पीजीडीएम कोर्स क्या होता है और इसे कैसे करे? पूरी जानकारी

भारतवर्ष और भारत के युवा तेज़ी से शैक्षिक क्षेत्र में अग्रसर हो रहे है। आजकल हर युवा के पास स्नातकोत्तर तक की डिग्री ज़रूर मिलेगी इनमें सबसे ज़्यादा किया जाने वाला कोर्स है मास्टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, यह मैनेजमेंट का कोर्स है। मार्केटिंग का क्षेत्र आजकल बहुत चर्चे में है क्योंकि इसमें नौकरी के साथ साथ लाभ की भी संभावना ज़्यादा है।

पीजीडीएम कोर्स क्या होता है? (PGDM Course Kya Hota Hai)

आजकल एक नया कोर्स मैनेजमेंट पे ही बहुत विख्यात हुआ है , वह है ‘पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन मैनेजमेंट ‘ यानी पीजीडीएम। यह भी एक प्रकार का प्रोफेशनल मैनेजमेंट कोर्स है, जिसमे बच्चों की रुचि देखी गयी है।

यह दोनों ही कोर्स कॉमर्स के पृष्ठभूमि से संबंधित है, यानी बारहवीं तक कॉमर्स पढ़ने वाले छात्र इस कोर्स को ज़्यादा बेहतर समझ पाएंगे। पीजीडीएम में बिज़नेस और कॉरपोरेट क्षेत्रों की पढ़ाई होती है। यह लगभग दो साल का कोर्स होता है। पीजीडीएम कोर्स करने के लिए सर्वप्रथ्म माध्यमिक और उच्च-माध्यमिक की परीक्षा में अच्छे परिणाम से पास होकर किसी अच्छे कॉलेज में ग्रेजुएशन करना चाहिए। हालाँकि ग्रेजुएशन में कॉमर्स लेने वाले छात्रों के लिए इसमे ज़्यादा स्कोप है, पर दूसरे क्षेत्र के बच्चे भी इसे बारवीं के बाद लेकर पढ़ सकते है।

ग्रेजुएशन खत्म होने पर छात्रों को सरकार द्वारा बनाई हुई कुछ एंट्रेंस परीक्षा देनी पड़ती है जैसे कैट, मैट, ज़ैट इत्यादि। इन परीक्षाओं को पार कर के ही किसी अच्छे इंस्टिट्यूट या कॉलेज में पीजीडीएम कोर्स में एडमिशन मिल सकता है। ज़्यादा अच्छे और विख्यात कॉलेज जैसे आई.आई.एम में एंट्रेंस के परीक्षा के स्कोर के साथ साथ इंटरव्यू भी होता है। क्योंकि यह मैनेजमेंट का नामी इंस्टिट्यूट है इसलिए यहाँ से पीजीडीएम करने पर हमें कही भी आसानी से नौकरी मिल सकती है।

पीजीडीएम के कोर्स में एडमिशन के लिए हर कॉलेज के अपने अलग नियम होते है। पीजीडीएम में एडमिशन के लिए आपको ग्रेजुएशन में कम से कम ५० प्रतिशत अंको से पास होना अति आवश्यक है। पीजीडीएम कोर्स कई अलग अलग क्षेत्रों में किया जा सकता है जैसे फाइनैंस,  एकाउंट्स, मार्केटिंग,ह्यूमन रिसोर्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इत्यादि। हर क्षेत्र में अलग -अलग फील्ड की जॉब मिलने की संभावना है।

एमबीए और पीजीडीएम लगभग सामान्य है किंतु एमबीए की तरह पीजीडीएम कोई स्नातकोत्तर कोर्स नही है बल्कि यह एक डिप्लोमा कोर्स है। क्योंकि एमबीए एक स्नातकोत्तर कोर्स है, यह सिर्फ कुछ कॉलेज में ही कराया जाता है जो विख्यात यूनिवर्सिटी का हिस्सा है। इसके विपरीत पीजीडीएम एक डिप्लोमा कोर्स है जो ऑटोनोमस कॉलेजों द्वारा भी कराया जा सकता है। यह ऑटोनोमस इंस्टिट्यूट एमबीए जैसा डिग्री कोर्स नहीं करवा सकते। जहाँ पीजीडीएम का कोर्स भारत में ए.आई.सी.टी.ई यानी ‘ ऑल इंडिया कॉउन्सिल टेक्निकल एडुकेशन’ के द्वारा करवाया जाता है वहीं एमबीए का कोर्स यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा करवाया जाता है।

पीजीडीएम की पढ़ाई के बाद हमे कई अलग अलग फील्ड में जॉब मिल सकती है जैसे ट्रेनर मैनेजर, एच. आर.मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर, ब्रांड मैनेजर इत्यादि। पीजीडीएम कॉलेजों की फीस भले ही ज़्यादा हो किन्तु इसमें भविष्य में कमाई के भी कई ज़रिये है, और फिर जो बच्चें पढ़ाई में अच्छे और आर्थिक स्तिथि से कमज़ोर है उनके लिये स्कोलरशिप की भी व्यवस्था कॉलेजों में कई गई है। क्योंकि पीजीडीएम का कोर्स ऑटोनोमस इंस्टीट्यूट करवाते है,

इसलिये इसमे समय समय पे मार्केटिंग में आये बदलावों को क्षात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है, जिससे वे आधुनिक बदलावों से परिचित रहे।  पीजीडीएम का कोर्स करने से आपको आगे के जीवन में या अपने व्यपार के क्षेत्र में एक बेहतर नेतृत्व मिलता है, जिसे आप अपने साथ काम कर रहे लोगों को भी संभाल सकते है। एक तरह से हम कह सकते है यह कोर्स आपके अंदर छिपे हुए नेता को बाहर निकलता है। यह कोर्स आपको एक मौका देता है की आप दुनिया के सामने एक उत्तम मैनेजर और श्रेष्ठ विश्लेषक बन सके। इतना ही नही पीजीडीएम का कोर्स आपको बहु कार्यण बनाता है जो बड़े बड़े लोग भी नहीं कर सकते क्योंकि इसके लिये उनके पास सही विद्या नहीं होती जो पीजीडीएम करने से आपके पास होगी।

क्योंकि यह एक प्रोफेशनल कोर्स है इसलिये यह आपको अपने पसन्द के क्षेत्र में आगे बढ़ने की तैयारी कराता है जिससे आपके अंदर चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत और जज़्बा आए।इन सबका निष्कर्ष यही निकलता है की पीजीडीएम कोर्स करने में कोई हानि नही है, इसमे किसी भी छात्र की सफलता उसके शैक्षिक क्षमता और उसका इंस्टिट्यूट जिसमे उसने पीजीडीएम कोर्स के लिये एडमिशन लिया है, वह कितना विख्यात है उसपे निर्भर करती है।