प्रेरक (Motivational) के कुछ शब्द, कहानी हिंदी में पाए

कामयाबी और नाकामयाबी दोनो ज़िन्दगी के हिस्से है। प्रेरणा शब्द का अर्थ है मानवीय इच्छाओं,अभिलाषाओं एवं जरूरतों की अभिव्यक्ति।सामान्य शब्दों में कहा जाए तो मनुष्य जब भी कोई कार्य करता है तो उसके पीछे उसका कोई उद्देश्य अवश्य होता है.

प्रेरणा जो हर किसी को जानना चाहिए – Motivational Articles In Hindi

कोई ना कोई जरूरत उस कार्य के साथ जुड़ी होती है।यह जरूरत उसे वह कार्य करने के लिए प्रेरित करती है और इसी का अर्थ है प्रेरणा अर्थात वह एहसास जो आपको आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्साह एवं जोश प्रदान करे।प्रेरणा के संदर्भ में कई विद्वानों ने अपने मतानुसार अलग-अलग परिभाषाएं दी है।प्रेरणा शब्द स्वयं ही एक सकारात्मक ऊर्जा लिए हुए है।

हार या जीत दोनो ही जीवन के अंग है।जरूरी तो नही की हम हमेशा सफल ही होंगे ,हमेशा जीत हमारी ही होगी।कभी न कभी जीवन में सबको हार का मुख तो देखना ही पड़ता है और ऐसी ही स्तिथि में प्रेरणा ही है जो हमे आगे बढ़ने,एक नई शुरुवात करने का सामर्थ्य प्रदान करती है।

हमारे अंदर एक नए उत्साह का समावेश करती है।प्रेरणा केवल एक एहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।एक व्यक्ति के प्रेरणा का स्त्रोत कोई भी हो सकता है चाहे वो कोई दूसरा व्यक्ति हो,कोई पुस्तक हो,उसके गुरु हो,कोई बड़ी हस्ती हो, माता-पिता हो यह वह स्वयं हो,ऐसा कोई भी स्त्रोत जो हमारी लक्ष्य प्राप्ति में साहयक हो वही हमारा प्रेरणा स्त्रोत है।

हम जीवन में जो कुछ भी हासिल करते है उसमें सबसे बड़ा हाथ होता है प्रेरणा का ।आधुनिक समय में कई लोग प्रेरणा प्राप्त करने के लिए या प्रेरित होने के लिए यूट्यूब पर प्रेरणादायक वीडियो को सुनते और देखते है पर मेरा यह मानना है कि प्रेरणा प्राप्त करने के लिए किसी वीडियो की आवश्यकता नही है यह हम अपनी ज़िंदगी से ही प्राप्त कर सकते है ,

वो कहते है ना जो सबक हमे ज़िन्दगी सिखाती है वो कोई और पुस्तक नही सीखा सकती। आजकल लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी ज़िन्दगी से हार कर आत्महत्या जैसा कानूनी जुर्म कर बैठते है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनका प्रेरणा स्त्रोत् कोई नही होता है,अतः यह आवयशक है कि हम अपने जीवन में प्रेरणा का एक न एक स्त्रोत रखे ये हमे न केवल गतिशील बनाता है अपितु रचनाकत्मक भी बनाता है।

कभी-कभी हम मुश्किल रास्ता सिर्फ इसलिए चुनते है क्योंकि हमें लगता है कि जरूरी चीज़ों को प्राप्त करने के लिए मुश्किल रास्तों के प्रयोग करना अनिवार्य है पर ऐसा नही है जब आसान रास्ते से मंज़िल मिल रही तो खुद को तकलीफ क्यों देना।

जब तक हम गिरेंगे नही चलना कैसे सीखेंगे? हम हारते है,गिरते है फिर संभलते है।कभी भी हमे अपनी अतीत में हुई गलतियों के कारण वर्तमान और भविष्य को खराब नही करना चाहिए।

सही मायनों में देखा जाए तो किसी व्यक्ति को किसी दूसरे प्रेरणा स्त्रोत की आवयशकता ही नही है वो स्वयं का प्रेरणा स्त्रोत बन सकता है,जब हम खुद को अच्छी तरह समझ लेते है तो दूसरे क्या सोचते है ये मायने नही रखता है। ज़िन्दगी हमारी है तो इसकी गाड़ी को हमे ही चलना है यदि हम किसी और को अधिकार देंगे तो हमारी ज़िंदगी कष्टदायी होगी।

मैं प्रेरणा के संदर्भ में जितने उदाहरण दूं उतने काम ही पड़ेंगे। अगर हम अपने हिन्दू धर्म के महाकाव्य श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस को देखे तो इसके नायक ही मानव जीवन के सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत है।

ऐसी एक कथा प्रचलित है कि भगवान राम जब वनवास के समय सरभंग ऋषि से मिले तो सरभंग ऋषि ने उनके दर्शन प्राप्त कर अपने सम्पूर्ण जीवन के पुण्य फलों को श्री राम को अर्पित करना चाहा परंतु तब श्री राम ने उन्हें कहा कि मनुष्य को अपने पूण्य कर्मों का फल स्वयं खुद को देना चाहिए। यह छोटा सा वाकया ही हमे कितनी प्रेरणा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त गौतम बुद्ध एक प्रेरणा स्त्रोत है जिस प्रकार उन्होंने अपना जीवन जिया वे सदैव मनुष्यों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। प्रेरणा मानव के लिए अत्यंत आवयशक है यही जीने का जरिया है।