स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध – Essay on Health Education in Hindi

स्वस्थ जीवन अर्थात समृद्ध जीवन। स्वास्थ्य ही एक मनुष्य की पूँजी होती है।बिना स्वास्थ्य के जीवन व्यर्थ और निरर्थक माना गया है और इसलिए कहा भी जाता है कि धनी होने से पहले एक मनुष्य को स्वस्थ होना चाहिए।

स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध – Essay on Health Education in Hindi

वर्तमान समय में प्रत्येक विकसित तथा विकासशील देश स्वास्थ्य शिक्षा के ऊपर विशेषरूप से ध्यान दे रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेकों तकनीकों का अविष्कार किया जा रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा हर किसी के लिए अनिवार्य है,इसके द्वारा व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनता है,साथ ही अपनी आदतों व जीने के तरीको में भी बदलाव लाता है।

स्वास्थ्य शिक्षा न केवल शारीरिक अपितु मानसिक बीमारियों की ओर भी हमारा ध्यान केंद्रित करती है। आधुनिककाल के विभिन्न मुद्दे जैसे कि यौन कल्याण आदि को भी संबोधित करता है।

आज की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हर व्यक्ति अत्यधिक व्यस्त है,उसके पास अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचने का ज़रा भी समय नहीं रहता है। ऐसे में स्वास्थ्य शिक्षा हमारे लिए एक वरदान है क्योंकि जरूरी नहीं है कि इसके लिए हमे किसी विशेष स्थान में जाना हो बल्कि हम घर बैठे ही इसके बारे में मोबाइल,इंटरनेट,अखबार आदि द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकते है।

आजकल सब कुछ डिजिटल हो गया है और यह हमारे लिए बहुत सुविधाजनक है क्योंकि अब हम फर बैठे ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा स्वास्थय से संबंधित सभी चीजों को जान सकते है साथ ही इनका अनुसरण भी कर सकते है।

वास्तव में स्वास्थ्य शिक्षा सम्पूर्ण राष्ट्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यदि राष्ट्र के नागरिक स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र भी स्वस्थ रहेगा,उसकी अर्थव्यवस्था भी सुचारू रूप से कार्यरत रहेगी।

जीवन प्रत्याशा जितनी अधिक रहेगी, जीवन स्तर उतना ही बेहतर होगा। आधुनिककाल कोरोनॉ काल है यह ऐसा समय है जहां प्रत्येक मनुष्य को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना होगा,इस अवस्था में थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को स्वयं चाहिए कि वो अपने हाथ समय -समय पर धोय,सैनिटाइज करे,लोगों से पर्याप्त दूरी बनाए।

आज इस वैश्विक महामारी का खौफ पूरे विश्व में इस कदर फैल चुका है कि कोई भी अब इससे अनजान नहीं है,यह स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा ही संभव हो पाया है कि हर व्यक्ति को कोरोनॉ की जानकारी है और उससे कैसे बचाव किया जा सकता है इससे भी वे भलीभांति परिचित है। आज हमारे लिए शिक्षित होना जितना जरूरी है उतना ही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखना भी जरूरी है। भ्रष्टाचार का युग है , हर वस्तु में मिलावट है फिर चाहे वो पानी हो ,खाना हो अन्य कोई भी प्रदार्थ हो ऐसे में व्यक्ति का जागरूक होना अनिवार्य है।

स्वास्थ्य शिक्षा से हम अपने आसपास के पर्यावरण के अनुकूल बर्ताव करते है। अपनी शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से परिचित होते है। यद्यपि स्वास्थ्य शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है तथापि इससे उतना महत्व नहीं दिया जाता है पर ऐसा करना उचित नहीं है क्योंकि एक समाज के लिए,राष्ट्र के लिए,समुदाय के लिए स्वस्थ और स्वछ रहना आवयशक है।

