शिष्टाचार पर निबंध – Essay On Good Manners in Hindi

भगवान के द्वारा बनाई गयी सबसे समझदार जाति मानव ही हैं। समाज में रहने के लिए ज़रूरी समझ मानव के पास ही है। और तो और मानव के पास ज़रूरत अनुसार सोचने, समझने, बोलने और कार्य करने की भी समझ है। तो इतनी समझ होने के बाद भी एक चीज़ जो मानव को सीखनी है वो है शिष्टाचार।

घर के बढों जैसे माता पिता का यह फर्ज़ है की वे बच्चों को सबसे अच्छे से बात अच्छे तरीके से सलूख करना सिखाएँ चाहे वे परिवार के बुज़ुर्गों के साथ हो या पड़ोसियों के साथ दोस्तों के या चाहे अध्यापकों के साथ हमें सबसे अच्छे तरीके से बात करनी चाहिए और यह तमीज़ तभी आती है अगर बच्चों को छोटी उम्र से ही सिखाया जाए।

शिष्टाचार पर निबंध – Long and Short Essay On Good Manners in Hindi

कुछ लोग सामाज में सबसे बेहद अच्छे से बेहद ही मीठे वचन में बात करते हैं सिर्फ सामने ही नहीं बल्कि पीठ पीछे भी। यह शिष्टाचार है परंतु सामने कुछ और पीछे से बुराई करने वाले व्यक्ति को हम शिष्टाचारि नहीं कह सकते।

शिष्टाचार हर किसी के जीवन में बेहद ज़रूरी है ताकि वे समाज में लोगों से व समाज के प्रति अच्छा बर्ताव करें और किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुँचाएँ व समाज में कड़वाहट ना बढे।

शिष्टाचार द्वारा हम किसी का भी दिल जीत सकते हैं और उनके दिल में जगह बना सकते हैं ताकि ज़रूरत के समय वे भी हमारी सहायता करें और ना की बहाने बनाएँ । इसी प्रकार एक व्यक्ति अपने शिष्टाचार से अपनी एक नई और अच्छी छवि लोगों के दिलों में बना सकता है।

एक शिष्टाचारि व्यक्ति लोगों के प्रति, उनके दुखों के प्रति अपनी इज्जत व भाव को बताने या लोगों को उनकी तकलीफों में मदद करने का प्रयतन भी करते हैं। एक शिष्टाचारि व्यक्ति कभी किसी को भेद भाव की नज़रों से नहीं देखता और सबके एक समान इज्जत के भाव से बात करता है व उनकी मदद भी करता है।

शील, विनम्रता, दया और शिष्टाचार एक अच्छे व्यवहार वाले व्यक्ति के आवश्यक लक्षण हैं। इसलिए, एक अच्छा व्यवहार करने वाला व्यक्ति कभी भी गर्व या अभिमानी महसूस नहीं करता है और हमेशा दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखता है। शिष्टाचार सीखना समझना और उसको सफलता पूर्वक पूरे दिन निभाने से जिंदगी में व्यक्ति को एक नई खुशी व संतुष्टि मिलती है वो कभी कहीं और शायद ना मिले।

वैसे तो शिष्टाचार के कई लक्षण हैं परंतु उन में से कुछ नीचे दिए गए हैं। शिष्टाचार व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक है। कुछ शिष्टाचार जो हम अपनी रोज़ की जिंदगी में दुनिया में समाज में कर सकते हैं वे हैं

  • हमें चीज़ें बाँटनी आनी चाहिए। अगर दूसरे इंसान को भी किसी चीज़ की आवश्यक है जो हमारे पास है तो हमें उसे बाँटना चाहिए।
  • हमें जितना हो सके दूसरों की मदद करनी चाहिए, उनसे आराम से, प्यार से बात करनी चाहिए।
  • हमें कभी “sorry”, “Thank you”, “please”, “excuse me” व ऐसे ही बाकी शब्द जिनसे किसी को बुरा ना लगे बोलने की आदत होनी चाहिए।
  • हमें दूसरों को निज़ी वस्तु इस्तेमाल करने से पहले हमेशा उनसे पूछना चाहिए और उसके बाद ही अगर वे मना ना करें और अगर उन्हें कोई तकलीफ ना हो तो ही इस्तेमाल करनी चाहिए।
  • हमें किसी भी कार्य को करते हुए ज़िम्मेदार रहना और ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभाना आना चाहिए।
  • हमें केवल बुज़ुर्गों ही नहीं बढों ही नहीं बल्कि सबसे अच्छे से शांति से बात करनी चाहिए ताकि उनकी भावनाओं को कोई ठेस ना पहुँचे।
  • हमें घर, बाजार, स्कूल, व काम करने की जगह आदि साफ सुथरी रखनी चाहिए।
  • हमें किसी के भी साथ गलत भाषा और गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • हमें सामाजिक सेवाओं जैसे मेट्रो, बसों, ट्रेनों में अपने से बुज़ुर्गों व ज़रूरत मंदों को अपना स्थान बैठने के लिए दे देना चाहिए।

अगर कोई इंसान अपने पूरे जीवन में अच्छी आदतों व शिष्टाचार के साथ चले तो उसका कभी कोई दुश्मन होना नामुमकिन है बल्कि कोई उनके बारे में उल्टा नहीं सोचेगा जिससे उनको ठेस पहुँचे खास कर की तब जब वे सबका भला करते हों। शिष्टाचार किसी भी दो इंसानों के बीच एक बेहद ही अच्छा संबंध बना देते हैं। विनम्र और सुखद स्वभाव वाले लोग हमेशा बड़ी संख्या में लोकप्रिय और सम्मानित होते हैं। जाहिर है, ऐसे लोग दूसरों पर चुंबकीय प्रभाव डाल रहे हैं। इस प्रकार, हमें अपने जीवन में हमेशा अच्छे व्यवहार का अभ्यास करना चाहिए।