हर्निया क्या है? हर्निया कैसे होता है और इसके प्रकार पूरी जानकारी

क्या है हर्निया? (Harniya Kya Hai)

शरीर का कोई अंग जब अपनी जगह से बाहर निकाल आता है, तो उस स्थिति को हर्निया कहा जाता है। आमतौर पर यह समस्या पेट, कमर, जांघ इत्यादि भागों में हो सकती है। यदि इस समस्या का समाधान समय रहते न किया जाए तो स्थिति बद-से-बदतर हो सकती है और ऐसी स्थिति में इसके लिए एक मात्र विकल्प सर्जरी ही बचती है।

हर्निया के कितने प्रकार के होते हैं?

हर्निया मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  1. इनगुइनल हर्निया यह हर्निया का सबसे साधारण प्रकार है, जिसे वेक्षण हर्निया (inguinal hernia) के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से जांघों के जोड़ में होता है।

इसमें आंत अंडकोष की पतली नली की सहायता से अंडकोष में खिसक जाती है और अंडाकोष में सूजन हो जाती है।

  1. फेमोरल हर्निया फेमोरल हर्निया (Femoral hernia) मुख्य रूप पेट के अंगों का जांघ से पैर से जाने वाली धमनी से बाहर निकल जाने की स्थिति में होता है।

इस हर्निया से पुरूष अधिक प्रभावित होते हैं।

  1. अम्बिलिकल (नाभि) हर्निया इसे नाभि हर्निया (Umbilical Hernia) के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि हर्निया का यह प्रकार मुख्य रूप से नाभि से संबंधित है, जो पेट की सबसे कमजोर मांसपेशियों के नाभि से बाहर निकलने की स्थिति में उत्पन्न होता है।

हर्निया कैसे होता है?

हर्निया मुख्य रूप से इन 6 कारणों से हो सकती हैं,जो इस प्रकार हैं-

  1. पेट की मांसपेशियों का कमजोर होना जब किसी व्यक्ति के पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, तो वे हर्निया का कारण बन सकती हैं।
  2. लंबे समय से खांसी का होना यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक खांसी रहती है तो उसे जल्द-से-जल्दी इसकी जांच करानी चाहिए क्योंकि यह हर्निया का संकेत हो सकता है।
  3. अधिक वजन होना जिस व्यक्ति का अधिक वजन होता है, उसे हर्निया होने की संभावना अधिक रहती है। इसीलिए उसे वजन को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

यदि उसे तमाम कोशिशे करने के बावजूद इस समस्या से राहत नहीं मिल रही है, तो उसके लिए बेरियाट्रिक सर्जरी या लिपोसक्शन सर्जरी उपयोगी साबित हो सकती हैं।

  1. उम्र का अधिक होना जिस व्यक्ति की उम्र 60 साल से अधिक होती है, उसे हर्निया होने की अधिक संभावना रहती है क्योंकि इस अवस्था में उसके शरीर की मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती हैं और वे उभर जाती हैं।
  2. किसी बीमारी का होना यदि आपको कोई बीमारी जैसे किडनी या लिवर की बीमारी है तो आपको हर्निया की समस्या हो सकती है।

इसलिए आपको समय रहते किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करा लेना चाहिए ताकि आप इस समस्या से बच सकें।

  1. कब्ज का होना जिस व्यक्ति को कब्ज की शिकायत रहती है, उसे यह समस्या हो सकती है।

पुरुषों में हर्निया के लक्षण कौन-कौन से होते हैं?

किसी भी अन्य बीमारी की तरह हर्निया के भी कुछ लक्षण होते हैं, जिन पर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

यदि आपके शरीर में भी ये लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो इन्हें नज़रअदाज़ न करें क्योंकि ये पुरुषों में हर्निया के लक्षण हो सकते हैं-

