प्रदूषण पर निबंध – Essay On Paryavaran Pradushan in Hindi

जल, वायु , मिट्टी मे कुछ तत्व मिलकर उसे गंदा कर देते हैं जिसका इस्तेमाल करने के बाद वह स्वास्थ के लिए हानिकारक हो जाता है उसे हम प्रदूषण कहते हैं  प्रदूषण आज के युग की बहुत बड़ी समस्या है जो मनुष्य द्वारा ही किया जाता है और मनुष्य द्वारा ही उसे झेला भी जाता है। जब भी मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं करता है तब भी वह प्रदूषण का घर बन जाता है।

प्रदूषण पर निबंध – Long and Short Essay On Paryavaran Pradushan in Hindi

प्रदूषण द्वारा उत्पन्न हुई बहुत सारी बीमारियां मनुष्य को मृत्यु के घाट तक ले जाती हैं। प्रदूषण को फैलाना आज के समय में एक आम बात हो गई है आज के युग में प्रदूषण हर एक छोटी मोटी वस्तु से निकलता है इसका उपयोग हम अपने रोजमर्रा के जीवन में करते हैं

आज के युग में प्रदूषण दुनिया के हर कोने में फैला हुआ है और आज दुनिया के हर कोने में रहने वाला मनुष्य प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से ग्रस्त है। ईश्वर ने हमें प्राकृतिक संसाधनों से तो भर दिया परंतु उन संसाधनों को किन-किन तरीकों से इस्तेमाल करना चाहिए कि उन्होंने यह नहीं बताया।

किसी भी प्राकृतिक संसाधनों को इस प्रकार से इस्तेमाल करना चाहिए हम उसका पूर्ण रुप से लाभ ले सकें और हमारी आने वाली पीढ़ी भी उसका लाभ उठा सकें परंतु प्रदूषण के कारण हमारी बची हुई  प्राकृतिक संसाधन  भी नष्ट हो रहे हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे है ।औद्योगिकरण की होड़ में इतना आगे जा चुके हैं कि हम अपने प्राचीन जिम्मेदारियां भूल चुके हैं प्रदूषण हमारे लिए एकमात्र सोचने का मुद्दा नहीं है, परंतु इस पर विचार विमर्श करके हमें अपने कदम अपने वातावरण की तरफ आगे बढ़ाना चाहिए।

मुख्यता प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं

  • जल प्रदूषण:- फैक्ट्रियों और घरों से निकला हुआ कूड़ा करकट या फिर गंदा पानी या फिर नालियों का पानी कई बार छोटे छोटे तालाब नदी पोखरे में छोड़ दिए जाते हैं जिसके कारण जल प्रदूषण होता है घरों से निकला हुआ या पक्षियों से निकला हुआ पानी जब एक नदी या तालाब में रहता है तो उसमें तरह-तरह के कीड़े मकोड़े एवं उस से तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है
  • वायु प्रदूषण:- इस प्रदूषण को सबसे खतरनाक माना जाता है क्योंकि इस प्रदूषण है अनेक तरह की बीमारियां भी होती है जो मनुष्य को सबसे ज्यादा हानि पहुंचाती है ।वायु में रहने वाली बहुत सारी बीमारियां किसी भी मनुष्य के संपर्क में आती हैं और तुरंत उसे बीमार कर देती हैं। वायु प्रदूषण तब होता है जब वाहनों से निकला हुआ जहरीला गैस तथा फैक्ट्रियों से निकला हुआ जहरीला गैस हमारे वायुमंडल जाता है और हमारे वातावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।
  • भूमि प्रदूषण :-घर से निकला हुआ कचरा जो पानी में नहीं रह पाता है जिसको लोग जमीन पर फेंक देते हैं, उसके कारण कई प्रकार के बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसे हम लोग भूमि प्रदूषण का नाम लेते हैं ।जबकि इसमें रीसाइकिल , रीयूज का पूर्ण रूप से प्रयास किया जाता है पर वह इतने लाभदायक नहीं होते हैं कि सारे कचरो को खत्म कर सकें और पृथ्वी को या फिर वातावरण को स्वच्छ बना सकें।
  • भूमि प्रदूषण :-जब भी मोटर वाहनों हवाई जहाज हो रेलगाड़ियों से बहुत तेज आवाज सुनाई देती है या फिर कारखानों में चलती हुई मशीनों से बहुत तेज आवाज सुनाई देती है। तब उसे ध्वनि प्रदूषण का नाम दिया जाता है ध्वनि प्रदूषण के होने से मनुष्य को बहुत सारी मानसिक तनाव जैसी बीमारियां उत्पन्न हो जाती है जिस का सही इलाज करवाना मुश्किल हो जाता है।

निष्कर्ष

हम प्रदूषण को खत्म करने के लिए ऐसे बहुत सारे उपाय हैं जो हम कर सकते हैं और अपने अगल-बगल के लोगों को भी इसे करने के लिए जागरूक कर सकते हैं

  • हमें पटाखों को नहीं जलाना चाहिए क्योंकि इससे ध्वनि प्रदूषण होता है ।जिसकी वजह से वातावरण में और अशांति का माहौल बना रहता है।
  • हमें अपने आसपास के रहने वाले जगह को साफ सुथरा एवं स्वच्छ रखना चाहिए ताकि वहां से कोई भी बीमारी उत्पन्न ना हो ।और हम हमेशा स्वस्थ रह सकें क्योंकि हम जहां रहते हैं अगर वहां पर कचरा इकट्ठा होता है तो वहां पर बीमारी उत्पन्न होने का सबसे बड़ा खतरा होता है तो हमें जहां भी रहना चाहिए वहां के वातावरण को शुद्ध करके रहना चाहिए
  • हमें प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने चाहिए ताकि वृक्ष हमारे वातावरण को हमारे वायु को शुद्ध रखें और हमें खुली हवा में सांस लेने में मदद करें ।वृक्ष हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण उपहार है जो हमें ईश्वर ने प्रदान किया है जिसका हमें उपयोग भरपूर मात्रा में करना चाहिए
  • सरकार को चाहिए कि वह और उद्योग को कड़े से कड़े नियमों को पालन करवाएं और कूड़ा कचरा कहीं भी ऐसे नदी में ना बहाने का सख्त आदेश दे ताकि इससे जल प्रदूषण कम हो सके ।