एनजीओ का पूरा नाम क्या है? और इसका अर्थ क्या है पूरी जानकारी

एनजीओ का पूरा नाम ‘गैर सरकारी संगठन ॑ है  और गैर सरकारी संगठन का अर्थ है -: “बिना किसी लाभ के व्यवसाय और बिना किसी सरकार के.हिस्से से है”

NGO Kya Hai?

एनजीओ को हमारे देश के वो लोग चलाते हैं  जिनके अपने कारखाने या किसी भी तरह के बिजनस चलते हैं  वो अपना टैक्स सरकार को भरने की जगह एनजीओ को चलाने में सहायता करते हैऔर एनजीओ का मुख्य कार्य होता  है -: गरीब अनाथ बच्चों को पढ़ाना, विधवा महिलाओं के लिए आवास, ज़रूरत मंद गरीब लोगों को कपड़ा, रोटी और किसी  भी ज़रूरत को पूरा करना  है

फंड की एनजीओ को क्या जरूरत होती है , और कैसे मिलता है फंड?

अगर एनजीओ के पास फंड होगा तो एनजीओ सामाज   सेवा अच्छे से करेगा और तभी वह जरूरत मंद लोगों की  अच्छे से  सहायता  कर  पाएगा .

अब जानते है कैसे मिलेगा फंड !

फंड पांच तरह से एनजीओ को मिलता है-:

  • सदस्यतॎ  फंड
  • सरवजनिक फंड
  • सरकारी फंड
  • कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड
  • विदेशी फंड

क्या होता है सदस्यता फंड!

सदस्यता के योगदान का अर्थ है -:  जो  सदस्य एनजीओ को चला रहे हैं जब वहसभी अपनी तरफ से कुछ पैसा इकट्ठा कर के एनजीओ के काम में लगाते हैं, तो वह सदस्यता का योगदान होता है, जिसे हम सदस्यता फंड बोल देते हैं

सरवजनिक  फंड

जब एनजीओ कोई भी सामाजिक काम करता है जैसे-: औरतों के लिए, गरीब परिवार के बच्चों के लिए. जब यह बात जनता को पता लगती है और वह आपके काम से खुश होकर अपनी तरफ से पैसा इकठ्ठा कर के दान के रूप में देती है , तो उसे सरवजनिक फंड है, लेकिन जब तक एनजीओ की वैबसाइट पर जो सामाजिक काम आप कर रहे हो उसकी जानकारी और ईमेल, नंबर नहीं डाला जाता तब तक लोग आपके काम से वाकिफ नहीं होंगे तब तक फंड नहीं मिल पाता

सरकारी  फंड

सरकारी फंड दो तरह से मिल सकता है-:

  1. केन्द्रीय सरकार
  2. राज्य सरकार

लेकिन यह फंड लेने के लिए सरकारी पोरटल के एनजीओ दरपन पर अपने एनजीओ का पंजीकरण करवाना पडता है, अगर आप पंजीकरण करवा लेतें हैं तो आप ऐसी मिनिस्ट्री से जुड जाते हैं, जो फंड देने के लिए एक्टिंव है.. और जब सरकार प्रस्ताव निकालती है अगर आप उनके दिशा निर्दशों पर चलतें  है तो आप फंड लेने के योग्य है

कारपोरेट  सोशल  रिस्पांसिबिलिटी

कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को कम शब्दों में ‘सी एस आर’ फंड कहा जाता  है , जब किसी तरह के  प्रोडक्ट की फैक्ट्री लगाई जाती है,  तो उस से जो प्रदूषण और अपशिष्ट पदार्थ् निकलते हैं , इसका बुरा प्रभाव हमारे समाज  पर पडता है और इस नुक्सान का भुगतान करने के लिए फैक्ट्री की कमाई से दो प्रतिशत समाज के हित में लगाना होता है, जब यह दो प्रतिशत एनजीओ के लिए दान दिया जाता है तो इसे कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी  फंड कहा जात है

विदेशी फंड

विदेशी फंड लेने के लिए एक्सप्रेशन आफ इनटरसट भेजना पड़ता आपको संगठन प्रोफाइल और एक अर्जी  लगाना होता है ,अर्जी  में  संस्था का नाम , किस स्टेट को रजिस्टरड की गई है और किस तरह की सोशल एक्टिविटी कर रहीं है इस के बाद उनकी तरफ से हमें एक फाम्रेट आता है जिसे उनहे यह जानकारी चाहिए के आपका एनजीओ इस क्षेत्र में कार्य करने की क्षमता रहता है या नहीं.यह सब होने के बाद वह अपने सदस्य मंडल से मिटिंग करतें हैं और फैसला करते हैं के आप का एनजीओ फंड लेने के योग्य हैं या नहीं , अगर आप फंड के योग्य हो तो आप को फंड मिल जाता है, इस तरह के फंड को विदेशी फंड कहा जाता हैं

एनजीओ के प्रकार

  • गैर-निगमित और स्वैच्छिक संघ
  • संगठन, उदारता और प्रतिष्ठान
  • संगठन, केवल लाभ के लिए नहीं
  • विशेष गैर सरकारी संगठन या गैर लाभ कानुनों  के तहत पंजीकृत संस्थाएँ

एनजीओ के उद्देश्य

  1. लोगों की मदद
  2. गरीब बच्चों को शिक्षा देना
  3. विधवा महिलाओं की मदद करना
  4. वृद्धि लोगों की मदद करना और उनकी सेवा करना

(इस तरह से एनजीओ को चलाया जाता है, और जो  दस्तावेजों की एनजीओ खोलने के लिए जरूरत होती है  दस्तावेज कार्य क्षेत्र के अनुसार लगाए जाते हैं