स्वास्थ्य पर निबंध – Essay on Health in Hindi

स्वस्थ प्रवेश , स्वस्थ विचार ,

स्वस्थ आदत , स्वस्थ आचार ,

स्वच्छ विचार , स्वच्छ आहार ,

कर देगा देश का कल्याण।

स्वास्थ्य पर निबंध – Long and Short Essay on Health in Hindi

आज विष्व जहाँ भंयकर महामारियों कोरोना, पदूषण , जनसँख्या वृद्धि  और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं की चपेट से घिरा हुआ है वह वहाँ स्वस्थ जीवन के लक्षय को  प्राप्त करने व उसके प्रति जागरूरक होने के लिए भी लोगो से स्वस्थ रहने व  स्वस्थ वातावरण बनाये  रखने की उम्मीद  कर रहा है। स्वच्छ वातावरण बनाने का लक्षय किसी बाह्य संस्था का उतरदायित्व नहीं है नहीं है बल्कि  यह हमारा फर्ज  और हमारा ध्येय होना होना चाहिए कि हम अपने समाज , देश को  स्वच्छ रखेंगे तभी हम   एक स्वच्छ और साफ़-सुथरा पर्यावरण का सपना साकार होते देख सकते है।

स्वास्थ्य का अर्थ और अभिप्राय

स्वास्थ्य का अर्थ है आपका शारीरिक रूप से स्वस्थ होना।  पर वास्तव में स्वास्थ्य का यह अर्थ उसका  सूक्षम अर्थ है  स्वास्थ्य का विशाल और विकसित अर्थ कुछ  और ही है।  स्वास्थ्य का वास्तविक अर्थ – आपका शारीरिक , मानसिक , सामाजिक  रुप से स्वस्थ होना।  निरोगी  शरीर  का होना , खुशहाल जीवन जीने की प्रथम सीढ़ी है।

स्वास्थ्य के चरण या प्रकार :- मुख्यतः स्वास्थ्य को चार चरणों में विभाजित किया गया है :-

शारीरिक स्वास्थ्य

शरीरीरिक स्वास्थ्य का हमारे जीवन में बहुत महत्व है।  इसका कारण यह है शरीर के थोड़ा भी अस्वस्थ होने पर मन भी अस्वस्थ महसूस करता है और कभी कभी जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होते तो हमारे निजी समबन्ध में भी खिचाव आने लगता है और जिसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य  पड़ता है।  इसलिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक है।

शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमें प्रतिदिन योगाभ्यास , व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और साथ ही साथ अपने भोजन को नियमित समय और नियमित मात्रा में लेना भी अनिवार्य है।  स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन विकसित होता है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ होता है तो शरीर में रक्त का संचार व प्रवाह भी सही प्रकार से होता है और इसके साथ साथ हमें किसी भी प्रकार के जोड़ो के दर्द की समस्या भी नहीं होती है।

मानसिक स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य के अंतर्गत आपका मन और मस्तिष्क आते है।  यदि आपका शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ है लेकिन मन में आशंका और किसी भी प्रकार की चिंता है ,हमारा  मन स्वस्थ नहीं हो सकता। मन को स्वस्थ रखने का एकमात्र उपाय है आप योगाभ्यास करें।  योग करने से आप एक आत्मीय सुख का अनुभव करते हैं और जिसके कारण आपका मन हर प्रकार की चिंता से स्वयं को मुक्त महसूस करते है और आपका मन शांति का अनुभव भी करता है।  अतः मानसिक स्वास्थ्य को ग्रहण करने के लिए योग को अपनी दिनचर्या का अंग बना ले।

सामाजिक स्वास्थ्य

सामाजिक स्वास्थ्य के अंतर्गत आपका आस-पास का महोल्ला , परिवार , घर और चारो ओर का वातावरण शामिल है। हमारा चित और मन स्वस्थ है परन्तु हमारा आस-पास का वातावरण ही स्वच्छ नहीं है तो हम बीमार हो सकते है।  इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमारे आस- पास सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये ताकि हमारे साथ -साथ हमसे जुड़े हमारे परिवार के लोग  भी स्वस्थ जीवन का निर्वाह कर सके।

