प्राकृतिक संसाधन पर भाषण – Speech on Natural Resources in Hindi

हम प्राकृतिक संसाधनों पर विभिन्न शब्द सीमाओं में बहुत से भाषण प्रदान कर रहे हैं। सभी प्राकृतिक संसाधनों पर भाषण सरल और साधारण हिन्दी वाक्यों का प्रयोग करके विद्यार्थियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उनकी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार लिखे गए हैं। इस तरह के भाषणों का प्रयोग करके छात्र स्कूल या कॉलेज में किसी भी त्योहार और उत्सव के आयोजन पर भाषण प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। प्यारे विद्यार्थियों, आप नीचे दिए गए किसी भी भाषण को अपनी आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हो:

उदाहरण 1: प्राकृतिक संसाधन पर भाषण – Speech on Natural Resources in Hindi

यहाँ उपस्थित महानुभावों, आदरणीय अध्यापक एंव अध्यापिकाओं और मेरे प्यारे साथियों को सुबह की नमस्ते। हम यहाँ इस विशेष उत्सव को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। मैं इस खुशनुमा अवसर पर, सबसे महत्वपूर्ण विषय प्राकृतिक संसाधन पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन लकड़ी, मिट्टी, तेल, मिनरल, पेट्रोलियम, पानी आदि हैं और इन्हीं संसाधनों को प्राकृतिक संसाधन कहा जाता है क्योंकि सभी भगवान के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को उपहार के रुप में प्रदान किए गए हैं और ये प्राकृतिक रुप से पाए जाते हैं, किसी को भी मनुष्य द्वारा नहीं बनाया जा सकता है।

मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का निर्माण नहीं कर सकता हालांकि, उन्हें संशोधित करके पुनः प्रयोग में ला सकता है। बहुत सालों से, प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का मनुष्य द्वारा लगातार सभ्यता, शहरीकरण, तकनीकीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण शोषण किया जा रहा है। लोग अपनी आँखों को बन्द करके अपनी जरुरतों को पूरा करने जैसे: ईंधन, भवन निर्माण, नावों, घरों, आवासों आदि की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पेड़ों की अंधा-धुन्ध कटाई कर रहे हैं।

प्राकृतिक संसाधन नवीनीकृत और गैर-नवीनीकृत, दो प्रकार के होते हैं। हम कह सकते हैं, लकड़ी (मुख्य प्राकृतिक संसाधनों में से एक) नवीनीकृत प्राकृतिक संसाधन है। यदि पेड़ों की अंधा-धुंध कटाई न की जाये तो अन्य संसाधन जैसे: मछली, जानवर और जंगल भी नवीनीकृत हो सकते हैं। पेड़-पौधों और जंगलों को भी दुबारा लगाया जा सकता है, इस प्रकार प्रयोग की गयी लकड़ियों को पुर्नस्थापित किया जा सकता है। मगर, इस बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकता ने पेड़ों की कटाई को बड़े स्तर पर बढ़ाया है।

शहरों में, लगातार हरियाली को देखना कठिन हो गया है, जिसने लोगों के सामान्य जीवन में प्रदूषण और अन्य समस्याओं को बढ़ा दिया है। यदि पेड़ों की गिरती हुई दर को समान दर के साथ और अधिक पेड़ों को लगाकर नहीं रोका गया तो यह पृथ्वी पर अनेक समस्याओं को जैसे पारिस्थितिक तंत्र का ह्रास, मृदा प्रदूषण, वर्षा की कमी आदि समस्याओं को निमंत्रित करेगा।

लकड़ी के विपरीत, तेल, खनिज, धातु अयस्क, जीवाश्म ईंधन, कोयला, प्राकृतिक गैसें, पेट्रोलियम, परमाणु ईंधन, आदि गैर-नवीनीकृत प्राकृतिक संसाधन है, जो एक बार प्रयोग होने क बाद दुबारा उत्पन्न नहीं होते या फिर इनका निर्माण बहुत सदियों के बाद होता है। गैर-नवीनीकृत संसाधन को यदि सही तरीके से प्रयोग नहीं किया गया तो ये संसाधन भविष्य में समाप्त हो जायेगें।

