हमारे शरीर का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो हम हर बुरी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होते हैं।
स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – Long and Short Essay on Health is Wealth in Hindi
यदि हम जीवन को वास्तविक रूप में जीना चाहते है तो हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। हमारा वास्तविक धन , सम्पति स्वास्थ्य ही है।जिस प्रकार शरीर को पानी और हवा की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक अच्छे स्वास्थय के निर्माण के लिए स्वछता भी जरूरी है।
स्वास्थ्य का क्षेत्र
स्वास्थ्य का क्षेत्र अत्यंत विशाल है। स्वास्थ्य से ताप्पर्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं है , इसके अंतर्गत मानसिक , आध्यात्मिक , बौद्धिक और सामाजिक स्वास्थ्य भी शामिल हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य
शारीरिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारे तन की सफाई आ जाती है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमें प्रतिदिन स्नान करना चाहिए और प्रतिदिन अपने वस्त्रो को बदलना चाहिए। इसके साथ-साथ हमारा भोजन संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए। एक संतुलित आहार का सेवन हमें स्वस्थ बने रहने में मदद करता है और साथ ही हमें नियमित समय पर भोजन करना चाहिए। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमें प्रतिदिन वव्यायाम करना चाहिए और हमें अपने भोजन में हरी सबिजयां , दूध और अंडे आदि का सेवन करना चाहिये।
मानसिक स्वास्थ्य
मनसिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारे मन में चल रहे अनेक प्रकार के विचार आते है। हमारा मन सकरात्मक विचारो से युक्त होना चाहिए। यदि हमारा मन किसी भी प्रकार के द्वेष , कलह या मत भेद जैसे विचारो से ग्रस्त है तो हम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत नहीं कर सकते और न ही जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। अगर हमारा मन हमेशा सात्विक विचारों को सुनता और उनमे विश्वास रखता है तो हमारा मन अत्यंत शांत रहता है जिसके कारण हम हर कार्य में अपना मन लगाते है और जीवन में सफलता हासिल करते हैं।
बौद्धिक स्वास्थ्य
बौद्धिक स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित है। बौद्धिक स्वास्थ्य हमारे मस्तिष्क से सम्बंधित है तो मानसिक स्वास्थ्य हमारे अंतर्मन से सम्बंधित है। जब हमारा मन शांत होता है तो वो हमारे मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है और उस ऊर्जा का प्रयोग करके हमारी सोच भी सकरात्मक होती है और हम जीवन के सही मार्ग पर अग्रसर होते हैं।
सामाजिक स्वास्थ्य
सामाजिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारे आस-पास का पर्यावरण आता है। यदि हमारे आस-पास सफाई नहीं है , या किसी भी प्रकार की स्वछता नहीं है और हर तरफ प्रदूषण है तो हम एक स्वस्थ जीवन का निर्वाह नहीं कर सकते। एक स्वस्थ जीवन में जहां आपके घर का , आपका स्वस्थ होना जरुरी है वहीं दूसरे तरफ आपके आस-पास का स्वच्छ होना भी अति आवश्यक है। यदि आस-पास का वातावण स्वच्छ होगा तो यह एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करेगा जिसके अंतर्गत रहने वाले हर प्राणी का स्वास्थ्य अच्छा होगा और एक स्वच्छ समाज का निर्माण होगा।
स्वास्थ्य के लिए जरूरी बातें :- एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने के लिए हमें निम्न बातो को ध्यान में रखना होगा :-
औधोगिकीकरण
आज देश दिन प्रतिदिन उन्नति कर रहा है। हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है पर इसके साथ-साथ हमें अपने स्वास्थ्य और स्वच्छ वातावण का भी ध्यम रखना होगा। आज यातायात के साधन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है जिसके कारण प्रदूषण भी बढ़ रहा है और हम उसी प्रदूषित हवा में साँस ले रहें है। यही प्रदूषित हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो रही है। आज हम थोड़ी दूर चलने के लिए भी वाहन का सहारा लेते है और जिसके कारण हमारा सहरीर शिथिलता महसूस करता है। इसलिए आज जरूरी है की हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे। यदि थोड़ी दूर चलना पड़े तो पैदल ही चले जिसके कारण आपका शरीर स्वस्थ भी होगा और शारीरिक अंगो में अकड़न भी दूर होगी और रक्त का प्रवाह भी सुचारु रूप से हो सकेगा।
मानव शरीर अमूल्य है
हमारा शरीर अत्यंत अमूल्य है। विधाता ने हमें एक स्वस्थ और सुन्दर शरीर वरदान के रूप में प्रदान किया है। अपने शरीर के देखभाल करना हमारा फर्ज और धर्म है। यदि हम अपने शरीर के देखभाल नहीं करेंगे तो भगवान द्वारा प्राप्त वरदान का अपमान होगा। इसलिए हमें विधाता की ख़ुशी और अपनी ख़ुशी दोनों के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
नशीले पदार्थो का सेव
यदि हम नशीले पदार्थो का सेवन करते है तो हमारा शरीर कभी भी स्वस्थ नहीं हो सकता। नशीले पदार्थ हमे शारीरिक रूप से कमजोत कर देते है और हमारी सोचने-समझने के शक्ति को भी क्षीण कर देते है जिसके कारण हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी ख़राब हो जाता है। आधे से अधिक रोड दुर्घटनाये इसी का परिणाम है। कुछ लोग शराब पीकर या किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करके जब वाहन चलाते हैं तो उनका मस्तिष्क उनका साथ नहीं देता और वो किसी दुर्घटना के शिकार हो जाते है। इसलिए हमें नशीले पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए।
अत्यधिक जल को ग्रहण करे
हमें जितना हो सके जल को ग्रहण करना चाहिए और प्रतिदिन 3 से 5 लीटर पानी पीना चाहिए तभी हम एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यदि हम उचित मात्रा में जल ग्रहण करते है तो हमारे शरीर के अनेक बीमारियां अपने आप ठीक हो जाती है और हमें स्वस्थ शरीर के प्राप्ति होती है।
कूड़ा कर्कट न फैलाएं
हमें अपने आस-पास का वातावण स्वच्छ बनाये रखने के लिए हमें अपने आस-पास कूड़ा-कर्कट नहीं फैलाना चाहिए और हमेशा कूड़ा कूड़े दान में ही डालना चाहिए। ऐसा करने से हमारे आस-पास किसी भी नकारातमक विचारधारा का पप्रवाह नहीं होगा। जैसे यदि आपके डैस्क पर कुछ पेपर सिमटे हुए रखे है तो आपको किसी भी पेपर ढूंढ़ने में आपत्ति नहीं होगी वही दूसरी और अगर सारे पेपर बिखरे हुआ है तो आपको एक पेपर भी ढूढ़ने में अत्यधिक समय लगेगा। और अनावश्यक पेपर कूड़ेदान में है तो आपका डैस्क भी एक स्वच्छ और सकरात्मक वातावरण का माहौल बना सकता है और इसके कारण आपका मन भी कार्य में अच्छे से लगता है।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। एक बीमार धनि व्यक्ति के पास भली ही आपकी तुलना में अधिक धन सम्पति हो परन्तु वो वास्तव में आपकी तुलना में अत्यंत गरीब है। आपके पास स्वास्थ्य का भंडार है तो उसे स्वास्थ्य को खरीदना पड़ता है। वह अनेक प्रकार की दवाइयाँ खा कर स्वास्थ्य को खरीद रहा है और आप एक संतुलित आहार के साथ सुखी जीवन व्यततीत करते है। इसलिए जीवन में स्वस्थ होना जरूरी है।