जल संरक्षण पर निबंध – Essay On Water Conservation in Hindi

प्रकृति ने पृथ्वी को कई ऐसे संसाधन दिए हैं जिसके द्वारा मनुष्य अपनी जिंदगी चला रहा है, जैसे कि जल, वायु इत्यादि लेकिन बढ़ती आबादी के साथ दिन प्रतिदिन संसाधन का प्रयोग बढ़ता जा रहा है और अब इनके प्रयोग से ज्यादा दुरुपयोग होना शुरु हो चुका है और एक लंबे समय से तमाम संसाधन का दुरुपयोग हो रहा है ।

जल संरक्षण पर निबंध – Long and Short Essay On Water Conservation in Hindi

एक वक्त ऐसा था जब प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त रूप में पृथ्वी पर मौजूद थे लेकिन बढ़ती आबादी के साथ साथ संसाधनों की कमी शुरू हो चुकी है और कुछ संसाधन की कमी इतनी बढ़ गई है कि उनके संरक्षण के बावजूद पर्याप्त मात्रा में लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं ।

लगातार घने घने जंगलों को काट कर लोगों ने अपना घर बनाया जिसके बाद पेड़ों के कट जाने से लोगों को ऑक्सीजन की कमी होने शुरू हो गई और हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब शहर में दूर-दूर तक कहीं पेड़ दिखना मुश्किल है और साथ ही इसके कारण अत्यंत वायु प्रदूषण हो रहा है । प्रकृति के साथ मनुष्य ने इतना अत्यधिक छेड़छाड़ किया है जिसका नतीजा यह हो चुका है कि ना आज शुद्ध हवा मौजूद है और ना ही लोगों को पीने के लिए पानी मिल रहा है ।

बढ़ती आबादी के साथ संसाधनों लोगों को शुद्ध पानी पीना मुश्किल हो चुका है । पृथ्वी एक साइंटिफिक साइकिल के हिसाब से चलती है जिसमें पेड़ और पानी का एक दूसरे से कनेक्शन होता है जैसे कि अगर किसी जगह ढेर सारे पेड़ होते हैं तो वह बादलों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और फल स्वरुप उस जगह पर बारिश होता है, जिससे धरती को पानी मिलती है और वहां की जनजाति खुशी खुशी पानी का उपयोग करती है लेकिन आज घने जंगलों की जगह बड़े-बड़े इमारतों ने ले लिया है जिसके बाद बारिश की कमी पूरे विश्व में होने लगी और यह देखते-देखते एहसास हुआ कि मानसून के मौसम में बारिश की जगह कड़ा धूप होता है ।

हालात इतना बद से बदतर हो चुका है कि इस पृथ्वी पर रहने वाले हर एक व्यक्ति को बहुत तकलीफ होने लगी है । सदियों से तालाब और कुएं में पानी में जो पानी भरा होता था आज वह कुआं और तालाब पूरी तरह से सूख चुका । यही नहीं बल्कि नदियों की धारा भी अब धीरे-धीरे पतली होती जा रही है और फ्रेश वाटर लगातार खत्म होता जा रहा ।

दूसरी तरफ हमारी आबादी लगातार बढ़ती जा रही है और यह आबादी पानी के संरक्षण से ज्यादा पानी का दुरुपयोग करती है, आपने अक्सर देखा होगा कि जगह जगह टूटे हुए नल से पानी बहता रहता है लोगों को एक ग्लास पानी की जरूरत होती है लेकिन वह बोतल भर पानी फेंक देते हैं । यही नहीं बल्कि लोग नहाने और नित्य क्रिया से निर्मित होने में भी अत्यधिक पानी का दुरुपयोग करते हैं ।

पानी के अभाव से लोग अत्यधिक तकलीफ झेल रहे हैं , कुछ लोग ऐसे  हैं जो कि अब धीरे-धीरे इस बात को समझने लगे हैं कि पानी कितना महत्वपूर्ण है और इसके बिना जिंदगी नहीं है इसीलिए जल को जीवन कहा जाता है ।

आज भारत के कई शहरों का पानी के कमी के कारण इतना बुरा हाल है कि वहां टैंकर से पानी भरकर बांटा जाता है और जब यह टैंकर पानी बांटना शुरु करता है तो, लंबी लाइन लगती है और लोगों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो जाती है और अक्सर यह धक्का-मुक्की  गंभीर  लड़ाई का रूप ले लेती है ।

खाना हो या फिर नहाना हो या फिर कपड़ा धोना हो हर एक काम के लिए पानी का होना आवश्यक है, हर एक व्यक्ति यह चाहता है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में पानी हो जिसके कारण उसे किसी प्रकार का तकलीफ ना हो लेकिन कोई यह नहीं चाहता है कि वह पानी की दुरुपयोग करो पर उसका संरक्षण करें ।

एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि, अगर कोई व्यक्ति ऐसे में काम करना चाहता है या दूसरों को करने की सलाह देता है तो लोग उसका उपहास बनाते हैं और उसे यह कहते हैं कि इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यह बेहद गलत है क्योंकि छोटे छोटे कदम से ही फर्क पड़ना शुरू होता है और छोटा कदम कब बड़ा रूप ले ले लेता है यह कहना मुश्किल होता है ‌। हम सब इस पृथ्वी पर रहते हैं जुड़कर इस नेक कार्य को अंजाम दे रहे हैं ।

पानी की कमी लगातार दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और आज यह हाल हो गया है कि कई जगह पानी भी नहीं होता और तालाब सूखा होता है, यह समस्या किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की बन गई है और इस दौरान सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है कि वह पानी का संरक्षण करें लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम सब खुद इस बात को समझें और पानी को बचाने के लिए जागरूक हो क्योंकि अगर आज पानी की कमी का यह हाल है तो, आप यह सोचिए कि कुछ आने वाले सालों में लोग किस प्रकार के मुसीबत से जूझते रहेंगे और उस वक्त पछताने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं होगा ।

लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सरकार कई कार्यक्रम करवाती है और उन कार्यक्रम के जरिए लोगों को शपथ दिलवाती है कि वह पानी का दुरुपयोग नहीं करेंगे लेकिन वह शपथ,  शपथ ना बनकर हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल होना बेहद जरूरी है , पानी के बढ़ते दुरुपयोग को देखकर सरकार पानी के ऊपर कर लगा रही है और शहरों में अब पानी के उपयोग के लिए मीटर लगाया जा रहा है और अब इस मीटर के हिसाब से ही लोगों को पानी का कर सरकार को देना होगा,

साथ ही सरकार विचार कर रही है कि वह जल्द से जल्द परिवार के सदस्यों के हिसाब से पानी की मात्रा निर्धारित कर कर प्रत्येक परिवार को सुनिश्चित मात्रा में पानी मुहैया करवाए ताकि हर एक परिवार को पानी मिल सके और इसका दुरुपयोग बिल्कुल ना हो ।

प्रकृति मानव जाति की सच्ची मित्र है जिसने मानव के जिंदगी को आसान बनाने के मानव को बहुत कुछ दिया है लेकिन अब हमारा फर्ज बनता है कि हम उन सभी संसाधनों की रक्षा भरपूर करें और जो लोग इनका दुरुपयोग कर रहे हैं उन्हें हर मुमकिन कोशिश कर कर समझाएं कि अगर आज वह दुरुपयोग करेंगे तो कल आने वाली पीढ़ियां और उनकी जिंदगी मुसीबतों से भरी होगी, इसलिए हम सबको प्रकृति संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए ।