जानिए क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज

Teej Kyu Manate Hai: इसे सबसे पहले गिरिराज हिमालय की पुत्री पार्वती ने किया था जिसके फलस्वरूप भगवान शंकर उन्हें पति के रूप में प्राप्त हुए। – कुंवारी लड़कियां भी मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं।

हरियाली तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? (Teej Kyu Manate Hai)

हिन्दू पंचांग में श्रावण मास को बहुत पवित्र माना गया है. सावन के महीने में भगवान शिव और उनके परिवार की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. इस विशेष पर्व को हरियाली तीज या हरतालिका तीज के रूप में जाना जाता है.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के ही दिन माता पार्वती ने कठोर तप किया था और इसी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.

यही कारण है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है. वह इसलिए क्योंकि जो महिला इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mata Parvati Puja) की उपासना करती हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. आइए जानते हैं क्यों हरियाली तीज को माना जाता है महिलाओं के लिए विशेष?

क्यों माना जाता है हरियाली तीज को खास

सावन मास में सभी व्रत और त्योहारों का महत्व बढ़ जाता है. वहीं हरियाली तीज का दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं व्रत का पालन करती हैं उनके वैवाहिक जीवन से सभी अड़चने दूर हो जाती है और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. माना यह भी जाता है कि इस दिन पूजा करने से और व्रत रखने से जो कन्याएं योग्य वर की तलाश कर रही हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

हरियाली तीज पूजा विधि

  • हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान-ध्यान करें. इस दिन नए वस्त्र और शृंगार धारण करें.
  • इसके बाद एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाएं और उसपर भगवान शिव और माता पर्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
  • माता पार्वती को सिंदूर, सुहाग, धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, वस्त्र अर्पित करें.
  • जिन महिलाओं ने व्रत रखा है वे हरियाली तीज कथा का पाठ जरूर करें.
  • इसके बाद माता को चावल और बेसन की मिठाई का भोग लगाएं.
  • पूजा के बाद आरती अवश्य करें और प्रसाद वितरण करें.
  • इस शुभ योग में करें माता पार्वती और महादेव की पूजा, घर आएगी सुख समृद्धि

कैसे मनाई जाती है हरियाली तीज?

इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन सुबह स्नान और पूजा करने के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती है। हरियाली तीज में माता पार्वती और शिव जी की पूजा की जाती है। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती हैं।

महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। विधि विधान पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनती हैं। इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने का भी रिवाज है।

महत्व

भगवान शिव और पार्वती के पुर्नमिलाप के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिए थे। अंततः मां पार्वती के कठोर तप और उनके 108वें जन्म में भगवान ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

तभी से ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्न होकर व्रत रखने वाली महिलाओं के पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती हैं। सावन माह में चारों तरफ हरियाली होने के कारण इस तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, गाती हैं और खुशियां मनाती हैं।

उम्मीद करता हु आपको  हरियाली तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? (Teej Kyu Manate Hai) की पूरी जानकारी मिल गयी होगी। अगर आप कुछ पूछना या जानना चाहते है, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर अपना सन्देश भेज सकते है। हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे। इस पोस्ट को पढने के लिए आपका धन्यवाद!