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधित जानकारी को उजागर करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र शहरों व नगरों की तुलना में उतने विकशित नहीं होते है और न ही उनके पास इलाज कराने के साधन उपलब्ध होते है। ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य के महत्व को बताते हुए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना अनिवार्य है। ग्रामीण क्षेत्र के निवासी मुख्य रूप से कम पढ़े लिखे होते है इसलिए इन्हें स्वास्थ्य का महत्व समझने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों, नाटकों का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे देखकर वे जागरूक हो।

मेरा यह मानना है कि अस्पताल में आये मरीज़ों को उनकी बीमारी के बारे में पूर्ण रूप से ज्ञान होना चाहिए,जिससे वे अपनी आगे के जीवन को संयमित रूप से व्यतीत करे।खाने पीने में परहेज करें। मरीजों को उनकी बीमारी से अनजान रखना गलत है क्योंकि इससे उन्हें कभी पता ही नहीं चलेगा कि उन्हें जीवन में क्या करना है,क्या खाना है,क्या पीना है,कौनसी दवाई लेनी है या नहीं लेनी है।

कई बार यह देखा गया है कि जब किसी मरीज को कोई गंभीर बीमारी होती है तो डॉक्टर ही नहीं अपितु उसके परिवार जन भी उससे यह बात छुपाते है,यह बिल्कुल उचित नहीं है ऐसा करने से हम उस व्यक्ति को सुरक्षित नहीं कर रहे बल्कि उसके लिए खतरे को आमंत्रित कर रहे है। इसलिए यह अनिवार्य है कि मरीज को उसकी बीमारी के विषय में ज्ञात हो।

हमारे जीवन को गति प्रदान करता है भोजन इसलिए यह जरूरी है कि हमे यह पता हो कि इनमें किन तत्वों का समावेश है ,क्या इसके हानि है,लाम्भ है इत्यादि। 13 से 15 साल के बच्चो को स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत किशोरावस्था की जानकारी दी जानी चाहिए। सिर्फ स्वास्थ्य शिक्षा ही है जो हमे तम्बाकू,गुटखा,सिग्रेट, दारू,ड्रग्स के दुष्परिणामों से अवगत करवाता है।

यह हमें ज्ञान देता है कि किस प्रकार व्यायाम हमारे लिए लाभप्रद है। सही पर सोना और सही समय पर उठना,नींद को पूरा करना कितना आवयशक है। स्वास्थ्य शिक्षा हमे व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वछता के प्रति जानकारी प्रदान करता है।

व्यक्तिगत स्वछता के अंतर्गत स्नान,कपड़ो की सफाई-धुलाई,अपने नाखून,बाल,दांत,पैर, हाथ सब की देखभाल करना और पर्यावरण से सम्बंधित जानकारी जैसे सही मात्रा में प्रकाश,शुद्ध पानी,वेंटिलेशन,सीवेज की व्यवस्था, घर में चूहों पर नियंत्रण आदि। स्वास्थ्य शिक्षा हमे बच्चों के जन्म के समय होने वाली आपातकालीन स्तिथियों से निपटने का ज्ञान प्रदान करता है,उस समय हमारा प्रथम कर्तव्य क्या होता है इसकी जानकारी देता है। यह सरकार व अन्य संगठनों द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा जा सर्वोत्तम उपयोग बताता है।

वर्तमान समय में सरकार ने कई सार्वजनिक संगठन शुरू किए है जो लोगों को विशेषकर अनपढ़ लोगों को स्वाथ्य शिक्षा प्रदान करते है उनकी अज्ञानता को दूर करते है। स्वास्थ्य शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य हमे ही करना है यदि सभी स्त्री,पुरुष एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे तो निश्चित रूप से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार संभव है।

मनुष्य जब जागरूक होगा तभी वह समझेगा की प्रदूषण कैसे फैलता है और फिर इसे रोकने का उपाय सोचेगा इसी तरह अन्य चीजों में भी जब वह जागरूक होगा तो सुधार भी होगा। स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना सिर्फ सरकार का ही नहीं अपितु पूरे विश्व का दायित्व है,जिसे हमे ईमानदारी से निभाना है।