स्वच्छता दिवस पर निबंध – Swachhta Diwas Essay in Hindi

ऐसा कहा जाता है कि स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है। जीवन जीने के लिए उसे सम्पूर्ण बनाने के लिए स्वच्छता सबसे अधिक अनिर्वाय है। यह तो जीवन का अंग,यही तो मनुष्य को मनुष्य बनाता है। यदि हम स्वच्छ नहीं रहेंगे स्वछता का पालन नहीं करेंगे तो हम में और पशुओं में कोई अंतर नहीं रह जायेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे मननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रत्येक वर्ष २ अक्टूबर को स्वच्छ्ता दिवस मनाने का निर्णय किया। इसकी शुरूआत २०१४ में हुई थी।

स्वच्छता दिवस पर निबंध – Long and Short Swachhta Diwas Essay in Hindi

देश के बढ़ते प्रदूषण को देखकर प्रधानमंत्री जी ने यह निर्णय लिया। भारत की जनसंख्या विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है और यही कारण है कि पूरे देश में प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर है। जगह-जगह कूड़ा, कचरा फैला हुआ है ,जहां देखो लोग पान थूक देते है और गंदगी फेक देते है। साथ बढ़ती जनसंख्या के साथ लोगों की जरुरतें भी बढ़ रही है जिसके कारण कारख़ानों में और भी तेजी से कार्य हो रहा है और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे देश की स्वछता भंग हो रही है।

स्वच्छ्ता अभियान को पूरा करने के लिए पांच वर्ष की अवधि निश्चित की गई है। इसके अंतर्गत ४०४१ शहरों को सम्मिलित किया गया है। इसमे लगभग २ लाख करोड़ रुपयों का खर्च हुआ है। इस अभियान को सफलता की सीढ़ी तक पहुँचाने के लिए पेयजल,स्वच्छ्ता मंत्रालय और केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने आर्थिक सहायता प्रदान की है।

इस दिवस की शुरूआत श्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गांधी के १४५ जन्मदिवस के उपलक्ष्य में की थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है सफाई और स्वच्छ्ता के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसके शुरुआत के समय स्वयं मोदीजी ने सड़क पर झाड़ू लगाया और लोगो को यह संदेश दिया कि स्वच्छता सबके लिए जरूरी है।

इसमे कोई छोटा-बड़ा नहीं है,कोई शिक्षित और अनपढ़ नहीं है। यह तो प्रत्येक भारतवासी का दायित्व है। इस अभियान में लगभग ३० लाख विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। सभी जगह साफ-सफाई की जागरूकता बढ़ गयी। इस अभियान के शुरुवात में प्रधानमंत्री जी ने नौ माह हस्तियों के नाम की घोषणा की और उनसे यह निवेदन किया कि वे इस अभियान को आगे बढ़ाए और लोगो को इसमे जोड़े और सम्पूर्ण देश को स्वछ बनाये।

स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ जी ने पूरे राज्य में तम्बाकू, गुटखा आदि पर प्रतिबंध लगा दिया और उन्होंने प्रत्येक इमारत की सफाई को भी सुचारू रूप से सुनिश्चित किया।

स्वच्छ्ता दिवस के दिन लोग सफाई करते हुए जब अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालते है तो इससे अन्य लोग भी प्रभावित होते है और स्वच्छ्ता के महत्व को समझते है। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने स्वतंत्रता से पूर्व देश की गंदी दशा को देखकर  कहा था कि स्वच्छता आज़ादी से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

वे देश की दुर्दशा से भलीभांति परिचित थे और इसलिए उन्होंने ऐसा कहा था। उनके इन्ही शब्दों को लक्ष्य करते हुए साल २०१४ में उनके १५० जन्मदिन के उपलक्ष में श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ्ता अभियान का दायित्व उठाया। यह अभियान मुख्य रूप से भारत की अर्थव्यवस्था से सबंधित है। इसका उद्देश्य है शौचालयों का निर्माण करना,लोगों की बुरी आदतों को दूर करना और स्वच्छता के प्रति सबको प्रेरित करना।

हर वर्ष स्वच्छता दिवस बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी लोग इस दिन सफाई करते है और कचरा नही फैलाते है। विद्यालयों में भी विद्यार्थियों द्वारा सफाई करवाया जाता है ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझे। एक विकाशशील देश की उन्नति के लिए यह दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे इसका पालन करे।