दोस्तों आजकल के परिवेश में हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता है वर्तमान समय में लोगों की बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों में बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है कुछ लोगों के शरीर में छोटी बीमारी होती है जो जल्दी सही हो जाती है और कुछ लोग किसी बड़ी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं जिनका इलाज करने के लिए उन्हीं हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कभी-कभी बीमारी का पता नहीं चलता और बीमारी गंभीर रूप ग्रहण कर लेती है जिसके लिए डॉक्टर जांच करवाने को बोलते हैं। यदि शरीर में समस्या छोटी है तो साधारण जांच करवाने को कहते हैं और जिन लोगों की शरीर में कोई बड़ी समस्या हो और डॉक्टरों को उसका पता नहीं चल पा रहा तो, डॉक्टर समस्या का पता लगाने के लिए कई तरह की जांच करवाते हैं उन्हीं में से कुछ जांचों के बारे में मैं आप सभी से चर्चा करने वाली हूं आप सभी सोच रहे होंगे कि मैं कौन सी जांच के बारे में बात कर रही तो मैं आपको बता दूं कि आज के लेख में मैं आपको सिटी स्कैन और एमआरआई स्कैन कैसे होता है बताने वाली हूं।
सिटी स्कैन क्या है? (CT Scan Kya Hai)
दोस्तों सिटी स्कैन एक महत्वपूर्ण जांच प्रक्रिया होती है जिसमें मरीज के शरीर में होने वाली समस्या के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। और मरीज के शरीर में क्या बीमारी है और यह कितनी पुरानी और गंभीर है यह भी हम जान सकते है। इसे कंप्यूटर और एक्स-रे की सहायता से किया जाता है।
पहले के समय में शरीर की बीमारियों का पता नहीं लग पाता था पर आज बहुत सारे यंत्र हैं जिनकी सहायता से हम शरीर की बीमारियों की जांच कर सकते हैं। उनमें से महत्वपूर्ण यंत्र है सिटी स्कैन। इसमें कंप्यूटर की सहायता से एक्स-रे मशीन से मनुष्य के शरीर में क्रॉस आंशिक चित्र बनाता है । और एक टेस्ट के माध्यम से शरीर की गंभीर बीमारी का पता लगाया जा अच्छे से लग सकता है। इसका प्रयोग शरीर के प्रमुख अंग जैसे दिल ,पेट,सिर, कंधे, रीड की हड्डी, छाती, घुटने आदि की जांच करने में होता है।
सिटी स्कैन के अविष्कारक
सिटी स्कैन का आविष्कार ब्रिटिश सर गॉडफ्रे हंसफील्ड और डॉक्टर एलन कोर्मेक ने स्वतंत्र रूप से किया था।
सिटी स्कैन का फुल फॉर्म क्या है
सीटी स्कैन का फुल फॉर्म “कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन” होता है। इसे हम हिंदी में ”कंप्यूटेड टोमोग्राफी”के नाम से भी जानते हैं।
सिटी स्कैन कैसे होता है
सिटी स्कैन के दौरान मरीज को एक सुरंग जैसी मशीन में लिटाया जाता है। इसके बाद मशीन के अंदर के भाग घूमते हैं और विभिन्न एंगल से चित्र बनाते हैं। यह चित्र कंप्यूटर पर भेजे जाते हैं। जहां शरीर के विशेष क्षेत्र की 3 डी पिक्चर्स को बनाने के लिए एकत्रित किया जाता है। जिसे डॉक्टर्स आसानी से देख लेते हैं। इसमें शरीर के सभी अंग स्पष्ट रुप से दिखाई देते हैं। सिटी स्कैन करने से पहले व्यक्ति को कुछ खाने पीना नहीं होता है। सिटी स्कैन करते समय अगर मरीज लोहे सोने की कोई वस्तु पहना होता है तो उसे उतरवा दिया जाता है। सिटी स्कैन के समय मरीज को बिल्कुल हिलना डुलना नहीं होता है क्योंकि स्कैन का चित्र धुंधला हो सकता है। जिससे मरीज की रिपोर्ट का सही पता नहीं चल पाता है। सिटी स्कैन करवाते समय मरीज को एक ही स्थिति में जांच होने तक लेटने तक कहा जाता है।
सिटी स्कैन किसलिए करवाया जाता है?
सीटी स्कैन का प्रयोग प्रमुख रूप से शरीर में होने वाली बीमारी और चोट लगने आदि के इलाज में किया जाता है। इसके द्वारा निकली रिपोर्ट्स स्पष्ट होता है कि मरीज को क्या बीमारी है और शरीर का कौन सा हिस्सा किस वजह से प्रभावित है। सिटी स्कैन बीमारियों के इलाज और चोटों के निदान के लिए बहुत ही अच्छा यंत्र माना जाता है।
सिटी स्कैन का प्रयोग निम्नलिखित कारणों के लिए किया जाता है
- शरीर की आंतरिक चोटो और रक्तस्त्राव का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- ट्यूमर और कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- हृदय रोग की समस्या के लिए किया जाता है।
- रक्त वाहिनीयो और आंतरिक संरचनाओं का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
- मांसपेशियों के विकार और हड्डी फ्रैक्चर के लिए किया जाता है।