सनबर्न क्या है? लक्षण, कारण और खतरे के बारे में पूरी जानकारी

सनबर्न सूर्य के प्रकाश के प्रति त्वचा की एक सामान्य प्रतिक्रिया है। सनबर्न को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें सबसे पहले प्रकाश के संबंध में जानने की आवश्यकता है। पराबैंगनी प्रकाश (अल्ट्रावायलेट लाइट) (Ultraviolet light) एक प्रकार की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है, जो ब्लैक-लाइट पोस्टर को ग्लो देता है। साथ ही यह गर्मियों में त्वचा के झुलस जाने और सनबर्न के लिए जिम्मेदार होता है। अल्ट्रावायलेट लाइट के अधिक संपर्क में आने पर जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचता है।

सनबर्न क्या है? Sunburn in Hindi

अल्ट्रावायलेट लाइट को तीन ब्रांड्स में विभाजित किया जाता है। इनमें से दो यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) होते हैं। इन दोनों की लंबाई इतनी होती है कि यह पृथ्वी पर पहुंच जाती हैं और कोशिकाओं प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। तीसरी यूवीसी (UVC) पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है, चूंकि इसे ओजोन परत द्वारा सोख लिया जाता है।

त्वरचा तक पहुंचने वाले प्रकाश की मात्रा को एरथेमा डोज (erythema) कहा जाता है। साथ ही इसका एक स्तर होता है, जिसे त्वचा बिना जले सहन कर सकती है। इसे मिनिमल एरथेमा डोज (Minimal Erythema Dose) कहा जाता है। जब आप अधिक समय तक सूर्य की रौशनी में रहते हैं या रक्षात्मक कपड़े नहीं पहनते हैं तो एरथेमा डोज में इजाफा होता है। यह मिनिमल एरथेमा डोज (MED) को पार कर जाता है, जिससे सनबर्न होता है।

सनबर्न कितना सामान्य है?

यह एक सामान्य समस्या है। आपको सिर्फ सूर्य की रौशनी से ही सनबर्न नहीं होता, बल्कि यह टेनिंग्स बेड्स या अल्ट्रावायलेट लाइट के स्रोत के संपर्क में आने से भी होता है। सनबर्न किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। बादल छाये रहने के दौरान भी लोगों को सनबर्न हो जाता है, क्योंकि यूवी लाइट बादलों से भी आ सकती है। सनबर्न के जोखिम के कारकों को कम करके इस समस्या का प्रबंधंन किया जा सकता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

लक्षण

सनबर्न के क्या लक्षण हैं?

प्रकाश के संपर्क में आने के छह घंटे बाद स्पष्ट रूप से सामने आता है और यह 12-24 घंटों के बीच बदतर हो जाता है। जितना ज्यादा आप सूर्य के प्रकाश में रहेंगे उतनी ही जल्दी सनबर्न के लक्षण नजर आते हैं। सनबर्न दिखने में लाल और इसमें खुजली हो सकती है। यह फफोलों के रूप में सामने आ सकता है, जिससे पीढ़ित को दर्द हो सकता है।

यूवी लाइट के संपर्क में रहने से आप हीट स्ट्रोक के कुछ अन्य लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। यह लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • ठंड लगना
  • बुखार
  • उबकाई
  • हार्ट बीट का असमान्य होना
  • हाइपोटेंशन (Hypotension)

यह लक्षण लंबी अवधि तक रह सकते हैं या गंभीर मामलों में यह दो हफ्तों तक बने रह सकते हैं।

सनबर्न के एक हफ्ते बाद त्वचा की एक स्केली और फ्लेकी परत निकलने लगती है। यहां तक कि ऐसा त्वचा के उस हिस्से में भी होता है, जहां पर आपको फफोले नहीं पड़े हों।

उपरोक्त लक्षणों के अलावा सनबर्न के कुछ अन्य लक्षण हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप सनबर्न के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सनबर्न का क्या कारण है?

लंबे वक्त तक अल्ट्रावायलेट रौशनी के संपर्क में रहने से सनबर्न होता है। यूवी लाइट के संपर्क में आने के बाद स्किन पिगमेंट में दो बदलाव आते हैं, जिससे त्वचा काली पड़ जाती है।

हालांकि, यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) त्वचा को प्रभावित कर सकती है। इन दोनों का प्रवेश करने का अलग-अलग स्तर होता है। यूवीबी त्वचा की सतह में प्रवेश कर सकती है, जबकि यूवीए त्वचा की मध्य परत (dermis) की गहराई में प्रवेश कर सकती है। इससे त्वचा के ढांजे में बदलाव आता है और त्वचा की समस्याएं जैसे झुर्रियां, काले धब्बे आदि होते हैं। यह सनबर्न के साथ होते हैं।

जोखिम

किन कारकों से मुझे सनबर्न का खतरा बढ़ सकता है?

