अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध – Essay on Women’s Day in Hindi

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है । विश्व भर में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान,प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए महिलाओं को समाजिक, आर्थिक राजनीतिक, शैक्षिक एवं अन्य उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव की तरह मनाया जाता है ।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध – Long and Short Essay on Women’s Day in Hindi

सबसे पहले अमेरिका के न्यूयार्क शहर में सन 1909 ई में समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित किया गया था । बाद में सन  1917ई में रूस ने इस दिन को अपने यहाँ एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया और इसके बाद धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गया । आज के समय में लगभग सभी देशों में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को अलग अलग रूपों मनाया जाता है ।

कुछ देशों में लोग अपने जीवन में उपस्थित महिलाओं जैसे- माता, पत्नि, बहन, बेटियों तथा सहकर्मियों आदि को कुछ उपहार, फूल देकर उनका सम्मान करते हैं । कुछ देशों में जैसे- बुल्गारिया, रोमानिया में मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

आरंभ में महिला दिवस की शुरूआत वोट देने के अधिकार प्राप्त करने के रूस के महिलाओं के द्वारा किया गया एक आन्दोलन था जिसके लिए महिलाओं ने हड़ताल किया मजबूर होकर जार ( राजा) ने महिलाओं को सारे अधिकार दे दिए तभी से इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा ।

प्रसिद्ध जर्मन एक्टीविस्ट क्लारा जेटकिन के अथक प्रयासों के बदौलत इन्टरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने सन 1910 ई में महिला दिवस को एक अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप और 8 मार्च को पब्लिक होलीडे के रूप में मान्यता प्रदान किया ।

इसके अन्तर्गत अगले साल सन 1911 में 19 मार्च को प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आयोजित आस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में किया गया । लेकिन बाद के आयोजनों में इस दिवस की तारीख को 8 मार्च तय कर दिया गया । तभी से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को पुरे विश्व मनाया जाने लगा ।

भारत में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

हमारे यहाँ भी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है । इस महिलाओं के सम्मान में अनेक प्रकार के समारोह, गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों के द्वारा गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता भी दी जाती है ।

भारत में महिलाओं को सभी प्रकार के अधिकार प्राप्त है, हमारे यहाँ कानून की नजर में किसी भी प्रकार लिन्गभेद  नहीं है । परन्तु अभी भी हमारे देश में महिलाओं के प्रति बहुत कुछ किया जाना बाकी है । हमारे देश में महिलाओं के प्रति सम्मान और बेहतर अवसर उपलब्ध कराया जाना जरूरी है जिससे वे भी आत्मनिर्भर बन सकें ।

हमें यह बताने में बहुत दुःख हो रहा है कि भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रही है ।यहां कहीं न कहीं रोज ऐसी घटनाएं सुनने को मिल जाती है जिससे हम सब भारतीयों अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लज्जित होना पड़ जाता है । हमारे देश में महिलाओं के प्रति सबसे बड़ा मुद्दा उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मान की है।

हालाकि भारत में महिलाओं की स्थिति प्रचीन काल बहुत ही सुदृढ़ थीं । महिलाओं को बराबरी का अधिकार हीं नहीं उन्हे पुरूषों से ज्यादा अधिकार प्राप्त था ।

मनु स्मृति में भी कहा गया है-

” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता

यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तर्फलाः क्रियाः”

अर्थात जहाँ नारी का आदर सम्मान होता है वहां देवतागण भी प्रसन्न रहते हैं । जहाँ ऐसा नहीं होता वहाँ देवताओं की कृपा नहीं होती है सम्पन्न किये गये सारे कार्य निष्फल हो जाते हैं । इसप्रकार हम देखते है कि भारत में महिलाओं की स्थिति प्रचीन काल में बहुत ही सुन्दर, सुदृढ़ एवं सम्मानित था ।

आज भी हमारे यहाँ नवरात्रि का अनुष्ठान कन्या पूजन के बिना पुरा नहीं होता लेकिन दुखद बात यह है कि हम अपने इस गौरवशाली अतीत को भूला दिया है । आज उसी गौरवशाली इतिहास को याद कर हम सभी को महिलाओं को समाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक स्तरों में सुधार करना है ।

विश्व में ज्यादा तर देशों में पितृसत्तात्मक ब्यवस्था है लेकिन हमारे देश में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में आज भी स्त्री प्रधान समाज है जहाँ सम्पत्ति पर पुत्री का हीं अधिकार प्राप्त है । महिला बारात लेकर जाती है और पति को अपने घर लाती है ।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस थीम

प्रत्येक वर्ष एक खास थीम पर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आयोजित किया जाता है । प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘  सेलिब्रिटीन्ग द पास्ट, प्लानिंग फार द फ्यूचर ‘ थी ।

इस बार की थीम है-  ” मैं जनरेशन इक्वेलिटी:महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रहीं हूँ ” ।  ( I am generation equality: realizing  women’s rights) है ।

बदलते दौर में महिलाओं की भी स्थिति में काफी परिवर्तन हुए हैं । आज महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में चाहे वह मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, राजनीति, समाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तथा खेल-कूद हो सबमें अपनी परचम लहरा रही हैं और किसी भी मायने में पुरुष से कमतर नहीं है ।