इस प्रकार, हमें तत्काल आधार पर प्राकृतिक संसाधनों विशेषरुप से अनवीनीकृत प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग संरक्षणकारी तरीके से अनुसरण करने की आवश्यकता है। प्राकृतिक संसाधनों पर से बोझ को कम करने के लिए हमें ऊर्जा के कुछ वैकल्पिक रूपों का उपयोग शुरू कर देना चाहिए। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत है जैसे: बिजली की रोशनी के स्थान पर सूर्य के प्रकाश का प्रयोग। सौर ऊर्जा का प्रयोग बड़े स्तर पर बिजली की खपत को कम करेगा।

बायो-गैस भी एक अन्य विकल्प है, जिसे तरल पेट्रोलियम गैस के विकल्प के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हम प्रकृति के बहुतायात रखरखाव, लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण, जैव विवधता का पालन आदि के माध्यम से प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण कर सकते हैं। हम कुछ अभ्यस्त परिवर्तन जैसे पुनःवृक्षारोपण, संरक्षण, और आग से सुरक्षा आदि के माध्यम से वन संसाधन के प्रबंधन के द्वारा स्थायी वानिकी प्राप्त कर सकते हैं।

उदाहरण 2: प्राकृतिक संसाधन पर भाषण – Speech on Natural Resources in Hindi

मान्यवर प्रधानाचार्य जी, आदरणीय अध्यापक और अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे मित्रों, आप सभी को मेरा नमस्कार। जैसा कि हम सभी यहाँ एक साथ उपस्थित होने का कारण जानते हैं। मैं इस अवसर पर प्राकृतिक संसाधनों के विषय पर भाषण देना चाहूँगा/चाहूँगी। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/की बहुत आभारी हूँ, कि उन्होंने मुझे इस महान अवसर पर आप सभी के सामने बोलने का मौका प्रदान किया। प्राकृतिक संसाधन वो सभी साधन है, जो इस पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा बनाये गए हैं और हमें भगवान द्वारा उपहार के रुप में जीवन के अस्तित्व को आसान बनाने के लिए दिए गए हैं।

विभिन्न साधनों में सम्पूर्ण विश्व की पूरी मानव जाति की प्रगति विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। तो भी, मानव इन प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग गलत तरीके से कर रहा है, जो हमें निश्चित रुप से भविष्य में सभी प्राकृतिक संसाधनों की कुल कमी के रुप में कष्ट पहुँचायेंगा। हम संसाधनों का प्रयोग उन्हें नवीनीकृत किए बिना केवल अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर रहे हैं। प्राकृतिक संसाधन जैसे: पानी, पेड़, लकड़ी, मिट्टी, कोयला, बिजली, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, खनिज, वनस्पति, जंगली जीवन आदि किसी भी राष्ट्र के उचित विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है।

प्राकृतिक संसाधन ऊर्जा के रुप या वो तत्व हैं, जो विभिन्न आयामों में लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जैसे: मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक, सामाजिक- आर्थिक आदि। सभी प्राकृतिक संसाधन जीवन के विभिन्न पहलुओं पर लाभ पहुँचाने के साथ ही पूरे ग्रह पर पारिस्थितक तंत्र को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं; अक्षय (नवीनीकृत) संसाधन, क्षय (गैर-नवीनीकृत) संसाधन। वो संसाधन जो प्रकृति के चक्र द्वारा पुनः प्राप्त किए जा सकते हैं, उन्हें नवीनीकृत संसाधन कहा जाता है। जबकि, वे संसाधन जिन्हें दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता उन्हें गैर-नवीनीकृत संसाधन कहा जाता है।

अक्षय संसाधनों को पुनःउत्पादित किया जाता है क्योंकि वो उपयोग में लिए जाते हैं जैसे: मछली, पानी, जंगल, लकड़ी, फसल, चमड़ा, मिट्टी, सौर ऊर्जा, लकड़ी का सामान आदि। गैर-नवीनीकृत संसाधन सीमित होते हैं और उन्हें पुनःउत्पादित नहीं किया जा सकता जैसे: धातु (लोहा, जिंक, तांबा, आदि), जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल जमा आदि।), खनिज, लवण (फॉस्फेट, कार्बोनेट, नाइट्रेट, आदि), पत्थर (जैसे हीरा, पन्ना आदि)। यदि जीवन में एक बार हमने गैर-नवीनीकृत संसाधनों को खत्म कर दिया तो हम इन्हें वापस नहीं पा सकते क्योंकि ये हमेशा के लिए चले जाते हैं। गैर-नवीनीकृत संसाधन पुनः संशोधन योग्य और गैर-संशोधन योग्य हो सकते हैं। एल्यूमीनियम, तांबा, पारा, आदि के अयस्क पुनः संशोधन योग्य पर गैर नवीनीकृत संसाधन हैं।

