RTE Act Kya Hai?
हमारे भारतीय संविधान में आर्टिकल – 21 A नामक एक आर्टिकल को सम्मिलित किया गया है जिसके अंतर्गत 6 se 14 आयु के बच्चों को अपने आस पास के सरकारी स्कूलों में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसका अर्थ यह है कि स्कूल की फीस, यूनिफॉर्म तथा किताबों का पैसा कुछ भी बच्चे के परिवार को स्कूल में नहीं देना होगा। बच्चे को मुफ्त में ही 6 se 14 साल की उम्र में अनिवार्य शिक्षा प्राप्त होगी। यहीं निजी स्कूलों में भी 25 प्रतीशत यानी 25% छात्रों का नामांकन बिना किसी शुल्क के किया जाएगा। इस में सभी economically weaker section यानी आर्थिक रूप से कमजोर व दिसडवांटेज ग्रुप जिसमें SC, ST, व अनाथ लोगों को शामिल किया गया है।
यह RTE act का बिल 2 जुलाई 2009 को मंजूर किया गया था जिसे कैबिनेट ने मंजूर किया था। फिर यह एक्ट 20 जुलाई 2009 को राज्य सभा व 4 अगस्त 2009 को लोक सभा द्वारा मंजूर किया गया।
इस एक्ट को पूरे भारत देश में 1 अप्रैल 2010 से लागू किया गया।
इस एक्ट की विशेषताएँ :-
- 6 से 14 साल के छात्रों को मुफ्त में किसी भी पड़ोसी सरकारी स्कूल में अनिवार्य शिक्षा प्राप्त होगी।
- स्कूल के दाखिले के समय उम्र दस्तावेजों के आधार पर दर्ज होगी। व आयु प्रमाण पत्र ना होने के कारण दाखिला रुकेगा नहीं।
- गुणवत्ता में सुधार होना ज़रूरी है।
- अगर कोई 6 या उससे अधिक आयु का बच्चा अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाया है तो व अपनी उम्र के हिसाब से उचित कक्षा से अपनी पढाई दुबारा शुरू कर सकता है।
- स्कूलों में पढ़ाने के लिए डिग्री व अनुभव होना बेहद आवश्यक है।
- जब तक बच्चे की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं होती तब तक वह ना स्कूल से निकाले जा सकते है ना उन्हें रोका जाएगा और ना ही बोर्ड परीक्षा में आगे बढ़ाया जाएगा।
- प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
स्कूलों में दाखिला लेने के लिए लगने वाले दस्तावेज :-
- माता-पिता की सरकारी आईडी – ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट।
- चाइल्ड आईडी – यह बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और आधार कार्ड तक सीमित नहीं है। माता-पिता बच्चे के किसी भी और सभी सरकारी दस्तावेजों को प्रस्तुत कर सकते हैं।
- जाति प्रमाण पत्र – जाति प्रमाण पत्र भी आरटीई प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
- भारत के राजस्व विभाग से आय प्रमाण पत्र।
- यदि बच्चे को किसी विशेष चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है, तो आपको स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
- बेघर बच्चों या प्रवासी मजदूरों के बच्चों के मामले में, एक हलफनामा तैयार किया जाना चाहिए, जो श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और महिला और बाल विकास विभाग से जारी किया जाता है।
- बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो।
- यदि बच्चा एक अनाथ है, तो माता-पिता दोनों के पास मृत्यु प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- प्रवेश के लिए सभी आवेदन अंतिम तिथि से पहले जमा करने होंगे। आरटीई प्रवेश की समय सीमा आमतौर पर हर साल अप्रैल के दूसरे और अंतिम सप्ताह के बीच होती है।
इस एक्ट के अंतर्गत दाखिल लेने की प्रक्रिया :-
- सबसे पहले अपने आस पास के वह स्कूल जो इस एक्ट के अंतर्गत आते हैं उनके बारे में पता कर लें।
- अगर सरकारी स्कूल दूर हों तो आप आस पास के निजी स्कूलों में भी पता कर सकते हैं।
- स्कूल से RTE का फॉर्म ले लें।
- एक अभिभावक एक ही स्कूल में RTE का फॉर्म भर सकता है।
- Online फॉर्म भी भरा जा सकता है।
- और Online फॉर्म भरने पर उसका प्रिंट निकालना ना भूलें।
- उस फॉर्म को माँगे गए सभी दस्तावेज़ों के साथ विद्यालय में जमा कर दें।
RTE एक्ट के परिणाम (लॉटरी सिस्टम) :-
इसका परिणाम माता पिता के सामने ही लॉटरी सिस्टम के ज़रिये से निकाला जाता है। फिर तय की गई तारीक को एडमिशन का कार्य शुरू किया जाता है। इस एक्ट का उदेश्य सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करवाना है चाहे वे गरीब हो या पिछड़ी जाती के हों चाहे आर्थिक रूप से कमज़ोर हों।