दी 1663 में बनवाया की गई थी   मुगल सम्राट शाहजहा ने अपनी बेगम मुमताज की याद में इस महल का निमार्ण करवाया था मुमताज शाहजहा की तीसरी और सबसे प्रिय बेगम थी जिनसे वह अत्यंत प्रेम करते थे , मुमताज की मृत्यु के बाद शाहजहा अत्यंत दुखी रहने लगे थे.

तथा अपनी बेगम की याद में उन्होंने अपना सारा धन लगा कर इस अद्धबुत कला कृति से पूर्ण सुंदर स्मारक का निमार्ण करवाया , शाहजहा अपनी बेगम को याद करते हुए इस महल के पास आकर बैठते थे तथा कुछ समय एकांत में यह बिताते थे , शाहजहा का अपनी बेगम मुमताज के प्रति यह प्रेम दुनिया भर में मिसाल के रूप में कायम है , तथा ताजमहल को भी दो प्रेमी की प्रेम कहानी तथा सच्चे प्रेम के प्रतिक के  ताजमहल को बताया जाता है ।

ताजमहल की बनाबट तथा सुंदरता

ताजमहल की बनावट तथा इसकी कला कृति को देख कर लोग इसे देखते रह जाते हैं जिस प्रकार इसे सजाया गया है कई कलाओं से युक्त ये महल दुनिया भर की सुंदरता ने से एक अनोखा सुंदर स्मारक है

सफेद संगमरमर से युक्त यह ताजमहल तथा इसके आस पास बहने वाले नदिया फुबारे पेड़ पौधे फूल इन सब से  यह महल  अत्यंत सुंदर लगता है इसके आस पास का वातावर्ण भी काफी मन को लुभाने वाला है मानो जैसे प्रकृति की एक अनोखी देन से इसे सजाया गया हो इसकी सज सज्जा भी प्रकृति में खुद की हो ,

यह महल जितना दिन के सुंदर तथा अच्छा लगता है उतना ही रात्रि के समय भी इसकी सुंदरता दुगुनी हो जाती है जिस समय चांदनी रात में चांद की रोशनी से ये सफेद संगमरमर और भी जायदा खूबसूरत और आकर्षक दिखता है  इसी सब कारणों से जो भी इस जगह पर आता है  मोहित हो जाता है , ताजमहल की सुंदरता पूरे विश्व में विख्यात है तभी इसे दुनिया की सबसे की खूबसूरत इमारतों का दर्जा प्राप्त है

ताजमहल को दुनिया का सातवा आश्चर्य का दर्जा कब मिला?

वर्ष 2007 में  यूनेस्को के द्वारा ताजमहल को दुनिया की सबसे खूबसूरत तथा सातवा अजूबा ( आश्चर्य ) माना गया  विश्व में कई सारी ऐसे इमरते है जो काफी की खूबसूरत तथा आकर्षित करने वाली है परंतु ताजमहल ने जो लोग का मन में जगह बनाई  इसकी सुंदरता के आगे लोग खींचे चले आते है इसे देख कर आखों से ओझल ना होने वाला दृश्य बनता है जो भी इस इमारत को देख ले इसकी यह छबि भूलने योग्य नही इस लिए इसकी सुंदरता और लोगो का इसके प्रति आकर्षण देख इसे दुनिया के सातवे आश्चर्य का स्थान दिया गया जो 2007 से लेकर अभी तक दर्ज है.

इसकी कला कृति और बनावट को देख कर अच्छे अच्छे कलाकार स्तब्ध रह जाते हैं जिस प्रकार से इसकी बनावट तथा इसकी कला कृति की गई है इसकी जैसा निर्माण अब दुबारा होना असम्भव है जो बड़े बड़े इंजिनियर बड़े बड़े कलाकारो को सोच में डाल देता है इसका निर्माण काफी मेहनत और सोच समझ कर किया गया है जो अब किसी भी युग में  ऐसी सुंदर इमारत का होना एक आश्चर्य ही माना जाएगा ।

उपहास

भारत वर्ष में ताजमहल की सुंदरता तथा उसकी आकर्षक करने  वाले स्थल का चर्चा रहा है तथा इसके बनने के पीछे भी काफी अच्छा कारण बताया जाता है जो आज भी लोगो के लिए मिसाल है , सच्चे प्रेम का यह प्रतिक ताजमहल जो देश ही  पूरी दुनिया में अपनी इस मनोहर कला कृति तथा सुंदरता के रूप में जानी जाने वाली एक आश्चर्यजनक इमारत है ,

ऐसा माना गया है की ताजमहल जैसी इमारत बनाने की कोशिश कई बार की गई परंतु सफलता प्राप्त नही हुई , इसलिए इसे दुनिया का सातवा अजूबा कहा गया जो कभी दुबारा न होगा ।

ताजमहल की सुंदरता तथा इसकी कला और आस पास ला वातावर्ण ही है जो लोगो को अपनी और आकर्षित करता है प्रति वर्ष लाखों की संख्या में लोग यह घूमने आते है , तथा अपने देशों के जाकर इसकी सुंदरता की व्याख्या करते है , जो हमारे भारत के  लिए एक गौरवपूर्ण बात है ।

भारत की इस अनमोल धरोहर का सम्मान करना हमारे लिए  हमारे एक महत्पूर्ण फर्ज जैसा है तो इस बात का विशेष ध्यान देना हमारा कर्तव्य है की हम इसके आस पास का वातावरण कितना शुद्ध सुरक्षित रख सकते हैं किस प्रकार हम ताजमहल रूपी इस अनमोल धरोहर को अपने भारत के गौरव के रूप में आने वाली पीढ़ी तक इसी प्रकार सुंदर आकर्षित और सुरक्षित रख सके जिससे इसका नाम दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत में युगों युगों तक बना रहे ।

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