विश्व खाद्य दिवस – World Food Day in Hindi

जीवित रहने के लिए इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव चाहे वो मनुष्य हो या अन्य जीव जंतु या फिर कोई वनस्पति सबसे आवश्यक आवश्यकता है ‘ भोजन ‘ । जिस प्रकार मनुष्यों को जीवित तथा स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है उसी प्रकार अन्य जीव जंतुओं को भी होती है ।

विश्व खाद्य दिवस – World Food Day in Hindi Language

पेड़ पौधे भी  संतुलित आहार मिलने  के  पश्चात ही सुचारू रूप से वृद्धि करते हैं । भोजन किसी भी जीवित व्यक्ति के जीवन का आधार होता है।  सही समय पर तथा शरीर की आवश्यकतानुसार संतुलित भोजन न मिल पाने पर शरीर में विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न होने लगते हैं। परन्तु हमारे देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में एक बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो भुखमरी का शिकार हैं , पर्याप्त भोजन ना मिल पाना उनके लिए एक बड़ी समस्या आज भी बनी हुई है ।

प्रत्येक वर्ष १६ अक्टूबर को मनाये जाने वाले विश्व खाद्य दिवस के द्वारा लोगों में यह जागरूकता बढ़ने का प्रयास किया जाता है कि विश्व में भुखमरी , कुपोषण और गरीबी के खिलाफ हो रहे संघर्षों से लड़ने की ताक़त मिले और हम सब इस समस्या से जल्द ही छुटकारा प्राप्त कर सकें। प्रत्येक वर्ष यह प्रयास जारी है किन्तु देखा जाये तो आज भी हालात ज्यादा सुधर नहीं पाए , कही न कही हम आज भी गरीबी झेल रहे लोगों को 2 वक़्त की रोटी दिला पाने में असमर्थ है।

बदलती अर्थव्यवस्था तथा आधुनिक पीढ़ियों के बदलते नज़रिये तथा जागरूकता से विश्व खाद्य दिवस को मनाने के उद्देश्य में जल्दी ही सकारात्मक बदलाव होने की सम्भावना है।

विश्व खाद्य दिवस का आरम्भ

विश्व में खाद्यान की समस्या को मद्देनज़र रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सन 1945 में प्रत्येक वर्ष १६ अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र ने सर्वप्रथम रोम में 16 अक्टूबर, 1945 को  “खाद्य एवं कृषि संगठन” की स्थापना की थी । इस दिवस को मनाने का उनका कारण विश्व भर में फैली भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना था। मनुष्य के सर्वांगीण विकास से ही विश्व समाज का संतुलित विकास हो सकता है।  और इसके लिए जरूरी है कि सभी को प्रतिदिन संतुलित आहार मिले।

विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य

खाद्य एवं कृषि संगठन का उद्देश्य विश्व के सभी व्यक्तियों के लिए लिए खाद्य सुरक्षा प्राप्त करवाना तथा यह सुनिश्चित करना है कि संतुलित एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिए लोगों को पर्याप्त मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाला भोजन मिल सके । लोगों को पर्याप्त मात्रा में संतुलित भोजन मिल सके, इसके लिए यह भी आवश्यक है कि विश्व में खाद्यान्न का उत्पादन भी आवश्यक मात्रा में हो।

किन्तु विश्व की जनसंख्या में हो रही लगातार वृद्धि और खाद्य पदार्थों के सीमित भंडार को देखते हुए यह पाया गया की खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने की ज़रूरत पड़ने लगी है । संयुक्त राष्ट्र ने बात को ध्यान में रखते हुए 16 अक्टूबर सन 1945 में रोम में “खाद्य एवं कृषि संगठन” की स्थापना की। विश्व में फैली भुखमरी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने तथा इसकी रोकथाम करने के लिए सन 1980 से प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को ‘विश्व खाद्य दिवस’ का आयोजन शुरू किया गया।

विश्व खाद्य दिवस कैसे मनाते हैं ?

‘विश्व खाद्य दिवस’ को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व से भुखमरी को मिटा कर सभी लोगों को संतुलित आहार उपलब्ध कराना  है। वैश्विक स्तर पर शिक्षा का विकास , आधुनिकरण होने बावजूद भी विश्व में करोड़ों लोग ऐस हैं जो भुखमरी के शिकार हैं। वर्तमान समय में विश्व से भुखमरी को मिटाने के लिए अत्याधुनिक तरीके से खेती की जाने लगी है ।

जिसमे विभिन्न प्रकार की तकनीकियों का प्रयोग करने अधिक से अधिक उत्पादन किया जाता है तथा अर्जित अन्न को राष्ट्रीय अन्न कोष  में जमा किया जाता है जिसके फलस्वरूप समय समय पर जरुरत के हिसाब सरकार द्वारा अन्न वितरण कर के या कम दामों पर लोगों को अन्न उपलब्ध करा के यथासंभव मदद की जाती है। साथ ही साथ रोजगार के विभिन्न अभियानों द्वारा रोजगार के अवसर देकर भोजन की आवश्यकता हेतु धन अर्जन के भी माध्यम दिए जाते हैं। सरकार के साथ साथ विभिन्न प्रकार की संस्थाएं भी जागरूकता को बढ़ाने हेतु अपना सहयोग दे कर इस दिवस को मनाने के उद्देश्य को सफल बनाने में अपना योगदान देते हैं।

इस दिन अपने परिवार , मित्रों या सहयोगियों से चर्चा करें तथा उन्हें भोजन व्यथ न करने की सलाह दें , जितनी जरुरत हो उतने ही फल या सब्जियां खरीदे जिस से अनावश्यक कुछ भी व्यर्थ ना हो सके।  अपने आस पास गरीबों की मदद करें तथा उन्हें रोजगार के लिए प्रेरित करें साथ ही साथ उनके बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाते हुए शिक्षित होने के लिए प्रेरित करें ।  ऐसे ही विभिन्न उपक्रमों द्वारा लोगों में जागरूकता को बढ़ाया जा सकता है।

उपसंहार

जिस प्रकार सांस लिए बिना या पानी मिले बिना हम जीवित नहीं रही सकते उसी प्रकार संतुलित आहार लिए बिना भी हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।  बावजूद इसके विश्व भर में करोड़ो लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं और बहुत से ऐसे भी हैं जिनको गरीबी के कारण २ वक़्त का भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता।

ऎसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों की सहायता हेतु विभिन्न संस्थाए तथा सरकार सदैव प्रयासरत है। इसके अलावा अन्य लोगों को इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने तथा यथासंभव मदद कर के इस समस्या को खत्म करने क लिए प्रत्येक वर्ष १६ अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।  और वैश्विक स्तर पर आंकड़ों का अध्ययन करें तो पिछले कुछ वर्षो में इस समस्या में कमी आयी है और लगातार किये जाने वाले प्रयासों से जल्द ही सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकेगा।