सूर्य नमस्कार एक प्रकार की शारीरिक क्रिया होती है जो सूर्योदय के समय किया जाता है इसलिए इसे हम सूर्य नमस्कार कहते हैं इस समय सूर्य नमस्कार और व्यायाम के साथ-साथ सूर्य भगवान की पूजा भी की जाती है, हिंदू धर्म के अनुसार भगवान सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं जो साक्षात हमें दिखाई पड़ते हैं इनकी विधि विधान से पूजा करने से सफलता , मानसिक शांति और शक्ति का संचार होता है सूर्य देव की पूजा में गायत्री मंत्र के अतिरिक्त और कई मंत्रों का उच्चारण एवं योग भी किया जाता है ।
सूर्य नमस्कार कैसे करते हैं Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार को हर आयु के लोग कर सकते हैं जो लोग इसे प्रतिदिन नियम से करते हैं उनका शरीर स्वस्थ एवं निरोगी होता है । अब हम आपको सूर्य नमस्कार करने के कुछ तरीके बताते हैं , जिसे नियमित रूप से आप कर सकते हैं । और शरीर को सेहतमंद बना सकते हैं ।
सूर्यनमस्कार करते वक्त हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है आपको सभी आसन प्रातः काल के समय पूरब की तरफ मुख करके करना है ।
हस्तपाद आसन और इसके फायदे
इस आसन में पूरब की तरफ मुंह करके आगे की तरफ झुकते हैं और सांस छोड़ते हुए हाथों को पैरों के पंजों के पास जमीन पर रखते है । यह आसन करने से हमारे शरीर में लचीलापन आता है और पाचन क्रिया सही होती है ।
प्रणाम आसन और इसके फायदे
इस आसन में आप सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथ को जोड़ें फिर गहरी सांस लें और कंधों को ढीला रखें अब सास को अंदर की तरफ खींचते हुए अपने हाथ ऊपर करें और सांस को धीरे धीरे निकालते हुए प्रणाम मुद्रा ले लें। इस आसन से शरीर को विश्राम मिलता है और सूर्य नमस्कार करने के लिए एकाग्रता की भावना पैदा होती है ।
दंडासन और इसके फायदे
इस आसन को करते समय अपने बाएं पैर को पीछे की तरफ रखें और शरीर को सीधी रेखा का आकार दें । यह आसन हमारे मांस पेशियों और रीड की हड्डी को मजबूत करता है और मस्तिष्क कोशिकाओं को शांत रखता है।
भुजंगासन और इसके फायदे
इस आसन को करते समय शरीर का ऊपरी हिस्सा ऊपर की तरफ उठा होता है और बाकी हिस्सा जमीन से लगा रहता है और अपने सिर को ऊपर की तरफ रखा जाता है और शरीर को हाथों की मदद से ऊपर उठाया जाता है । यह आसन शरीर को लचीला बनाता है , और कंधों को मजबूत करता है, पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
पर्वत आसन और इसके फायदे
इस आसन में हाथ और पैर जमीन पर लगा रहता है और शरीर का बाकी हिस्सा ऊपर की तरफ उठा रहता है और हमारे शरीर का पूरा वजन हाथों और पैरों पर रहता है । इस आसन है को करने से जांघ ,घुटना और एड़ियों को मजबूत करता है रक्त परिसंचरण में सुधार आता है ।
साष्टांग नमस्कार और इसके फायदे
इस आसन में जमीन की तरफ मुंह करके लेट ना होता है और अपने कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाना होता है इस योग को करते समय छाती और ठुड्डी जमीन से लगी रहनी चाहिए। यह आसन शरीर के रक्तचाप को सही करता है और यह हृदय से संबंधित होने वाली बीमारी को रोकता है।
सूर्य नमस्कार करने का सही समय
सूर्य नमस्कार करने का सही समय सुबह का होता है इसलिए जो लोग व्यायाम करना चाहते हैं वे प्रतिदिन सायंकाल 6 बजे के पहले इस व्यायाम को करें । व्यायाम करते समय आपका पेट एकदम खाली नहीं होना चाहिए । सुबह के समय हल्का गुनगुना पानी पीने के 15 मिनट बाद ही इस व्यायाम को शुरू करें । सूर्य नमस्कार करते समय आपका चेहरा सूरज के सामने होना चाहिए और इस व्यायाम को धीरे धीरे करना चाहिए। सूर्य नमस्कार करने के तुरंत बाद कभी भी स्नान नहीं करना चाहिए,
आसन करने के बाद कम से कम 15 मिनट रुक कर ही स्नान करना चाहिए । सूर्य नमस्कार करते समय हमे यह पता होना चाहिए कि कब सांस लेनी होती है और कब छोड़नी होती है आसन को करने से पहले हो सके तो किसी व्यक्ति या यूट्यूब की सहायता से इसे अच्छे से सीख ले इसके बाद ही इसे करना शुरू करें । रोजाना इस व्यायाम को करने से शरीर को बहुत लाभ मिलता है और हमारा शरीर भी फुर्त रहता है।