द्रोणमर्जु कृष्णराव की जीवनी – Biography of Dronamarju Krishnarao in Hindi

इस पोस्ट में आज हम द्रोणमर्जु कृष्णराव की जीवनी (Biography of Dronamarju Krishnarao in Hindi) के बारे में जानने की कोशिस करेंगे. सायद ही इनके बारे में हर कोई जनता हो पर आज हम इस पोस्ट के मध्यम से इनके बारे बहोत दी छोटे शब्दों में जानकारी प्रदान करने जा रहे है. तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते है.

नामद्रोणमर्जु कृष्णराव
जन्म14 जनवरी 1937 आयू 83
जन्म स्थानपीथापूरम , आंध्रप्रदेश
व्यावसायआनुवंशिकीविद

द्रोणमर्जु कृष्णराव की जीवनी – Biography of Dronamarju Krishnarao in Hindi

द्रोणमुर्ज कृष्णराव का जनम 14 जनवरी 1937 को आध्रप्रदेश राजया के पीथापूरम मे हुआ था . उन्होंने आंध्रपदेश के विजय नगरम मे वनस्पति विज्ञान का अध्यायन करने के लिए एमआर कॉलेज गए थे . और 1955 मे स्त्रातक कि उपाधि प्राप्त कि थी . उन्होने 1957 मे आगरा विश्वाविघ्याल से स्त्रातकोत्तार कि उपाधि प्राप्ता कि थी .

उन्हेांने पौधे के प्रजनन और आनूवंशिकी का अध्यायन किया था 1958 मे जब जेबीएस हल्हाने भारत आ गए, तो द्रोणमुर्ज ने कलकत्ता मे भारतीय सांख्यिकी संस्थान मे उनके निर्देशन मे एक शोध कैरियर को आगे बढाने के अवसर के लिए हल्दाने को लिखा था .

द्रोणमर्जु कृष्णराव कार्य

द्रोणमुर्ज कुष्णराव एक भारतीय महिला आनुवंशिकविदू और फाउंडेशन ऑफ जेनेटिक रिसर्च फॉर हयूस्टान टेक्सास मे हे . उनके काम का एक फोकस जेबी एस हल्दाने का शोध रहा है . एक लेखक के रुप मे उनका नाम आम तौर पर कृष्ण आर द्रोणमुर्ज्र है . अपने शोध करियर की शुरुआत मे उनहेांने मानव वाय गुणसूत्र पर जीन के पहले मामले कि खोज कि थी . और 1960 मे एक पेपर प्रकाशित किया था .

वह भारतीय सांख्यिकि संस्थान कलकत्ता मे पीएचडी थिसिस का भी हिस्सा था . द्रोणाचार्य का मानव आनुवंशिकी मे प्रांरभिक अनुसंधान और मुम्बाई के टाटा फैसर सेंटर मे एलडी सगवी का सतंत्र कार्य अखिरकार इंडियन सोसायटी ऑफ हयूमन जेनेटिक्सा कि नीवं डाल गया था .

द्रोणमुर्जु ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और जॉन्सा हॉपकिन्सा स्कूल ऑफ मेडसिन मे उन्नात प्रशिक्षण प्राप्त किया था . इसके बाद अल्बर्टा विश्वाविदयालय मे आनुवांशिकी मे पोस्टा डॉक्टरल फैलोशिप कि थी .

अमेरिका जाने के बाद उन्होंने जॉन्सा हॉपकिन्सा मे विक्टर मैक्कूसिक के साथ मिलकर पेंसिल्वेनिया मे अमीश आबादी जैसे मानव आबादी मे इनब्रीडिंग पर शोध जारी रखा था . उन्होंने न्यूयॉर्क राजया मे सेने का भारतीयों और अमेरिका कनाडा मे अन्या अबादी का भी अध्यायन किया था . उन्होंने भ्रूण मृत्यू दर और परिवारों मे मौखिक दोषो की धटना के बीच संबंधो का अध्यायन किया था .

पुरस्कार और सम्मान

  • वांशिगटन डी सी मे यूएस नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ से राष्ट्रीय अनुसंधान सेवा पूरस्कार NRSA से सम्मानित.
  • येल्लप्रगादा सुब्बा राव मेमोरियल अवार्ड, भारत.
  • प्रौघोगिकी भारत मे नायडम्मा पूरस्कार से सम्मानित.
  • मानद प्रोफेसर अल्बर्ट विटजर इंस्टीटयूट जिनेवा स्विटजरलैंड.
  • आमंत्रित प्रोफेसर पेरिस विश्वाविदयालय फ्रांस.
  • मानद विजिटिंग प्रोफेसर आंध्र विश्वाविदयालय, भारत .
  • मानद रिसर्च फेलो लंदन विश्वाविदयालय यू के .
  • सलाहकार कैप्टेल्यूलर स्टार्टअप एक्सेलेरेटर.

द्रोणमर्जु कृष्णराव की पुस्तके

  • सेंचूरी ऑफ जेनेटिकीस्ट्रस :म्यूटेशन टू मेडिसिन 2018 .
  • लोकप्रिय विज्ञान: जेबीएस हल्दाने का जीवन और कार्य 2017.
  • विक्टर मैककि और‍ि हस्ट्री ऑफ मेडिकल जेनेटिकसा 2012.

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