ऐसे अनेकों कारक हैं, जिनसे सनबर्न का खतरा बढ़ता है। इनसे आपकी त्वचा के सूर्य के प्रकाश में आने पर झुलसने या सनबर्न होने की संभावना बढ़ जाती है। यह कारक निम्नलिखित हैं:

  • पीली त्वचा और चमकदार रंग के बाल
  • यदि आप पहाड़ पर हैं या ऐसे किसी स्थान पर, जो सूर्य के नजदीक है।
  • कुछ दवाओं का इस्तेमाल, जिनसे त्वचा सूर्य के प्रकाश में आने पर आसानी से जल जाती है।
  • टैनिंग बेड्स डिवाइस का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा में सनबर्न हो सकता है।

सनबर्न का इलाज कैसे किया जाता है?

हल्का सनबर्न होने पर आप इसका इलाज खुद कर सकते हैं:

  • त्वचा पर ठंडा कंप्रेस लगाना।
  • ठंडे पानी से नहाना।
  • सनबर्न के इलाज में इस्तेमाल होने वाले लोशन या स्प्रे का इस्तेमाल करना। आमतौर पर इन प्रोडक्ट्स में मेंथोल, केम्फोर, एलोवेरा या सुन्न करने वाली दवाइयां होती हैं।
  • सूर्य की रौशनी से दूर रहना जब तक लालिमा और दर्द चला न जाए।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।

घरेलू उपाय

जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे सनबर्न को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको सनबर्न में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

शॉवर लें

ठंडे पानी में थोडा बेकिंग सोडा डालकर शॉवर लेने से त्वचा की जलन कम होती है। सोडा मिले पानी में लगभग 10-15 मिनट तक त्वचा को डुबोएं। इसके अलावा पानी में ओटमील मिलाकर त्वचा साफ करने से जलन और कालापन हट जाता है। बाथ सॉल्ट, ऑयल या बबल बाथ का इस्तेमाल न करें। बजाय इसके एक कप ओटमील को घोल कर कुछ देर त्वचा पर लगाएं। यह स्किन सूदर का काम करता है।

ऐलोवेरा दे राहत

ऐलोवेरा के पत्तों को बीच में काटकर गाढा जेल निकालें और झुलसी हुई त्वचा पर लगाएं। त्वचा की लाली, जलन दूर करने के साथ नमी के संतुलन को बरकरार रखेगा और मृत त्वचा हटाने में भी मदद करेगा।

घरेलू उपचार

त्वचा की जलन दूर करने के लिए आलू किसी वरदान से कम नहीं। दो आलुओं को धोकर छोट टुकडे कर लें। इसे ब्लेंडर या फूड प्रोसेसर में पीस लें। इसके रस को प्रभावित स्थान पर लगाएं। सूखने के बाद ठंडे पानी से शॉवर लें। ऐसा 4-5 बार करने से जल्दी आराम मिल जाएगा।

नमी प्रदान करें

यूवी किरणें त्वचा की बाहरी सतह को रुखा कर देती हैं। इस कारण कोश और रक्त कणिकाएं लीक करने लगती हैं और त्वचा की बाह्य सतह पर पहुंचने वाली नमी सूखने लगती है। ऐसे में ठंडी सिंकाई से राहत मिलती है। इसके बाद मॉयस्चराइजर लगाएं ताकि रूखापन न आए। बेहतर होगा कि इस्तेमाल से पहले मॉयस्चराइजर को फ्रिज में रखकर ठंडा कर लें। यह नमी के साथ ठंडक व ताजगी का एहसास देगा।

ठंडक दें

गर्म तौलिये को ठंडे पानी में भिगोकर झुलसी हुई त्वचा पर कुछ देर रखें। ऐसा दिन में कई बार करें। चाहें तो पानी में थोडा सा बेकिंग सोडा और फिटकरी पाउडर मिलाएं। यह त्वचा की जलन को शांत करेगा।

ठंडा दूध

ठंडा दूध बहुत उपयोगी होता है। दूध में लैक्टो-पैलियो होता है, जो त्वचा की धूप से रक्षा भी करता है और मृत त्वचा को हटाकर नई त्वचा को पोषण देने का काम भी करता है। एक कटोरी में ठंडा दूध डालकर रुई की सहायता से त्वचा पर लगाएं। सूखने पर ठंडे पानी से धो लें। झुलसी हुई त्वचा पर भूल कर भी पेट्रोलियम जेली न लगाएं। यह त्वचा के छिद्र बंद कर देगी।

ग्रीन टी

इसमें टैनिन एसिड होता है, जो त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। 2 कप गर्म पानी में 2-3 टी बैग डालें। फिर ठंडा होने दें। इस पानी में कॉटन बॉल डुबोएं और लगाएं। आप चाहें तो नहाने के पानी में भी 4-5 टी बैग्स डाल सकती हैं। ठंडा टी बैग भी उन स्थानों पर रख सकती हैं, जहां तुरंत आराम की जरूरत हों। मसलन आंखों, गाल और नाक पर।

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।