इस तरह के सभी प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी पर हमारे जीवन को संभव बनाने के लिए बहुत आवश्यक हैं। इसलिए, हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संशोधन के लिए अपने सबसे अच्छे प्रयासों को करना चाहिए।

उदाहरण 3: प्राकृतिक संसाधन पर भाषण – Speech on Natural Resources in Hindi

आदरणीय महानुभाव, प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे साथियों को नमस्ते। हम सभी यहाँ इस विशेष अवसर को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज, मैं आप सभी के सामने हमारे जीवन में प्राकृतिक संसाधनों और उनके महत्व के बारे में बताना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/की बहुत आभारी हूँ कि, उन्होंने मुझे ये महान अवसर प्रदान किया। मेरे प्यारे मित्रों, प्राकृतिक संसाधन हमें भगवान के द्वारा दिए गए सबसे अच्छे तौहफे हैं, जो हमारी बहुत सी समस्याओं को हल करते हैं और हमारे जीवन को आसान और सरल बनाते हैं। ये हमारे जीवन कि वो आवश्यकताएं हैं, जिनके बिना जीवन लगभग असंभव है।

वो संसाधन जिन्हें हम अपने जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए प्रयोग करते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहे जाते हैं। प्राकृतिक संसाधन (जैसे: सूर्य की रोशनी, हवा, जंगल, वन्य जीवन आदि) पृथ्वी पर मानव के अस्तित्व के पहले से ही उपस्थित हैं। मनुष्य सभी प्राकृतिक संसाधनों को विभिन्न रुपों (प्राकृतिक या वैकल्पिक रुप) में जीवन के अलग-अलग चरणों में असीमित आवश्यकताओं और जरुरतों को पूरा करने के लिए प्रयोग करता है।

प्राकृतिक संसाधन दुनिया भर में विभिन्न तकनीकी सुधारों का रास्ता है। इसके प्राकृतिक और वैकल्पिक रूप मानव जाति के लिए कई उपयुक्त प्रौद्योगिकी के स्रोत हैं। कुछ प्राकृतिक संसाधन जल, वायु, भूमि, मिट्टी, पशु-पक्षी, वन, खनिज, ऊर्जा, धातु आदि है। यद्यपि ये संसाधन पूरे विश्व में समान अनुपात में उपलब्ध नहीं है। संसाधनों का महत्व उन क्षेत्रों में आसानी से समझा जा सकता है जहाँ बहुत कम स्रोत हैं। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक शोषण विशेषरुप से पृथ्वी पर गैर-नवीनीकृत संसाधनों के अस्तित्व के लिए खतरा है।

प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए बहुत ही आवश्यक हैं क्योंकि वो राष्ट्र के आर्थिक विकास में अपना अहम योगदान देते हैं। वे पूरे जीवन भर हमारी सभी आवश्यकताओं की आपूर्ति करते हैं। प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं; गैर- नवीनीकृत, और नवीनीकृत संसाधन। नवीनीकृत संसाधन, जल, वायु, सूर्य और पेड़-पौधे (जिन्हें धीमीदर से प्रयोग किए जाये ताकि उन्हें प्रतिस्थापित किया जा सके।) आदि हैं। गैर-नवीनीकृत संसाधन, प्राकृतिक गैसें, कोयला, तेल, खनिज, लवण आदि हैं।

कृषि योग्य भूमि हमें उपजाऊ मिट्टी प्रदान करती है, पानी ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है, तेल, कोयला और गैस यातायात और ऊष्मा उद्योगों में ईंधन के रुप में प्रयोग किए जाते हैं। इस तरह, सभी प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है। हमें उनके महत्व को समझना चाहिए और उन्हें केवल आवश्यकता के अनुसार सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।

