जिस प्रकार हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं या हमें यह हिदायत लोग देते रहते हैं अच्छी चीजें खाने से सेहत बनती है शरीर तंदुरुस्त होता है सकारात्मक मानसिक तौर पर संतुष्ट और सुख आनंद के अंध करते हैं उसी प्रकार जीवन और शरीर समृद्ध स्वस्थ रखने की आवश्यकता पड़ती है इसीलिए कहा जाता है उपयुक्त नींद भी बहुत जरूरी है नहीं तो हमारे स्वास्थ्य पर उसका गलत असर पड़ता है।
विश्व नींद दिवस – World Sleep Day in Hindi Language
चिकित्सकों व विशेषज्ञ का ऐसा मानना है कि हमें 24 घंटे में 6 से 8 घंटे का समय नींद लेना चाहिए वर्तमान के इस टेक्नोलॉजी के युग में कंप्यूटर मोबाइल सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने की वजह से लोगों को नींद वाली समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी समय सारणी बदल जाती है और वह सही समय पर सोने के लिए बिस्तर पर नहीं जाते तो उनकी नींद बिगड़ जाती है।
वर्तमान समय में नींद ना आना एक बहुत बड़ी समस्या है लोगों की व्यस्त जीवन शैली में लोग अपने जीवन से जुड़े छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखते जैसे भोजन कितना करना है भोजन क्या करना है कैसे बोलना है कितना बोलना है हमारी संगम कैसी होनी चाहिए उसके साथ-साथ यह नींद कितना लेना चाहिए कैसे लेना चाहिए कब लेना चाहिए इन सब बातों पर हम ध्यान नहीं देते। वर्तमान समय में विश्व में लाखों लोग नींद ना आने की बीमारी का सामना कर रहे हैं।
31 मार्च को पूरे विश्व में नींद दिवस मनाया जाता है इस दिन को इसलिए चुना गया ताकि इसके माध्यम से नींद के प्रति जागरूकता लाने के लिए और यह बताने के लिए कि नींद मनुष्य स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है।
विश्व नींद दिवस
इस विशेष दिवस का लक्ष्य है कि जिन्हें नींद ना आने की घड़ी समस्या है जो काम में और दिनचर्या की लाचारी में ध्यान नहीं देते कि यदि स्वस्थ नींद नहीं लेंगे तो उनके मानसिक और दैनिक स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा दुष्परिणाम पड़ सकता है उन सभी के प्रति एक संवेदना जाहिर करते हुए और उनमें यह बात फैलाई जाए कि नहीं तो वास्तव में कितना मूल्यवान होता है किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन में अतः वे लोग इसके प्रति सचेत रहें और समया फूल उचित नींद भी लेते रहें ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
इतिहास: यदि इस के संदर्भ में कहा जाए तो विश्व वन्य दिवस का आयोजन यानी वर्ल्ड स्लीप डे के लिए एक सोसाइटी गठित की गई थी जिसका निर्माण विश्व अनिल समिति के तत्वाधान में हुआ था अमेरिका कि एक संगठन अमेरिकन स्लीप एसोसिएशन के मुताबिक विश्व में लगभग 50 से 80 मिलियन से अधिक लोगों में नींद ना आने की बीमारी देखी गई है जिसमें से 25 मिलियन लोगों में स्लीप एपनिया नामक लक्षण भी देखे गए हैं जिसमें यह सामने आया है कि ऐसे लोगों को नींद कम आती है या तो आती ही नहीं इसलिए विश्व के कई संगठनों ने यह जागरूकता लाई है कि विश्वव्यापी एक अभियान चला कर के नींद के संदर्भ में लोगों को पूरी जानकारी दी जाए और उसका उचित उपचार हो इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन भी किया जाए
विश्व नींद सोसाइटी
आपको बताते चलें कि विश्व नीड सोसाइटी यानी वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी का गठन वर्ष 2016 में किया गया। सोसाइटी के गठन में वर्ल्ड स्लीप फेडरेशन और वर्ल्ड एसोसिएशन आफ स्लीप मेडिसिन ने संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी वर्तमान समय में दुनिया भर के कई देशों महत्वपूर्ण व्यक्तियों और समाजों का प्रतिनिधित्व का कार्य करती है।
अधूरे नींद से हानि
यदि आप निद्रा के समय में उचित या पूरी नींद का सेवन नहीं करते हैं तो यह आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। यह आपके स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर कर सकता है जिसका परिणाम यह होगा कि आप अनेकों बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।
नींद पूरी ना होने पर थकान आलस बदन दर्द शरीर में ऐंठन सिर दर्द मन में बसी पन आदि जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं। नींद पूरी न लेने के कारण हमारे स्वभाव में भी चीड़ चिड़ा पन जैसी बातें सामने आने लगती हैं। यदि पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं हम तो हमें ह्रदय संबंधी रोग भी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ-साथ डायबिटीज भी बढ़ जाने का खतरा होता है। तथा अगर उचित नींद न ली जाए तो शरीर मोटापे का शिकार भी हो सकता है। इस प्रकार के कई नकारात्मक परिणाम स्वस्थ नींद न लेने पर मनुष्य को झेलनी पड़ती हैं।
अच्छी नींद कैसे आए
वर्तमान समय की इस आधुनिक और व्यस्त दौर में काम की अधिकता की वजह से या यह कहें कि तकनीक के अत्यधिक उपयोग की वजह से अनिद्रा जैसी बीमारी होना आम बात है लेकिन अपने जीवन को सुंदर व स्वस्थ बनाने के लिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक नियमित जीवन शैली का पालन करना चाहिए अतः उसी को ध्यान में रखते हुए कुछ बातें आपको इस लेख में हम आगे बताने वाले हैं की लीड कैसे सही समय आये उसके लिए क्या करें।
सोते समय यदि गर्मी का मौसम है तो हम स्नान कर सकते हैं जिससे हमारे शरीर का टेंपरेचर हल्का हो जाता है और नींद आने में सहायक होता है। और यदि ठंडी का समय है तो सोने से पहले हम मुंह हाथ धोकर अगर बिस्तर पर जाएं तो हमें स्वस्थ नींद आने की संभावना बढ़ जाती है। यदि हमें नींद ना आए तो हम अच्छे संगीत को कम ध्वनि में सुन सकते हैं जिसका परिणाम यह होगा कि कुछ ही समय में हमें नींद आ जाती है।
और इन सभी का सबसे सरल और सुंदर तरीका है किताबें पढ़ना यदि आपको नींद नहीं आती है तो कोई ऐतिहासिक बुक या साहित्य की कोई भी पुस्तक पढ़ने लोगों आपको कुछ ही समय में नींद अपने आप आ जाएगी।