आध्यात्मिक स्वास्थय

आध्यात्मिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारी आत्मा का निर्मल होना शामिल है।  यदि  हमारा तन और मन दोनों निर्मल है परन्तु हमारी अंतर आत्मा नकारातमक विचारो की और अग्रसर है तो हम स्वस्थ नहीं है।  आत्मीय निर्मलता के लिए आवश्यक है हमारे मन में सकारात्मक विचारो का प्रवाह होना ताकि हम सकारात्मक्ता का अपने जीवन में प्रयोग कर सके।  जीवन में कैसी भी परिस्थति आ जाये हमारा मन शांत हो और ये विचार हो यह भी जीवन का हिस्सा है और सब शीघ्र ही ठीक हो जायेगा।  इस तरह हम आध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी आंनद ले सकते है।

अस्वस्थ होने के कारण

आज के आधुनिक योग में अधिकांश लोग इस समस्या का सामना कर रहे है।  इसके कुछ कारण इस प्रकार है :-

औधोगिकीकरण

आजकल के इस मशीनी और औधोगिकी समय ने लोगो को इतना आलसी बना दिया है कि लोग हर कार्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक साधनो पर निर्भर होते जा रहे है जिसके कारण वो सभ्र , सहनशीलता जैसे गुणों का मुल्ये भी नहीं पहचानते।  आज हर किसी व्यक्ति को हर काम मिंटो में चाहिए जिसके कारण देश में बरोजगारी भी बड़ी है।  जैसे आजकल की युवा पीढ़ी पैदल न चल कर किसी न किसी वहां का सहारा लेती है चाहे दूरी दो कदम की ही हो और  इसके साथ साथ वो किसी भी काम को स्वयं नहीं करना चाहते हर काम के लिए नौकर रखते है जिसके कारण उनका स्वास्थ्य और ख़राब हो जाता है।

प्राचीन काल

पुराने समय में लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए दूर तक खेतो में जा कर कड़ी मेहनत करते थे और अनाज उगाते थे और इसके साथ- साथ वो संतुलित आहार का सेवन भी करते थे।  यही कारण है हमारे बजुर्ग काफी लम्बे समय तक जीवन का आंनद लेते थे अथार्त दीर्धायु का जीवन व्यतीत करते थे।

आधुनिक काल

आज के आधुनिक युग में नौकरी पेशे लोग कई घंटो लैपटॉप , कंप्यूटर पर बैठे बैठे काम करते है और कभी कभी वही काम करते करते खाना भी खा लेते है जिसके कारण उनका शरीर किसी भी  प्रकार  क्रियाएं  नहीं करता।  यही कारण है यदि आजकल की युवा पीढ़ी से मेहनत वाला कोई भी नहीं होता और न ही उनका किसी एक कार्य में मन लगता है।

अच्छा स्वास्थ्य कैसे प्राप्त किया जाये

अच्छा स्वास्थ्य हर किसी की इच्छा है और हर कोई एक स्वस्थ जीवन जीना चाहता है।  इसके लिए व्यक्ति को निम्न बातो का अपने दैनिक जीवन में पालन करना चाहिये :-

  • प्रतिदिन योगाभ्यास करे।
  • संतुलित आहार ग्रहण करे।
  • फ़ास्ट फ़ूड का सेवन कम से कम मात्रा या न के बराबर करे।
  • भोजन के तुरंत बाद निंद्रा न ले पहले थोड़ा टहलने की आदत डाले।
  • अपने आस-पास भी स्वछता का बेहद ध्यान रखे।

निष्कर्ष

आज का मानव अनेक प्रकार की सुवधाओं और आरामदायक साधनों को प्राप्त करने के होड़ में इस कदर भाग रहा है उसे अपने स्वास्थ्य बिलकुल भी ख्याल नहीं है।  आज व्यक्ति अनेक  प्रकार की दवाईयों को ले सकता है पर अपने लिए पौषिटक भोजन नहीं बना सकता।