मुनिया गांगुली की जीवनी – Munia Ganguly Biography in Hindi

इस पोस्ट में आज हम मुनिया गांगुली की जीवनी (Munia Ganguly Biography in Hindi) के बारे में जानने की कोशिस करेंगे. सायद आप में से बहोत सरे लोग मुनिया गांगुली को नहीं जानते हो पर अगर जानते भी होंगे तो उनके नाम से, आज हम इस पोस्ट के द्वारा इनके बारे में पूरी जनकारी आपके साथ शेयर करेंगे. तो चलिए इनके बारे में विस्तार से समझते है.

मुनिया गांगुली की जीवनी – Munia Ganguly Biography in Hindi

मुनिया गांगुली एक भारतीय जैव रसायन विज्ञान, जैव प्रौघोगिकिविद और इंस्टीटयूट ऑफ जीनोमिक्सा एंड इंटीग्रेटीव बायोलॉजी ICGIB मे वैज्ञानिक है | वह दवा वितरण के गैर इनवेसिव प्रोटोकॉल के विकास के लिए जानी जाती है |

मुनिनया गांगूली उस टुकडी के सदसया है | जिसने जीव विज्ञान के साथ रसायन विज्ञान मे हस्तक्षैप करने के लिए सीएसआईआर और आईजीआईबी के बीच संयुक्त अनुसंधान पहल मे आईजीआई बी का पतिनिधित्वा कीया था |

मुनिया गांगुली का कार्य

मुनिया गांगूली विभिन्ना कोशिका और ऊतक प्रकाशों के लिए कार्गेा अणुओं के नैनोकम्पलेक्सा और नैनोकणो कि मध्यास्थता के तरीको की और काम कर रही है | डॉ| मुनिया नैनो विज्ञान और इसके आवेदन कि संपादकीय सलाहकार समिती कि सदस्या है | जो एक राष्ट्रीय स्तर कि संगोष्टी व्दारा प्रयोजित है | वह स्वास्था और बिमारी मे आवेदन के लिए IGIB परियोजना, नैनोमेटेरियल्सा और नैनोडेविसेस कि नेता के रुप मे कार्यरीत रही है |

उनके नेतृत्वा वाली टीम ते त्वाचासंबंधी विकरों के लिए एक दवा वितरण प्रणाली विकसीत करने मे सफल रही है | जिसमे एक नैनोमिटर के आकार के पेप्टाइड कॉम्प्लेक्सा का उपयोग करके प्लास्मिड डीएनए ले जाया गया | दुकि प्रभावी प्रेवश दिखाया गया है | और जाहिर तौर पर त्वाचा को नुकसान पहूंचाए बिना |

डॉ. मुनियाने आपने व्दारा विकसित प्रक्रियाओं के लिए दो पेटेंट रखे है | डॉ. मुनिया ने आईजीआईबी मे अपनी प्रयोगशाला स्थापित कि है | उसकी प्रयोगशाला मुख्या रुप से सेल पेप्टाइडिंग पेप्टाइडस का उपयोग करके त्वाचा, ऑख और केटफडों को न्युक्लिक एसिढ और कुशल रणनीतियों केा विकसति करने मे लगे हुए है | जो कि अंतत: इन अंगो को विकसित कार्गेा के वितरण के लिए उपयोगी हो सकती है |

वर्तमान मे इस प्रयोगशाला का फोकस

  • पेप्टाइड आधारित नैनोकम्पलेक्सो को विभिन्ना सेल और उतक प्रकारों तक न्यूक्लिक एसिड कि डिलीवरी के लिए विकसित करना है |
  • त्वाचा के लिए कार्गो डिलीवरी के सुरक्षित और कुशल तरीके विकसीत करना है |

मुनिया गांगुली की उपलब्धी

पुरस्कार और सम्मान

  • भारत सरकार ने उनहें बायोसाइंस मे उनके योगदान के लिए 2012 मे राष्ट्रीय बायोसाइकोलॉजी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है |
  • वैज्ञानिक लेखो कि एक ऑनलाइन रियॉजिस्टरी ने उनमे से 76 को सुचीबघ्दा किया है |
  • नैनोवर्क ABSMSNW-2017 मे जैविक प्रणाली और सामग्री विज्ञान मे वे अग्रिमों पर आंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मे शामिल है |
  • उन्हेांने जनवरी 2011 मे प्रकाशित जीनोमिक्सा रमीर्निग ट्रेडस इन हेल्थ एंड डिसीवर विज्ञान और संस्कृति पत्रिका के विशेष वॉल्यूम को संपादित किया है |

पुस्तक

इनऑरगॉनिक पार्टीकल सिनसिथीसिस Via मायक्रो एंड मायक्रोकल्श्ंन ए माइक्रोमीटर से नैनोमीटर लैंडस्केप मुनिया गांगूली 31 ऑक्टोकर 2003 मे प्रकाशित हुआ |

उम्मीद करता हु आपको मुनिया गांगुली के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी. अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया पोस्ट पढ़ के पसंद आता है तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले.

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