विश्व शौचालय दिवस – World Toilet Day in Hindi

हमारे दैनिक जीवन में किए गए स्वच्छ कार्य ही हमे एक स्वस्थ और बेहतर जीवनशैली दे सकते हैं । इसी उपक्रम में प्रत्येक वर्ष १९ नवंबर को विश्व शौचालय दिवस मना के लोगों को स्वच्छ जीवनशैली के बारे में जागरूक किया जाता है । हमारे कुछ दैनिक कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें हम कहीं भी रहे या किसी भी हालत में रहे करने ही पड़ते हैं ।

विश्व शौचालय दिवस – World Toilet Day in Hindi Language

जिस तरह प्रतिदिन हमें भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार  हमारे  शरीर से भोजन के उपरांत निकलने वाले अवशेष को शौच के माध्यम से बाहर निकालने की भी उतनी ही आवश्यकता होती है । बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिस प्रकार हमें स्वच्छ और संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार  हमें शौच जाने के लिए भी स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए ।

इसी स्वच्छता को बनाए रखने के लिए हमें प्रतिदिन शौचालय का प्रयोग करना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में अपनी रूढ़िवादी सोच की वजह से बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने घरों में शौचालय नहीं बनवाते ऐसे में उन लोगों को खुले में शौच से होने वाली बीमारियों से अवगत करा के शौचालय के प्रयोग के लिए जागरूकता को बढ़ाने के लिए ही प्रत्येक वर्ष  विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है ।

शौचालय का प्रयोग ना करने या खुले में शौच करने से होने वाली जानलेवा बीमारियों के साथ साथ यौन उत्पीड़न तथा अन्य प्रकार की आपराधिक घटनाएं होने का भी खतरा रहता है । इसीलिए बेहतर जीवनचर्या के लिए शौचालय का प्रयोग अति आवश्यक है।

विश्व शौचालय दिवस का आरम्भ

विश्व शौचालय संगठन ने ही संयुक्त राष्ट्र की ओर से विश्व शौचालय दिवस का आरम्भ किया था | सिंगापुर में 19 नवंबर सन 2001 को विश्व शौचालय संगठन  की स्थापना जैक सिम द्वारा की गई थी | संयुक्त राष्ट्र  शौचालय संघ धारकों,  शौचालय हित धारकों तथा सरकार के लिए एक ही सेवा मंच एवं वैश्विक स्तर पर नेटवर्क के रूप में कार्य करता है|

इस संगठन के बनने के बाद इस वैश्विक संकट को समाप्त करने की दिशा में स्थाई तथा अस्थाई दोनों समाधानों का पता लगाने तथा  निजी क्षेत्रों, नागरिक समाज, शिक्षा सरकार तथा बहुपक्षीय एजेंसियों को एक साथ सम्बद्ध करके उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की सहायता से वैश्विक स्वच्छता के आंदोलन को बढ़ावा देने  और स्वच्छता की मांग के लिए लोगों को प्रेरित करने एवं जागरूक करने का कार्य किया जाता है | विश्व शौचालय दिवस केवल एक नहीं बल्कि अनेक स्वच्छता के मुद्दों के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करने एवं उन्हें जागरूक करने का प्रयास करता है।

विश्व शौचालय दिवस मनाने का उद्देश्य

शौचालय का प्रयोग स्वच्छता की दृस्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।  महिलाओं एवं बच्चियों को जब भी को शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है| वे कभी भी स्वयं को सुरक्षित नहीं महसूस कर पति हैं  क्योंकि बाहर शौच करने से अनेक प्रकार के अपराधी तत्व उन्हें परेशान करने का भी प्रयास करते हैं |

ऐसे में यौन शोषण , बलात्कार इत्यादि प्रकार की समस्यायों से उन्हें जूझना पड़ता है। खुले में शौच के कारण जाने अपराधों में भी वृद्धि  हुई है | इन सब के अलावा खुले में शौच की वजह से  विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियां जैसे डायरिया, टाइफाइड,  हैजा, हेपेटाइटिस इत्यादि से भी लोगों को जूझना पड़ता है| इन सब समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए विश्व शौचालय दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को होने वाली इन कठिनाइयों से अवगत कराना तथा को जागरूकता को बढ़ा कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं अपराधों से बचाना है।

 वैश्विक जागरूकता

स्वच्छता ही एक बेहतर जीवन का आधार है इसीलिए बीमारियों बुलावा न देकर घर में शौचालय बनवाने के लिए लोगों को जागरूक करना तथा उनकी सोच को बदलने के उद्देश्य से ही प्रत्येक वर्ष विश्व शौचालय दिवस का आयोजन होता है। जिस उद्देश्य से इस दिवस को मानाने का आरम्भ हुआ था अगर पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नज़र डाले तो हम यह कह सकते हैं की वैश्विक स्तर पर लोग जागरूक हुए हैं। लोगों ने अपनी सोच को बदलते हुए शौचालय बनवा के उसका उपयोग करना शुरू किया।

देश की सरकार ने भी इस पहल की ओर अहम् कदम उठाये तथा अपना भरपूर सहयोग दिया।  ग्रामीण क्षेत्रों में जहा शौचालय की सुविधा नहीं थी वहाँ मुफ्त में प्रत्येक घर में शौचाल बनवा कर उसके उपयोग से होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया। इन सब प्रयासों से रूढ़िवादी सोच के व्यक्तियों में भी काफी बदलाव देखा गया तथा समाज में उनके योगदान से बहुतायत में लोग शौचालय का प्रयोग करना शुरू भी कर दिए , जिसके फलस्वरूप अनेक जानलेवा बीमारियों से बचाव के साथ साथ आपराधिक घटनाओं में भी कमी आयी।

 उपसंहार

मात्र संतुलित आहार ही हमारे जीवन को स्वस्थ नहीं बना सकता। संतुलित आहार के साथ साथ हमे अपने आस पास की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसी स्वच्छता को मद्देनज़र रखते हुए प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर विश्व शौचालय दिवस का आयोजन किया जाता है। यह एक माध्यम है जिसके द्वारा लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ाना तथा एक स्वच्छ एवं स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास हो सकता है , और अगर दिमाग स्वस्थ रहेगा तभी हम बेहत भविष्य की ओर अग्रसर रह सकेंगे।