रेल की यात्रा किसे पसंद नही,यह तो अत्यंत शांतिपूर्ण और आनंददायक होती है। रेल की यात्रा मुझे बहुत प्रिय है। जब भी कहीं दूर जाने की बात होती है तब हमेशा हम रेल का ही चयन करते है क्योंकि इससे अधिक सुविधाजनक वाहन वो भी लंबी यात्रा के लिए दूसरा कोई नही है। रेल यात्रा को सुगम बनाती है।
रेल यात्रा पर निबंध – Essay On Train In Hindi For Class 1
यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर मनुष्यों व अन्य चीजों को पहचाने का कार्य करती है। इसमें एक इंजन और कई डब्बे होते है। मुनष्यों के लिए जो रेल होती है उसकी बनावट व आकार अलग होता है वही दूसरी ओर जिन रेलों में माल भेज जाता है वे अलग प्रकार की होती है। आज ऐसी कोई भी जगह देश में नही है जहां रेल की सुविधा न हो। रेल की पटरियाँ पूरे देश में बिछी है।
रेल में पर्याप्त हवा वाली बोगियां होती है,सोने के लिए शायिका भी उपलब्ध होती है। सामान्य रेलों में जो छोटी दूरी तय करने के लिए होती है उसमें पंखे होते है,अन्य में ऐसी की सुविधा भी होती है। यदि हमारा गंतव्य बहुत दूरी का होता है तो रेल में भोजन यह कि सुविधा भी उपलब्ध होती है जिससे कि हमे स्वस्थ भोजन प्राप्त हो जाता है। यही सब कारण रेल यात्रा को आरामदायक और मनुष्यों के अनुकूल बनाते है।
जब परिवेश मनोरम हो,स्थान अलौकिक हो और दृश्य विहंगम हो तो यात्रा और सुंदर हो जाती है और यही तो रेल यात्रा की सबसे बड़ी खूबी है। यात्रा के समय हमें हरे-सुनहले खेत, कारखाने,छोटी-छोटी झोपड़ियां, ग्रामीण क्षेत्र,जंगल आदि देखने को मिलते है।
रेल यात्रा हवाई और सड़क यात्रा की तुलना में अधिक मनोरंजक होती है।यह मिलनसार यात्रा होती है क्योंकि इसमें यात्रियों में प्रायः मेल-मिलाप,बातचीत होती रहती है और कभी- कभी तो एक दूसरे से अच्छी मित्रता भी हो जाती है। रेल की यात्रा में हम शांतचित होकर यात्रा करने का लाभ देती है।
रेल भारत के विभिन्न संस्कृतियों से हमारा मेल करवाती है। इसमे बिजली की सुविधा भी होती है ताकि रात के समय यात्रियों को किसी प्रकार का कष्ट न हो,साथ ही ऐसी रेल में केबल और तकिये की सुविधा भी प्राप्त होती है। प्रायः भारत और विदेश में भी लोगों द्वारा सबसे अधिक महत्व रेल यात्रा को ही प्रदान किया जाता है। लंबी यात्रा के लिए रेल का सफर सबसे अच्छा माना जाता है।
रेल देश में परिवहन के सबसे सामान्य साधनों में से एक है। लोग अक्सर छुटियों में घूमने जाते है तब अधिकतर लोग रेल यात्रा ही करते है क्योंकि यह आरामदायक होती है।
मैन भी अपने जीवन में कई रेल यात्राएँ की है। यदि कम दूरी की बात की जाए तो मैं कलकत्ता ,पूरी,दीघा गयी हूँ । इन यात्राओं के दौरान मैंने कई खेत देखे,जंगल,झील और कारखाने भी देखे। ये सभी यात्रायें बहुत ज्यादा आरामदायक एवं सुविधाजनक थी साथ ही मंरोजक भी थी। इसके अतिरिक्त मैंने लंबी यात्रायें भी बहुत की है जैसे मैं कर्नाटक, उत्तर प्रदेश तमिलनाडु, तेलंगाना भी गयी हूँ।
इन यात्राओ का वर्णन शब्दों द्वारा संभव नही है । इन यात्राओ में जब खिड़की से बाहर देखती थी तो आंखों को बहुत सुकून का अनुभव होता था ,इतने मनोरम दृश्य,हरियाली, पहाड़,पेड़-पौधे,झील देखने को मिले।
एक बार बैंगलोर जाने के समय यात्रा में एक बहुत ही सभ्य परिवार से मेरी भेंट हुई ,वे भी बैंगलोर जा रहे थे। उनसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगा,उन्होंने मुझे खाने के लिए उन्होंने मिठाई दी। उस दो दिन के सफर में मेरा उनसे बहुत लगाव हो गया और उनका भी हमसे बहुत लगाव हो गया। वे बिल्कुल हमारे परिवार का हिस्सा बन गए थे।
रेल यात्रा में सभी एक दूसरे के साथ मिलकर जाते है,इसमे कोई भेदभाव नही रहता है,सब भाई चारे की भावना से यात्रा करते है और कोई लड़ाई या झगड़े की गुंजाइश नही रहती है।