उदाहरण 4: प्राकृतिक संसाधन पर भाषण – Speech on Natural Resources in Hindi

हम सभी यहाँ इस विशेष अवसर ………….को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इस अवसर के आयोजन पर सभी महानुभावों, आदरणीय शिक्षक और शिक्षिकाओं और मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा नम्र सुप्रभात। इस अवसर पर मैं प्राकृतिक संसाधनों के विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ।

प्रकृति ने हमें बहुत से लाभकारी उपहार एक बेहतर जीवन निर्वाह के लिए प्रदान किए हैं। प्राकृतिक संसाधन पूरी पृथ्वी पर विभिन्न रुपों में पाए जाते हैं, हालांकि, ये समान रुप से वितरित नहीं है। सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे: मिट्टी, भूमि, वायु, जल, खनिज, सौर ऊर्जा, वन्य जीवन, वन, ऊर्जा, घास के मैदान, मछली आदि मनुष्य के द्वारा अपने कल्याण और विकास के लिए प्रयोग किए जाते हैं। सभी संसाधन आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय उत्पादन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनुकूल प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता आर्थिक विकास में सहायक है, जबकि कमी या इसका अभाव देश में आर्थिक विकास की प्रक्रिया को अवरूद्ध करता है। मानव द्वारा विकसित सभी वैज्ञानिक तकनीकें प्राकृतिक संसाधनों का उचित विदोहन करती हैं। प्रकृति में अभी भी ऐसे कई संसाधन उपलब्ध है, जिन्हें मनुष्य अनदेखा कर रहा है।

कुछ प्राकृतिक संसाधन सीमित या गैर-नवीनीकृत प्रकार (खनिज, तेल आदि) के है, हालांकि, नवीनीकृत या असीमित मात्रा के प्रकार वाले (भूमि, मछली, जल, वन आदि) है। गैर-नवीनीकृत साधन एक बार प्रयोग होने के बाद में दुबारा वापस नहीं आते हालांकि, नवीनीकृत संसाधन को यदि हम उचित देखरेख के साथ प्रयोग करें तो बिना किसी रुकावट के प्रयोग किया जा सकता है। राष्ट्र का सतत् विकास (निरंतर चलने वाला) करने के लिए, हमें नवीनीकृत संसाधनों को बहुत ही सावधानी के साथ ही इनकी गुणवत्ता को बनाये रखकर प्रयोग करने की आवश्यकता है। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कुछ सामान्य तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. वनों के उन्मूलन के प्रतिशत को कम करना चाहिए और नये पेड़ों को लगाने के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना चाहिए। सभी को वृक्षारोपण में भाग लेना चाहिए और पेड़ों की देखरेख करनी चाहिए।
  2. प्राकृतिक संसाधनों के अधिकाधिक प्रयोग को कम किया जाना चाहिए और इसके समुचित और सीमित उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
  3. सभी को अपशिष्ट निराकरण का कार्य करना चाहिए और जैव विविधता को बनाये रखना चाहिए।
  4. किसानों के लिए मिश्रित फसल, फसल चक्र और उर्वरकों के प्रयोग (खाद, जैव उर्वरक, जैविक उर्वरक, आदि) के बारे में बताया जाना चाहिए।
  5. वर्षा के जल संक्षण के तरीको को लोगों के बीच में बढ़ावा देना चाहिए।
  6. पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए ड्रिप सिंचाई या फव्वारा सिंचाई को व्यवहार में लाना चाहिए।
  7. लोगों को ऊर्जा संरक्षण के तरीकों को ऊर्जा के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रयोग करने चाहिए।
  8. वन्य जीवों के शिकार को प्रतिबंधित करके वन्य जीवों के जीवन का संरक्षण करना चाहिए।
  9. ऊर्जा के नवीनीकृत संसाधनों को जितना अधिक हो सके उतना अधिक अनवीनीकृत साधनों के स्थान पर प्रयोग करना चाहिए।
  10. सभी स्तर के लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के आवश्यक प्रयोग और संरक्षण के बारे में समान रुप से शिक्षित किया जाना चाहिए।

धन्यवाद।