रोड रेज का अर्थ है सड़क पर अकरात्मक व्यवहार करना है। यह वर्तमान समय में बहुत आम बात है। प्रतिदिन इसी रोड रेज के कारण अनावश्यक विवाद और दुर्घटनाएँ होती है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार रोड रेज वह होता है जब एक वाहन चालक सड़क के नियमों का पालन नही करता है और जिसकी वजह से गंभीर अपराध होते है।
रोड रेज़ पर निबंध – Long and Short Essay On Road Rage in Hindi
आज ये विषय चिंता का कारण बन गया है। ये हादसे किसी क्षेत्र तक सीमित नहीं है,बल्कि पूरे देश में दर्ज है। रोड रेज की वजह से हर वर्ष हज़ारों लोग अपनी जान गवाते है और कई लोग घायल होते है।
भारत में सड़कों की स्तिथि बहुत खराब है साथ ही खराब यातायात प्रबंधन,मौसम की खराबी,वाहनों की ध्वनि जिससे प्रदूषण फैलता है आदि रोड रेज के कारण माने जाते है। खराब सड़कों की वजह से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग घायल होते है और कइयों की तो मौत भी हो जाती है,इससे संबंधित रिपोर्ट थानों में लिखवाए जाते है परंतु इसपे कोई कार्यवाही नही होती है।
रोड रेज में आक्रामक व्यवहार,मौखिक अपमान,खतरनाक ड्राइविंग,धमकी आदि शामिल है। इस तरह के व्यवहार का मुख्य उद्देश्य लोगों को डराना, हताश करना,और उनमें क्रोध उत्पन्न करना है। इसके अतिरिक्त रोड रेज में लंबे हॉर्न,टैलगाटिंग,स्विमिंग और आक्रामक शाररिक व्यवहार शामिल है। वर्तमान समय में कोई नायक नही है,सब नायक विरोधी है।
माता -पिता आज अपने बच्चों को कुछ नही कहते,उनके हर गलत को सही मान लेते है वे यह नही समझते कि अत्यधिक लाड-प्यार बच्चों को जिद्दी और बदमाश बनाता है। वे गलत कार्य करने को हमेशा तत्पर रहते है क्योंकि वह ये जानते है कि उन्हें सजा नही मिलेगी और उन्हें माफ कर दिया जाएगा परंतु यह सर्वथा गलत है क्योंकि आज कुछ लोग विशेषकर युवा पीढ़ी को किसी का भय नही है ,उन्हें स्वयं अपनी जान की फिक्र नही है। वे सड़को पर इतनी तेज गति से गाड़ी चलाते है जिसकी कल्पना करना भी कठिन है और इसके परिणामस्वरूप कई बार वे अपनी जान से हाथ भी धो बैठते है। फिर भी उनमें कोई बदलाव देखने को नही मिलता है।
ऐसी कही घटनाओं के उदहारण देखने को मिलते है जैसे कई बार वाहन चालक पैदल यात्री को परेशान करने के लिए और अपनी बड़ी गाड़ी का रौब दिखाने के लिए उन्हें रास्ते में मार्ग नही देते है,निरंतर हॉर्न बजाते है बावजूद इसके की पैदल चलने वाला व्यक्ति किनारे से ही चल रहा होता है।
मैंने स्वयं भी कई बार रोड रेज की घटना को अपने समक्ष होते हुए देखा है जैसे एक बार एक महिला स्कूटी चला रही थी और बिना कोई हॉर्न बजाएँ गली में मुड़ गयी , ठीक उसी समय दूसरी ओर से दूसरी गाड़ी आ रही थी और उस पुरुष ने बहुत ही सूझ-बूझ से और हड़बड़ा कर ब्रेक लगाया और गाड़ी को रोका,उस समय एक बहुत खतरनाक घटना घटने से बची अन्यथा दोनो गंभीर रूप से घायल हो सकते थे
आजकल लोग फ़िज़ूल में ही रोड पर अकरात्मक व्यवहार करते है और कभी -कभी यह मारपीट का रूप धारण कर लेता है,दुख तो तब होता है जब पढ़े लिखे लोग ऐसा व्यवहार करते है। आधुनिक युग में लोगो बड़े क्रोधी होते जा रहे है और कहीं का क्रोध कहीं और किसी और पर निकाल देते है,
इसका अधिक प्रमाण हमे सड़कों में ही देखने को मिलता है साथ ही भारत में सड़कों की दशा इतनी अधिक खराब है कि इसका वर्णन शब्दो द्वारा संभव नही है। जगह-जगह गढे है जिनमे बरसात के समय पानी भर जाता है और मच्छर,कीड़े आदि उसमे भिनभिन्नाने लगते है,इससे कई बीमारियां होती है साथ ही इन गढो से सड़क हादसे भी बहुत होते है। रोड रेज ने कईयों की जान ले ली है। पिछले कुछ वर्षों में कई लोग रोड रेज का शिकार हुए है। प्रत्येक दिन मामले बढ़ते जा रहे है।
कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि कुछ लोग सिर्फ सड़क पर दूसरे लोगों को शारीरिक एवं मौखिक रूप से परेशान करने और लड़ाई करने के लिए आते है। पहले छोटी-छोटी बातों से लड़ाई शुरू होती है फिर ज्यादा बढ़ जाती है जिसके परिणामस्वरूप गोलीयाँ भी चल जाती है। दुख की बात तो यह है कि आज भ्रष्टाचार इतना अधिक बढ़ गया है कि जो लोग मुख्य रूप से रोड रेज के अपराधी होते है वे पुलिस कर्मचारियों को घूस दे देते है और मामला स्लट जाता है,और यह दोषी को सह देता है,
जिससे आगे चलकर वह फिर ऐसा ही कार्य करता है। रोड रेज में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए,इससे निपटने के लिए कानून में जरा सी भी लापरवाही रोड रेज को बढ़ावा देने का मुख्य कारण है। पुलिस द्वारा रोड रेज को गंभीरता से नहीं लिया जाता है ,हमारा सिस्टम तब काम करता है जब कोई बढ़ी घटना घट जाती है। परंतु ऐसा नही होना चाहिए पुलिस कर्मचारियों को सतर्क रहना चाहिए और साथ ही लोगों को भी कानून का पालन करना चाहिए,सड़को के नियमों का पालन करना चाहिए।
रोड रेज के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे,ऐसे में इन मामलो को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और कानून का पालन ना करने वालों को सज़ा देनी चाहिए, उनपर जुर्माना लगाना चाहिए क्योंकि ऐसे मामलों से निपटने का यही एक उपाय है साथ ही लोगों को भी चाहिये कि वे बेवजह लड़ाई-झगड़ा न करे और सड़कों के नियमों का पालन करते हुए सामान्य रूप से सड़कों पर चले। रोड रेज आमतौर पर असावधानी और तनावपूर्ण होने के कारण हो जाता है,इसलिए यह आवयशक है कि लोग अपना आपा न खोये और संयम से रास्ते पर चले।