पणजी पर निबंध – Essay on Panaji in Hindi

आज हम इस पोस्ट में पणजी पर निबंध (Essay on Panaji in Hindi) के बारे में चर्चा करने वाले है। पणजी (Panaji) भारत के गोवा राज्य की राजधानी और उत्तर गोवा ज़िले का मुख्यालय है। प्रशासनिक रूप से यह तिस्वाड़ी तालुका में स्थित है। पणजी मांडवी नदी के ज्वारनदीमुख पर बसा हुआ है। पणजी वास्को द गामा और मडगाँव के बाद गोवा का सबसे बड़ तीसरा शहर है।

पणजी पर निबंध (Essay on Panaji in Hindi)

वर्तमान गोवा, पणजी का पर्यायवाची है।बेशक यह सबसे बड़ा शहर नहीं है और न ही सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है; लेकिन फिर भी यही जगह सभी कार्यों का केंद्र बनती है।पणजी का शाब्दिक अर्थ है,’वह भूमि जहाँ कभी बाढ़ नहीं आती’। यह जगह 7मी. की औसत उंचाई पर स्थित है तथा यहाँ प्रवेश करते ही आपको यह आभास हो जाएगा कि गोवा के बाकी शहरों की अपेक्षा यह शहर कुछ अधिक गतिशील है।

लेकिन फिर भी, अधिकतर दूसरे महानगरों की अपेक्षा कम गतिशील होने के कारण शहरी लोग यहाँ छुट्टियों का पूरा मज़ा ले सकते हैं। इस शहर की जनसंख्या लगभग 5000 है। गोवा में छुट्टियाँ बिताने के लिए आने पर पणजी एक बहुत अच्छी जगह है जहाँ पर्याप्त संख्या में पाँच व चार सितारा होटल, रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल उपलब्ध है।

इसके अलावा यह शहर, पार्टियों के लिए प्रसिद्ध उत्तरी गोवा, विरासत में समृद्ध दक्षिणी गोवा तथ वास्को दा गामा व मारमुगाओ जैसे शहरों से समान दूरी पर स्थित है। पणजी में गोवा का पैतृक संग्रहालय देखने योग्य है और साथ ही यहाँ होने वाली व्यापारिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियाँ अद्भुत हैं जो गोवा की पहचान हैं। इस संग्रहालय में गोवा की रबड़ की खेती से लेकर लवण कंपनियों तक, प्रत्येक चीज़ को दर्शार्या गया है। यही पर ’लेजेंड ऑफ बिगफुट’ का दिलचस्प प्रदर्शन भी देखा जा सकता है।

वर्तनाम समय में ’ बिगफुट ’ एक विशाल मंच बन चुका है जहाँ अनेक कार्यक्रम तथा अभिनय किए जाते हैं। यदि आप पणजी में ईडीसी कांप्लेक्स के पास हैं तो आप आसानी से गोवा के स्टेट म्यूजि़यम तक पहुंच सकते हैं 8000 वस्तुएँ प्रदर्षित की गई हैं जिनमें मिट्टी के प्राचीन बर्तन, लकड़ी की प्राचीन वस्तुएँ तथा शिल्पकला, हिंदु व जैन धर्मग्रंथों को दर्शाती विभिन्न पेंटिंग सम्मिलित हैं।

हर साल लाखों की संख्या में छात्र, कलाप्रेमी तथा जिज्ञासु पर्यटक गोवा का स्टेट म्यूजि़यम देखने के लिए आते हैं। मांडवी नदी पर सुबह और शाम के अद्भुत नज़ारें देखने के लिए आप बैंसतरिम पुल पर जा सकते हैं जिसे स्थानीय लोगमेटा ब्रिज कहते हैं। 1980 के दशक में कई बार यह पुल गिरने से डर हो जाने के कारण स्थानीय लोग पिछले तीन दशकों से नौका सेवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।

कुछ समय से रास्ता ठीक हो जाने पर कुछ लोग आज भी नौका का ही प्रयोग कर रहे हैं। पणजी का यह पुल दो समानांतर पुलों से बना है तथा नदी के दोनों ओर बंदरगाह पर नौका व लक्ज़री क्रूसर का नज़ारा शाम को देखते ही बनता है। पणजी से थोड़ी दूर मांडोवी नदी के किनारे स्थित एक गाँव, रीस मैगोस, में रीस मैगोस किला है जहाँ पणजी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रीस मैगोस किले से पणजी का बहुत सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है। कुछ समय पहले यह फिर से चमकाया गया था। इस किले की यात्रा के लिए अधिपत्र लेना होता है क्योंकि यह किला प्रसिद्ध अगुआड़ा किले से लगभग 50साल पहले बना था। पणजी अपने धार्मिक स्थानों जैसे सेंट कैथरीन की चैपल तथा पणजी चर्च के लिए भी प्रसिद्ध है।

हिंदु लोग अकसर महालक्ष्मी तथा मारुति मंदिर देखने के लिए आते हैं। पणजी के बारे में ध्यान देने योग्य एक रोचक बात यह है कि लगभग 2012 के आरंभ में कुछ स्थानीय लोगों ने बुल फाइटिंग का आयोजन किया था लेकिल स्थानीय प्रशासन द्वारा उसे तुरंत ही बंद करवा दिया गया। गोवा की सभी जगहों से बसें पणजी से गुज़रने के कारण यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है।

आप किराए की बाइक लेकर भी जा सकते हैं, रास्ता बताने के लिए पर्याप्त साइन बोर्ड यहाँ उपलब्ध हैं। अगर आप मुंबई या पुणे से आ रहे हैं तो गोवा में प्रवेश करने पर पहला शहर पणजी है। हवाई अड्डे से पणजी 30 मिनट की दूरी पर है और बाहर निकलते ही टैक्सियाँ उपलब्ध रहती हें।

उम्मीद करता हु आपको पणजी पर निबंध (Essay on Panaji in Hindi) के बारे में पूरा ज्ञान मिल गया होगा। अगर आप कुछ पूछना या जानना चाहते है, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर अपना सन्देश भेज सकते है. हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे। इस पोस्ट को पढने के लिए आपका धन्यवाद!