सुशासन दिवस पर निबंध – Essay On Good Governance Day in Hindi

सुशासन अर्थात एक ऐसा शासन जिसमे देश के लोग सौहार्दपूर्ण रहे , उनका सर्वांगीड़  विकास हो, देश के प्रत्येक फैसले में जनता की स्वीकृति  शामिल हो ऐसे शासन को ही सुशासन कहा जाता हैं। वर्तमान समय के बदलते परिवेश में ऐसे राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इस प्रकार के राज्य हमे अपने धर्म में या  इतिहास में पढ़ने को मिल सकते हैं। क्यूंकि वर्तमान समय में ऐसा कोई नेता नहीं है जो स्वहित को छोड़कर जनहित के बारे में सोचे। जो नेता स्वहित को छोड़कर जनहित के बारे में कार्य करता है वही सुशासन हो सकता है।

सुशासन दिवस पर निबंध – Long and Short Essay On Good Governance Day in Hindi

हमारे देश में ऐसे नेता कई वर्षो में एक बार जन्म लेते हैं। भारत में ऐसे ही ऐसे ही एक महान नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी जी जिनकी गुणों की तारीफ उनके विपक्षी भी करते थे। प्रत्येक वर्ष भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सुशासन की अवधारणा का विकास वास्तविकता में देखा जाये तो कौटिल्य, अरस्तु तथा प्लेटो के दर्शन शास्त्र में मिल सकता है।भारत में प्राचीन काल से ही सुशासन की अवधारणा राम राज्य के स्वरूप में विकसित है। किन्तु बदलते समय के साथ वर्तमान लोक प्रशासन यह 1990 के दशक में प्रविष्ट हुआ।  1994 में विश्व बैंक ने सुशासन के लिए कहा  था कि सुशासन शब्द का प्रयोग  ऐसी प्रक्रिया के रूप में किया जाता  है जिसमें शासन अपनी  शक्तियों तथा अधिकारों का प्रयोग राष्ट्र के विकास के लिए राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक संसाधनो के प्रबंध के लिये करता  है।

सुशासन दिवस का आरम्भ

सन 2014 में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में 25 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के 90वे जन्म दिवस पर तथा माननीय मदन मोहन मालवीय जयंती पर प्रत्येक वर्ष  ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। इस दिवस को इस प्रकार सुशासन दिवस के रूप में मनाना  भारतीय लोगों के लिये बहुत गर्व की बात है ।

सर्वप्रथम सुशासन दिवस की घोषणा अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस  पर  भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई थी। सुशासन दिवस की  घोषणा “ई-गवर्नेंस” के माध्यम से सुशासन के आधार पर की गयी थी । सुशासन के प्रमुख भाग हैं :

  • विधि का शासन
  • समानता एवं समावेशन
  • भागीदारी
  • अनुक्रियता
  • बहुमत
  • प्रभावशीलता दक्षता
  • पारदर्शिता
  • उत्तरदायित्व
  • निष्पक्ष आकलन

सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस तथा माननीय मदन मोहन मालवीय जयंती पर मनाया जाने वाला सुशासन दिवस के अनेक उद्देश्यों की पूर्ती करता है।  उदाहरणस्वरूप :

  • देश को एक “खुला और जवाबदेह प्रशासन” प्रदान करने के लिए सरकारी प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाना
  • सुशासन दिवस द्वारा लोगों में देश को एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के लिए सरकार को प्रतिबद्ध करने के लिए जागरूकता को बढ़ाना
  • इसका उद्देश्य देश के आम नागरिकों का कल्याण और उनकी भलाई के प्रति जनजागरूकता को बढ़ाना है।
  • यह दिवस सरकार द्वारा किये जाने वाले कामकाज के मापदंड के साथ-साथ के देश की जनता के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन कोतैयार करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
  • भारत में सुशासन दिवस को आरम्भ करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बेहतर और प्रभावी नीतियों को लागू करन तथा उन नीतियों के प्रति लोगों को जागरूक करना ।
  • इस दिवस का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों की आंतरिक प्रक्रियाओं के साथ साथ उनके द्वारा किये जाने वाले काम के लिये प्रतिबद्ध करना है।
  • नागरिकों तथा सरकार के आपसी संबधों को प्रगाढ़ बना के आने वाली समस्याओं को दूर करना है।

सुशासन दिवस कैसे मनाते है ?

इस  कार्यक्रम में सभी सरकारी अधिकारियों को बैठक और संचार के लिये आमंत्रित करके तथा इस के उपरांत मुख्य समारोह में सम्मिलित होकर मनाया जाता है। इस दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी में सरकारी अधिकारियों भाग लेने के साथ साथ ई-गवर्नेंस और प्रदर्शनी के बारे में लोगो को  सुझाव भी देते है।

सुशासन दिवस के अवसर पर पूरे दिन काम करने की घोषणा की गयी थी किन्तु उस दिन क्रिसमस के राजपत्रित अवकाश होने के कारण अवकाश ही रहता है । विद्यार्थीयों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है उदाहरणस्वरूप : ऑनलाइन लेखन प्रतियोगिता , प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता इत्यादि । इस घोषणा में सुशासन दिवस के दो दिन 25-26 दिसम्बर को होने वाले समारोहों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की आयोजित गतिविधियों में भाग लेते हैं। किन्तु विद्यालयों का खुलना आवश्यक नहीं है।

विद्यार्थी आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में स्वेच्छा से भाग लेते हैं।  सम्पूर्ण देश में शांति तथा अनुशासन को सुचारु बनाए रखने के उद्देश्य से  सुशासन दिवस अनेक लोगों के साथ एकजुटता से मनाया जाता है. यह प्रयास अनेक लोगों को मिलने वाली सुविधा के साथ ही साथ यह देश की  प्रगति में भी सहायक होगा। देश में अनेक ऐसे लोग हैं जो अन्य लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं , इस दिवस को मनाने के उद्देश्य से लोग संगठिक होकर एकजुटता के साथ एक दूसरे की मदद कर पाएंगे।

उपसंहार

जिस प्रकार ‘सु’  उपसर्ग लगाने से किसी शब्द की महत्ता बढ़ जाती है उसी प्रकार ‘सु’ उपसर्ग लगाने से ‘शासन’ शब्द की महत्ता बढ़ जाती है तथा ‘सुशासन’ शब्द का जन्म होता है। धर्म में देखा जाये तो ’सु’ उपसर्ग से अभिप्राय किसी शुभ, अच्छे या मंगलकारी इत्यादि भावों से होता है। इसी उपक्रम में 25 दिसंबर को मनाये जाने वाले सुशासन दिवस द्वारा लोगों में ऐसे समाज की स्थापना देने के प्रति जागरूक किया जाता  है,

जिसमे देश का विकास निहित हो तथा जनता सौहार्दपूर्वक , शांति पूर्वक एवं संगठिक हो कर रहे।  इस विकासक्रम द्वारा अर्जित ज्ञान और लोककल्याण की भावना की अवधारणा हमेशा ही प्रबल प्रेरक की भूमिका में रही है।अतः हम यह कह सकते है कि सुशासन किसी भी व्यक्ति को भ्रस्टाचार एवं लेटलतीफी की आदत  से मुक्त कर देश के विकास के लिए कार्य करने के लिए जागरूक करता है।