अख़बार (समाचार) पत्र पर भाषण – Speech on Newspaper in Hindi

अख़बार/समाचार पत्र हमारे जीवन का ज़रूरी हिस्सा है। हम सभी अख़बार/समाचार पत्र पढ़ते हैं, कुछ इसे राजनीतिक खबरों के लिए पढ़ते हैं, कुछ गपशप की ख़बरों को जानने के लिए, और कुछ संपादकीय ख़बरों के लिए – सभी की ज़रूरतें अपने हिसाब से अलग-अलग हैं। इस तरह पाठकों की संख्या को बढ़ाने और पढ़ने की आदत को पैदा करने के लिए अख़बार/समाचार पत्र के महत्व की बात हर बार की जाती है। तो अगर अख़बार/समाचार पत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा की जरुरत हो तो इन सारे भाषणों को ध्यानपूर्वक पढ़े और इस विषय पर ज्ञान प्राप्त करें

उदाहरण 1: अख़बार (समाचार) पत्र पर भाषण – Speech on Newspaper in Hindi

आशा करता हूं कि ठंडी की छुट्टी का आनंद जितना मैंने लिया उतना ही आप सभी ने लिया होगा। इस ब्रेक के बाद मुझे यकीन है कि कोई भी छात्र पढ़ने के मूड में नहीं होगा और चूँकि छुट्टी के बाद यह आपकी पहली कक्षा है इसलिए मैं इसे थोड़ा आराम से शुरू करना चाहता हूं और धीरे-धीरे आपको अपनी पुस्तकों की ओर फिर से ले जाना चाहता हूं।

तो आज पढ़ाई की बजाए मैं अख़बार/समाचार पत्र के महत्व के बारे में बात करना चाहता हूं। अख़बार/समाचार पत्र यह हम सभी के लिए ज्ञान का एक अच्छा स्रोत है लेकिन दुर्भाग्य से मुझे अपने कई छात्र कभी भी अख़बार/समाचार पत्र पढ़ते हुए नहीं मिले (दिखें)। यह मात्र एक मामूली काग़ज नहीं है जो हर सुबह हमारे घरों में आता है। मानवता के लिए पेश किए जाने के बाद से वे वास्तव में यह बहुत महत्वपूर्ण हो गया हैं। ब्रिटिश राज के समय से लेकर अब तक अख़बार/समाचार पत्र जागरूकता फैलाने और रोज़गार की घटनाओं के बारे में जानकारी देने का एक अच्छा माध्यम माना जाता है। घोषणाएं करने के लिए समाचार पत्र महत्वपूर्ण रूप से एक माध्यम के रूप में कार्य करता हैं।

इन दिनों हमें विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों के साथ-साथ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र भी पढ़ने को मिलते हैं जो पूरे देश के लोगों द्वारा और हमारे समाज के हर वर्ग द्वारा पढ़े जाते हैं। हमारे देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अखबारों को छापा और प्रसारित किया जाता है जैसे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, बंगाली, कन्नड़ आदि। जहां तक ​​समाचार पत्र की सामग्री का संबंध है विभिन्न पाठकों की दिलचस्पियों को पूरा करने के लिए दैनिक कार्यक्रमों के अलावा इसमें अलग-अलग शैलियों को भी शामिल किया गया है। वास्तव में पाठकों के हित में बहुत अधिक एजेंसियां ​​अपने समाचार पत्रों/अख़बारों के साथ साप्ताहिक पत्रिकाएं भी प्रकाशित करती हैं।

अख़बार/समाचार पत्र का महत्व हमारे जीवन में व्यापक है जिसकी मदद से हम नवीनतम राजनीतिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास तथा चर्चित मुद्दों के बारे में जागरूक रहते हैं। इससे हमें हर संभावित पहलू पर ज्ञान प्राप्त करने की सहायता मिलती है – भले ही वह दुनिया भर के आर्थिक, मनोरंजक, सांस्कृतिक, राजनीतिक या सामाजिक मुद्दों पर आधारित ख़बरें ही क्यों ना हो। नौकरी का विवरण देने या किसी अन्य महत्वपूर्ण ख़बर के बारे में सार्वजनिक घोषणाओं के लिए कई कंपनियों समाचार पत्रों/अख़बारों जैसी मीडिया प्रिंट का सहारा लेते हैं। अख़बार में छपने के वजह से कमर्शियल विज्ञापनों और एंडोर्समेंटस को बहुत दूर तक फैलाया जा सकता हैं। जिसमें लोगों को बाजार में आने वाले नवीनतम उत्पादों के बारे में जानकारी मिलती है।

