विश्व दुग्ध दिवस – World Milk Day in Hindi

प्रत्येक साल 01 जून को विश दुग्ध दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा दुध के वैश्विक महत्व को उजागर करने हेतु सबसे पहले इस दिन की शुरूआत की गई थी। इस दिवस को मनाने की मकसद डेयरी या दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में स्थिरता, आजीविक और आर्थिक विकास का योगदान है।

विश्व दुग्ध दिवस – World Milk Day in Hindi Langauge

विश्व भर में पोषित हो रहे लोगों और इससे चलने वाली आजीविका के कारण इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में दुध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना है। दुध और दुध से बने पदार्थों के फायदे और इनकी खासियत बताने हेतु इस दिन को शुरु किया गया था।

दुध के फायदे

दुध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दुध में कैल्सियम, मैग्नीशियम, आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, फोलेट्स, जिंक, फाॅसफोरस, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, विटामिन बी 12, प्रोटीन, स्वास्थ फैट होते हैं। क्योंकि इसमें उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन और दुसरे कई अमीनो एसिड और फैटी एसिड मौजूद होता है। इसलिए दुध हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

विश्व दुग्ध दिवस कैसे मनाया जाता है?

पिछले साल विश्व दुग्ध दिवस की थीम भारत में ” दुध पीऐं आज और रोज ” थी। प्रत्येक साल अलग थीम देने का उद्देश्य यही होता है कि दुध और डेयरी उत्पादों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढाई जाऐ। बहुत सारे एनजीओ और अन्य संगठन बढ़ चढ कर विश्व दुग्ध दिवस के कार्यक्रमों को आयोजित करते हैं और मुफ्त में वंचित बच्चों को दुध के पैकेट बांटते हैं।

विश्व दुग्ध दिवस का महत्व

विशेष रूप से भारत में विश्व दुग्ध दिवस बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता था। भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है ऐसे में हमारे लिए विश्व दुग्ध दिवस बहुत महत्व रखता है। भारत में बहुत से लोग दुध और डेयरी उत्पादन से जुड़े हुये हैं और आज का दिन उन्हें दुध और डेयरी उत्पादन के बारे में खुलकर बात करने का मौका देते हैं। यह दिन स्वास्थ्य, पोषण और प्रभावशीलता से संबंधित डेयरी उत्पादों के लाभों में बात करने हेतु प्रोत्साहित करता है।

विश्व दुग्ध दिवस 2020 का थीम

प्रत्येक साल दुग्ध दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक थीम निर्धारित किया जाता है। विश्व दुग्ध दिवस की पहल को 20 साल पुरे हो गये हैं। इस कारण से इस साल की थीम को ‘वर्ल्ड मिल्क डे की 20 वीं वर्षगांठ’ कहा जा रहा है। वहीं कोरोना वायरस ( COVID-19 ) महामारी के कारण, समिति द्वारा कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। साथ ही दुध और डेयरी उत्पादों तक दुनिया के कई हिस्सों में पहुँचने में समस्याओं को उजागर करने पर बात करने के लिए कहा गया है।

विश्व दुग्ध दिवस क्यों मनाया जाता है?

1 जुन को वार्षिक आधार पर पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। प्राकर्तिक दुध के सभी पहलुओं के बारे में आम जनता की जागरूकता बढाने के लिए इसे मनाया जाता है। जैसे इसकी स्वाभाविक उत्पत्ति, दुध का पोषण संबंधि महत्व और विभिन्न दुध उत्पाद सहित पूरे विश्व भर में इसका आर्थिक महत्व। विभिन्न उपभोक्ताओं और दुध उद्योग के कर्मचारियों के भाग लेने के द्वारा कई देशों ( मलेशिया, कोलंबिया, रोमानिया, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका आदि ) में इसे मनाने की शुरूआत की गई।

विश्व दुग्ध दिवस के पूरे के उत्सव के दौरान दुध को एक वैश्विक भोजन के रूप में केंद्रित किया जाता है। ऑनलाइन अपने वेबसाइट पर अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ के द्वारा ढेर सारे विज्ञापन संबंधी क्रिया-कलापों ( एक स्वास्थ और नियंत्रित भोजन के रूप में दुध के महत्व को बताना ) की शुरूआत की गई है। पूरे दिन प्रचार संबंधी गतिविधियों के द्वारा आम लोगों के लिए दुध के महत्व के संदेश को फैलाने के लिए एक-साथ काम करने के लिए उत्सव में स्वास्थ्य संस्थाओं से विभिन्न सदस्य भाग लेते हैं।

विश्व दुग्ध दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य क्या है?

  • मनुष्य के जीवन में दुध की आवश्यकता और महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करना।
  • दुध और दुध उत्पादों के बारे में जागरूकता बढाने के लिए इस दिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
  • कई उद्योगों, अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में दुध और डेयरी उत्पादों के योगदान के महत्व के बारे में जागरूक करना।
  • दुध में मौजूद पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटमिन बी 2, पोटेशियम, इत्यादि के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  • विभिन्न प्रचार गतिविधियों इस दिन जनता द्वारा भी की जाती है