क्रिसमस पर निबंध – Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जो पूरा भारत यानी सभी धर्म के लोग मनाते है। कहा जाता है २५ दिसंबर को यशु  का जनम हुआ था, इसीलिए उस दिन को युशु के जन्मदिन के रूप मे क्रिसमस मनाया जाता है। लेकिन क्रिसमस के ठीक पहले १२ दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की शुरुआत की जाती है।

क्रिसमस पर निबंध – Long and Short Christmas Essay in Hindi

बाइबिल के अनुसार कहा जाता है की यशु बहुत ही शांत ,प्रेमिये ,और महँ व्यक्ति थे जो हर किसी की मदद किया करते थी और लोगों  को परेशानियों से चंगा करने के लिए आये थे। देखा जाए तो वह यहूदियों को ईसाई धर्म के बारे मे सही वचन और सही भविष्वाणियों के बारे मे बताने के लिए आये थे।

लेकिन उनमे से किसी ने भी यशु महसी पर विश्वास नहीं किया और उन्हें उनचालीस कोड़े खाने पे मजबूर कर  दिया और उभे क्रुस पर चढ़ा दिया लेकिन वह तीसरे दिन जी उठे। कहा जाता है की परमेश्वर इस पृथ्वी पे इसीलिए आये थे ताकि वह लोगों को सही रास्ता दिखा सके लेकिन उनमे से किसी ने भी उनकी आवाज़ नहीं सुनी।

क्रिसमस ३६० A.D  के आस पास से मनाया जाने लगा। उसी दिन से पहली बार क्रिसमस  रोम चरच मे मनाया जाने लगा था उसी के बाद से क्रिसमस धीरे धीरे प्रचिलित होना  शुरू हो गया  था।

1836 से अमेरिका में क्रिसमस को कानूनी मान्यता दे दी गयी  और 25 दिसंबर को सार्वजनिक रूप से अवकाश घोषित क्र दिया गया। हुम्मारे मन मे ऐसे कई सवाल आते होंगे की सांता  क्लोज़ कौन है  और निकोलस? क्रिसमस के वक़्त  बच्चों को इनका इंतजार रहता है। संत निकोलस का जन्म 340 B.C  में 6 दिसंबर को को हुआ था.

और इसे लेकर ये समझा जाता था  कि 25 दिसंबर की रात मे  संत निकोलस बच्चों के लिए स्पेशल गिफ्ट्स  लेकर के आया करते थे और  यहीं संत निकोलस तबसे बच्चों के लिए   सांता क्लॉज बन गए थे ।

कहा जाता है कि बचपन में ही इनके माता पिता का दिहांत हो गया था। बड़े होने के बाद वह एक पास्टर  बन गए थे  औऱ उन्हें लोगों की मदद करना बहुत ही अच्छा लगता था। कहा जाता है कि वे गरीब बच्चों और लोगों को आधी रात गिफ्ट्स यानि उपहार दिया करते थे  लेकिन वह आधी रात के वक़्त  लोगों को गिफ्ट इसीलिए दिया करते थे ताकि कोई उनको देख न सकें।

क्रिसमस ट्री की शुरुआत : क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में मे  हज़ारों  साल पहले की गयी  थी। उस समय फेयर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया जाने लगा ।

धीरे धीरे क्रिसमस ट्री का प्रचलन  हर जगह भढ़ते  चला गया और हर कोई क्रिसमस के दिन  पर पेड़ घर पर लाने लगे । इसके अलावा एक कहानी ये भी है कि जीसस के जन्म के समय खुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने सदाबहार वृष को सजाया तब से ही इस पेड़ को क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाने लगा।

क्रिसमस कैरोल्स क्या होता है ?

रोमन कैथोलिक चर्च के  अनुसार क्रिसमस के ठीक पहले करोलिंग दिवस मनाया जाता है जिसमे लोग नए कपड़े पहनते हुए  एक दूसरे  के घर जा जा कर गीतें और भजन के द्वारा परमेश्वर के वचनों का प्रचार और प्राथना किया जाता है और इस रीती को अभी भी मनाया जाता है। और क्रिसमस के बाद भी कई दिनों ताज करोलिंग्स की जाती है।

कैरल एक तरीके का भजन है जो शीट ऋतू या क्रिसमस पैर आधारित होता है। यह कैरल क्रिसमस दिन के आने से पहले किया जाता हैं। ईसाई लोगों के मान्यता  से कहा जाता है इसकी शुरुआत येशु के जनम के वक़्त से हुए थी। जैसे की हम सभी जानते है की येशु का जनम गौशाला मे हुआ था , और वैसे हे फिर सवर्ग से आये दूतु ने कैरोल्स गाना शुरू कर दिया और तभी उसी समय से लोगों ने कैरल गाना शुरू कर दिया।

क्रिसमस को महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?

इस दिन यशु मसीह का जनम हुआ था और इसे भारत मे बढ़ा दिन के नाम से जाना जाता है। यदि आप यशु मसीह के जनम दिन के बारे मे जाना चाहे तो लोग ज़्यादातर आपको अलग जल्द समय दिन और डेट बतायेगे या फिर इंगित करेंगे। शयद  उनका  जनम मई के महीने मे हुआ था। फिर भी लोग उनका जन्मदिन यानि क्रिसमस २५ दिसंबर को मनाते है। इसका कारण यह है की :-

रोम के  समय मे इस दिन से पहले ही रोम मे उत्सव मनाया जाता था उस उत्सव मे लोग एक दूसरे को उपहार दिया करते थे। उसी के बाद से लोगों के बीच क्रिसमस मानना प्रचिलित होते चला गया ।