इसलिए अख़बार उद्योग-उपभोक्ता इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है जिससे उन्हें मज़बूत रिश्ते बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा अखबारों/समाचार पत्रों में एक संपादकीय पृष्ठ भी होता है जिसमे पाठकों को किसी भी मुद्दे के बारे में अपने विचार व्यक्त करने का मौका मिलता है। इसके माध्यम से पाठकों को अपनी चिंताएं, अवधारणाओं, आदान-प्रदान के विचारों के साथ-साथ संचार का निर्माण करने के लिए एक बड़ा मंच मिलता है।

इस प्रकार अखबार वह आवश्यक साधन है जो समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए जरूरी है। तो मेरे छात्रों क्यों इससे वंचित रहे? आपको अपने अंदर नियमित आधार पर अखबार पढ़ने की आदत उत्पन्न करने की कोशिश करनी चाहिए जिससे आप अपने आप में एक स्वस्थ बदलाव का अनुभव करेंगे। साथ ही, अपने सहकर्मी समूह में समाचार पत्र पढ़ने की इस आदत को प्रोत्साहित करें और अपने बौद्धिक विकास के लिए चर्चाओं और बहस में शामिल हों।

उदाहरण 2: अख़बार (समाचार) पत्र पर भाषण – Speech on Newspaper in Hindi

आज का आपका ‘मेजबान’ मैं सौरभ शुक्ला आप सभी का भारतीय एक्सप्रेस समाचार पत्र के 21वें समारोह में स्वागत करता हूँ। दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारी टीम अपनी वार्षिक बिक्री लक्ष्य को हासिल करने में सफल रही है जो हमारे लिए काफी बड़ी जीत है। तो आज के दिन के महत्व पर विचार करते हुए मैं हमारे दैनिक जीवन में अख़बार/समाचार पत्र के महत्व के बारे में विस्तार से एक छोटा सा भाषण देने जा रहा हूं।

अख़बार/समाचार पत्र हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। हालाँकि डिजिटल विकास ने अख़बार/समाचार पत्र की बिक्री को प्रभावित किया है लेकिन जिन लोगों को इसके महत्व का एहसास है वे अभी भी इसे खरीदते हैं और पढ़ते हैं। विकिपीडिया के अनुसार भारत दुनिया भर में अखबार के लिए सबसे बड़ा बाजार है जहाँ हर दिन 100 मिलियन से अधिक अख़बार बेची जाती हैं और इस तथ्य को नज़रंदाज करते हुए कि आज इंटरनेट ने लोगों के जीवन पर मजबूत पकड़ बना रखी है लोग आज भी ख़ुद को अपडेट रखने के लिए अपने मोबाइल फोन और टैबलेट पर अख़बारों का डिजिटल संस्करण यानी ई-अख़बार पढ़ रहे हैं।

अब आप बताइए कि समाचारों ने हमारे जीवन में क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर मैं शिक्षा के क्षेत्र में अख़बार/समाचार पत्र के महत्व के बारे में बात करूँ तो यह वास्तव में छात्रों को शिक्षा के छेत्र में व्यावहारिक उदाहरण देकर शिक्षा को मजबूत बनाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए यदि छात्र राजनैतिकता – इसके पक्ष और विपक्ष – के प्रभाव के बारे में अध्ययन कर रहे हैं तो शिक्षक अख़बार/समाचार पत्र से जीवन के कुछ वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से छात्र बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन और समाज पर पुनर्निमाण के वास्तविक प्रभाव को समझ सकते हैं।

एक और उदाहरण यह हो सकता है कि उच्च माध्यमिक कक्षाओं में यदि राजनीतिक विज्ञान के छात्र किसी देश के प्रधान मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में सीखते हैं तो शिक्षक प्रभावी ढंग से उन्हें अपने वर्तमान प्रधान मंत्री के जीवन से उदाहरण देकर और दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर प्रकाश डाल कर उन्हें पढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के बारे में जानकारी अखबार/समाचार पत्र द्वारा प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार मुझे लगता है कि व्यावहारिक शिक्षा की प्रगति में समाचार पत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इसके अलावा छात्रों को समाचार पत्रों/अख़बारों को पढ़ने से बहुत अधिक फायदे प्राप्त होते हैं जैसे वे अपनी शब्दों के ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। चाहे राजनीति विज्ञान हो, अर्थशास्त्र, हिंदी या कोई अन्य विषय हो छात्र आसानी से अपने स्रोत और दिलचस्पी के अनुसार टर्मिनोलोजी और संबंधि जानकारी हासिल कर सकते हैं। जैसे हमारे पास अखबार में अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए “आर्थिक पृष्ठ खंड” होता है उसी तरह साहित्य या राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए संपादकीय पृष्ठ भी होता है।

अपने शब्दों के ज्ञान को सुधारने के अलावा अखबार पढ़ने की आदत भी लोगों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाती है और हमारे देश के विभिन्न हिस्सों और दुनिया में नवीनतम
लोकप्रिय खबर के बारे में जागरूकता फैलाती है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए?