  • पेट पर सूजन होना हर्निया की शुरूआत पेट पर सूजन के साथ होती है। हालांकि, सूजन पेट के उसी हिस्से पर होती है, जहां की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
  • पेट का साफ रहना पेट का साफ न रहना हर्निया का मजबूर संकेत हो सकता है, इसलिए इस लक्षण को ठीक करने की कोशिश की जानी चाहिए।
  • मल में खून आना हर्निया होने पर कई बार मल में खून भी आता है। ऐसे में व्यक्ति को डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए और हर्निया की जांच करानी चाहिए।
  • सीने में दर्द होना इस समस्या के होने पर कई लोगों में सीने में दर्द होता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि इस लक्षण को गंभीरता से लिया जाए तो इसकी जांच कराई जाए।
  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना यदि किसी व्यक्ति के पेट के ऊपरी भाग में दर्द होता है, तो यह उसके लिए हर्निया का संकेत हो सकता है।
  • उल्टी होना हालांकि, उल्टी को गंभीरता से नहीं लिया जाता है, लेकिन कई बार उल्टी होना भी हर्निया का लक्षण हो सकता है।

अत: यदि आपको भी यह समस्या है तो इसे नज़रअदाज़ न करें और तुरंत इसकी जांच डॉक्टर से कराएं।

  • चलने या बैठने में तकलीफ होना इस समस्या के बढ़ जाने पर व्यक्ति को चलने या बैठने में भी तकलीफ होती है।

हर्निया का इलाज कैसे किया जा सकता है?

आमतौर पर, हर्निया को एक लाइलाज बीमारी समझा जाता है, लेकिन किसी भी अन्य बीमारी की तरह इसका भी इलाज संभव है, जिसके लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जा सकता है-

  1. जीवन शैली में बदलाव करना हर्निया का इलाज जीवन-शैली में बदलाव जैसे खान-पान में बदलाव करना, वजन को नियंत्रित रखना, मसालेदार भोजन का परहेज करने इत्यादि करके भी किया जा सकता है।
  2. होम्योपैथिक इलाज कराना होम्योपैथी ने काफी तेज़ी से प्रसिद्धि प्राप्त की है, इसी कारण लोग इसे अपना भी रहे हैं।

यदि किसी व्यक्ति को हर्निया की समस्या है, तो वह होम्योपैथिक इलाज करा सकता है। यह उसके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

  1. अल्ट्रासाउंट कराना जब कोई व्यक्ति हर्निया की समस्या को लेकर किसी डॉक्टर के पास जाता है, तो डॉक्टर सबसे पहले उसके पेट का अल्ट्रासाउंट करते हैं ताकि इस समस्या की स्थिति का पता लगाया जा सके।
  2. एक्सरे कराना कई बार डॉक्टर एक्स-रे के द्वारा भी हर्निया का इलाज करते हैं।
  3. सर्जरी कराना जब हर्निया का इलाज अन्य तरीकों से नहीं हो पाता है, तब सर्जरी का सहारा लिया जाता है।

ऐसी स्थिति में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को कराया जाता है, जो हर्निया का सफल इलाज करती है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को साधारण भाषा में दूरबीन सर्जरी भी कहा जाता है। इस सर्जरी में मुख्य रूप से एक टेलीस्कोप को वीडियो कैमरा के साथ जोड़ा जाता है। इस टेलीस्कोप को छोटे चीरे के द्वारा (जो कि नाभि के नीचे बनाया जाता है) पेट में डाला जाता है एवं संपूर्ण पेट की सूक्ष्मता से जाँच की जाती है।

हर्निया सर्जरी को कैसे किया जाता है?

जब कोई डॉक्टर किसी व्यक्ति को हर्निया सर्जरी कराने की सलाह देेतें हैं तो उसके मन में सबसे पहला प्रश्न यही आता है कि हर्निया सर्जरी को कैसे किया जाता है।

तो आइए, हर्निया सर्जरी की प्रक्रिया के बारे में जानते हैं, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण स्टेप शामिल होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • स्टेप 1: व्यक्ति को पीठ के बल लेटाना हर्निया ऑपरेशन की शुरूआत व्यक्ति को पीठ के बल लेटाकर होती है।
  • स्टेप 2: व्यक्ति को एनेस्थीसिया देना  इसके बाद उसे एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि उसे इस दौरान किसी प्रकार का दर्द महसूस न हो।
  • स्टेप 3: लेप्रोस्कोपी मॉनिटर को लगाना व्यक्ति को एनेस्थीसिया देने के बाद डॉक्टर लेप्रोस्कोपी मॉनिटर को लगाते हैं ताकि इस ऑपरेशन के दौरान होने वाली गतिविधों पर नज़र रखी जा सके।
  • स्टेप 4: त्वचा में कट को लगाना इसके बाद डॉक्टर व्यक्ति के शरीर के उस हिस्से पर कट लगाते हैं, जहां पर हर्निया की समस्या होती है।
  • स्टेप 5: पतले स्कोप को डालनाकट लगाने के बाद डॉक्टर उसके शरीर में पतली, हल्की दूरबीन (Scope) को डालते हैं ताकि शरीर की आंतरिक गतिविधियों को देखा जा सके।
  • स्टेप 6: हर्निया का इलाज करना इस सर्जरी के अंत में हर्निया का इलाज किया जाता है, जिसके लिए डॉक्टर एक पतली ट्यूब का इस्तेमाल करते हैं।

हर्निया के नुकसान कौन-कौन से हो सकते हैं?

हालांकि, हर्निया का सफल इलाज हर्निया की सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, जिनके बारे में जानना महत्वपूर्ण है।

  1. आंतों में दर्द होना– कई बार हर्निया की सर्जरी कराने के बाद व्यक्ति की आंतों (intestine) में दर्द होता है।
  2. रक्तस्राव होनाइस सर्जरी के बाद रक्तस्राव होना एक अन्य जोखिम है।
  3. संक्रमण होना कुछ लोगों में इस सर्जरी के बाद संक्रमण भी हो जाता है।
  4. पेट का खराब रहना कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों में इस सर्जरी को कराने के बाद भी पेट खराब रहता है और ऐसी स्थिति में उसे इस सर्जरी को फिर से कराने की जरूरत पड़ती है।
  5. दिल की धड़कनों का तेज़ होना अकसर ऐसा भी होता है कि हर्निया की सर्जरी के बाद व्यक्ति के दिल की धड़कनें काफी तेज़ हो जाती हैं।

हर्निया के ऑपरेशन के बाद कौन- कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?

हालांकि, हर्निया के ऑपरेशन के कुछ जोखिम भी होते हैं, लेकिन इन सावधानियों को बरतकर इन्हें कम किया जा सकता हैं-

  1. ध्रूमपान करना यदि आपने हाल ही में हर्निया सर्जरी को कराया है तो आपको ध्रमूपान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
  2. व्यायाम करनाहर्निया सर्जरी को करने के बाद व्यक्ति को व्यायाम करना चाहिए ताकि उसके शरीर की मांसपेशियां मजबूत हो सकें और वह जल्दी से ठीक हो जाएं।
  3. फाइबर और सब्जियों का सेवन करना व्यक्ति को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जो फाइबर युक्त हो।
  4. सर्जरी के घाव को साफ रखना इस सर्जरी के दौरान कई गए घाव का व्यक्ति को विशेष ध्यान रखना चाहिए और उसे समय-समय पर साफ रखना चाहिए ताकि उसके शरीर में किसी तरह का संक्रमण न हो।
  5. डॉक्टर के संपर्क में रहनायदि आपने हाल ही में हर्निया की सर्जरी कराई है, तो आपको तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए जब तक वह आपको पूरी तरह से सेहतमंद घोषित न कर दें।

जैसा कि हम सभी लोग यह जानते हैं कि आज कल हर्निया (Hernia) की समस्या काफी तेज़ी से फैल रही है। हर्निया की समस्या मुख्य रूप से बाहर का भोजन करने, शारीरिक व्यायाम न करने इत्यादि के कारण होती है। हालांकि, लोग हर्निया का इलाज करने के लिए कई सारे तरीकों (देखें हर्निया के इलाज के तरीके) को अपनाते हैं, इसके बावजूद वे हर्निया का सफल इलाज नहीं करा पाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें हर्निया का ऑपरेशन या हर्निया की सर्जरी ही कराने पड़ती है। चूंकि, उन्हें हर्निया की पूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे हर्निया की समस्या से निजात नहीं पा पाते हैं। इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इस लेख में हर्निया की जानकारी देने की कोशिश की है।