यहां तक ​​कि आपको अख़बार में एक पूरा अनुभाग रोजगार/कैरियर आदि के लिए मिलता है जो साप्ताहिक प्रकाशित होता है और छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं, नौकरियों और कैरियर से संबंधित अवसरों के बारे में जागरूक रहने में मदद करता है।

उदाहरण 3: अख़बार (समाचार) पत्र पर भाषण – Speech on Newspaper in Hindi

अब जब सभा समाप्त होने को है मैं – साक्षी कालरा – कक्षा 9 (ए) की छात्रा इस मौके पर हमारे जीवन में समाचार पत्रों/अख़बारों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करना चाहती हूँ। अखबार आधुनिक सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आम तौर पर दिन की घटनाओं के रिकॉर्ड के रूप में माना जाता है या जिन्हें आप करेंट इवेंट्स कहते हैं। हालांकि अख़बार/समाचार पत्र की भूमिका मात्र ख़बरों का संग्रह ना होकर इससे बहुत अधिक होती है। क्या आपको पता है कि पहली बार अख़बार/समाचार पत्र दुनिया में कब प्रकाशित हुए थे?

खैर भारत का पहला अखबर 29 जनवरी सन् 1780 को छपा। जो हिकी बंगाल गजट या बंगाल गजेटिअन के नाम से था। बंगाल गज़ट को भारत के सबसे पहले समाचार पत्र के रूप में जाना जाता है यह समाचार पत्र कोलकाता से प्रकाशित होता था तब से अखबार/समाचार पत्र के वितरण में वृद्धि ही हुई है। यह वास्तव में आधुनिक सभ्यता का एक चिन्ह बन गया है।

अब अख़बार/समाचार पत्र जनता की आवाज को मज़बूत करने का, राय देने एक मंच बन गया है। विभिन्न विषयों की विभिन्न श्रेणियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समाचार पत्रों में अलग-अलग समाचार छापे जाते हैं। समाज के हर वर्ग के लोग इसे पढ़ते हैं – वह कोई व्यवसायी हो, नौकरी कर रहा आम आदमी हो, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर या राजनेता हो – इस तरह अख़बार/समाचार पत्र हर किसी के उद्देश्य की सेवा करता है। उदाहरण के लिए अख़बार/समाचार पत्र के माध्यम से वकीलों को यह पता चलता है कि न्यायपालिका में क्या हो रहा है। क्या किसी के साथ राजनीतिक या सामाजिक अन्याय हुआ है या नहीं हुआ।

व्यवसायी भी अख़बार पढ़ते हैं और देश-विदेशों में वाणिज्य और व्यापार से संबंधित जानकारी एकत्र करते हैं। शिक्षक और छात्र अखबार/समाचार पत्र के माध्यम से एक-दूसरे के करीब आते हैं। यह सीखने और शिक्षण के माध्यम के रूप में कार्य करता है।

यहां तक ​​कि राजनेता भी लोगों के प्रति अपनी राजनीतिक राय जानने के लिए अख़बार/समाचार पत्र को काफी उपयोगी पाते (मानते) हैं। एम.के. गांधी ने भारत की स्वतंत्रता के बारे में अपनी राय व्यक्त करने के लिए युवा भारत को संशोधित किया।

यह अख़बार/समाचार पत्र ही था जिसने लोगों को स्वतंत्रता के लिए लड़ने या आज़ादी हासिल करने के लिए उनके मनोबल को बढ़ाया, एक साथ आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब अख़बार/समाचार पत्र में अपराध या भ्रष्टाचार की कोई खबर प्रकाशित होती है तो पुलिस सक्रिय हो जातें है। सरकार अख़बार/समाचार पत्र के माध्यम से लोगों की सार्वजनिक शिकायतों को भी ट्रैक करती है। सरकार उन्हें गंभीरता से निपटाने के लिए प्रयास करती है।

चूंकि अखबार/समाचार पत्र की भूमिका बिना किसी का पक्ष लिए अपने लोगों को सच्चाई दिखाना है इसलिए इसे किसी भी पक्षपात या पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए। लोकतंत्र के स्तंभ को मजबूत करने के लिए इसे शक्तिशाली बल के रूप में कार्य करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से सत्य की खोज में और पूर्ण पारदर्शिता का वर्णन करने के लिए पत्रकारों को अक्सर हिंसा का सामना करना पड़ता है। क्या हम पत्रकारों के अपमान, उन पर अत्याचार या आतंकित होने और हमारे समाज में मौजूद असामाजिक तत्वों द्वारा अक्सर मार-काट मचाने की ऐसी खबरों को नहीं पढ़ते?

संपादकों को सही ख़बर को गलत या गलत ख़बर को सही दिशा में चित्रित करने के लिए रिश्वत भी दी जाती है। राजनेता भी छोटी-छोटी खबरों के खिलाफ अपना क्रोध व्यक्त करते हैं जहां ईमानदार पत्रकारों को अक्सर ज़ुल्म का सामना करना पड़ता है। इसलिए मुझे लगता है कि पत्रकारों के जीवन को सुरक्षित और अनैतिक लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।

उदाहरण 4: अख़बार (समाचार) पत्र पर भाषण – Speech on Newspaper in Hindi

मैं, अक्षत खन्ना, आज के लिए आपका मेजबान, अखबार/समाचार पत्र के बढ़ते महत्व के बारे में अपने भाषण को संबोधित करना चाहूंगा। लेकिन इससे पहले मैं आपसे अख़बार/समाचार पत्र की परिभाषा पूछना चाहता हूँ। एक अखबार को आप कैसे परिभाषित करेंगे?

अख़बार/समाचार पत्र प्रिंट मीडिया की श्रेणी में आता है और इसे राष्ट्रीय और साथ ही वैश्विक स्तर के समाचारों के एक भंडार के रूप में परिभाषित किया गया है। यह एक प्रिंटेड मटेरियल है जिसका प्राथमिक उद्देश्य लोगों को नवीनतम ख़बरों और घटनाओं के साथ उन्हें अपडेट करना है। सूचना हर संभव दिशा अर्थात् पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से अखबार/समाचार पत्र के माध्यम से हमारे पास आती है टेक्नोलॉजी और प्रिंट मीडिया में क्रांति से डिजिटल मीडिया में भारी बदलाव के बावजूद आज की आधुनिक दुनिया अभी भी समाचार पत्रों की उपस्थिति के बिना अधूरी पाई जाती है। इस प्रकार अखबार/समाचार पत्र केवल एक मुद्रित कागज़ का टुकड़ा नहीं है बल्कि एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसमें महत्वपूर्ण जानकारी, खबर, नवीनतम घटनाएँ, विज्ञापन, समीक्षा आदि शामिल हैं। अख़बारों/समाचार पत्रों को दुनिया के कान और आँखें कहा जा सकता है।

आज की स्मार्ट फोन और टैबलेट्स की दुनिया में कुछ लोगों की सुबह अख़बार/समाचार पत्र पढ़े बिना शुरू नहीं होती है। अख़बार/समाचार पत्र के बिना एक दिन की कल्पना करना भी संभव नहीं है क्योंकि इसके बिना लोग हर सुबह खुद को कैसे अपडेट करेंगे। इसलिए समाचार पत्र हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अख़बार/समाचार पत्र हमें हर संभव विषय जैसे विज्ञान, कला, खेल व्यापार, अपराध, फैशन आदि पर जानकारी प्रदान करता है। अखबार के प्रत्येक पेज का अपना महत्व होता है। यह हमें न केवल हमारे देश में क्या हो रहा है बल्कि अन्य देशों की ख़बरों के बारे में भी जागरूक बनाता है। इसके बाद स्वास्थ्य के विकास के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य का कॉलम भी है। जहाँ तक मनोरंजन का संबंध है क्रॉसवर्ड पहेली, हास्य कार्टून के साथ-साथ ज्योतिषीय तथ्यों का भी एक कॉलम है। अख़बारों/समाचारपत्रों में विवाह, नौकरी रिक्तियों आदि के लिए कॉलम भी आते हैं।

अख़बार/समाचार पत्र विज्ञापन से भरा हुआ होता है क्योंकि अखबार/समाचार पत्र एजेंसियों के लिए कमाई का एक श्रेष्ठ स्रोत है। इसलिए अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और अगर आपके अंदर ये आदतें नहीं हैं तो आपको इसे उत्पन्न करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि दुनिया भर में क्या हो रहा है और इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सके।

दूसरी ओर अखबार/समाचार पत्र हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है और कई लोगों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत है – न केवल एजेंसियों के लिए बल्कि लेखकों, संपादकों, विपणन टीम आदि के लिए भी। वास्तव में जो लोग सड़क पर अख़बार/समाचार पत्र बेचते हैं या बाटते हैं उन्हें सड़क पर अपनी आजीविका अर्जित करने का एक स्रोत मिल जाता है। अखबार/समाचार पत्र सभी प्रमुख भाषाओं में छपा हुआ होता हैं ताकि आपको अख़बार पढ़ने में सक्षम होने के लिए अपनी भाषा में बदलाव न करना पड़े। कुछ स्कूलों में यह नियम है कि हर सुबह सभी छात्रों को अपने साथियों के साथ समाचार पढ़ना होगा।

इसलिए हमारे जीवन में हम चाहे कितने भी व्यस्त हो हमें कभी भी अखबार/समाचार पत्र पढ़ने की आदत में कटौती नहीं करनी चाहिए और जितनी भी हो सके उतनी जानकारी हमें लेनी चाहिए। धन्यवाद!