नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस

पूरे विश्व की बढ़ती आबादी और आबदियों के साथ बढ़ता अपराध चिंता का विषय बन चुका है, एक तरफ जहां हर देश तरक्की करना चाहता है वही हर एक देश कई तरह की परेशानियों से जूझ रहा है जो कि अब किसी एक देश की परेशानी नहीं, बल्कि वह परेशानी विश्वस्तरीय पर जा पहुंचती है और पूरा विश्व इस परेशानी से बाहर आने के लिए कोई ना कोई उपाय जरूर निकालता है ।

लेकिन वह उपाय कितना कारीगर है वह तभी पता चलता है जब इसके खिलाफ जागरूकता फैलाया जाए और लोगों से गलत रास्ते पर चलना और गैर कानूनी काम करने से मना किया जाए । भारत की 60% प्रतिशत आबादी युवा वर्ग की है लेकिन पूरे विश्व में युवा वर्ग विभिन्न भागों के साथ कई प्रतिशत में बटा हुआ है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस – International Day Against Drug Abuse in Hindi

जिस देश के पास ज्यादा युवा वर्ग होता है वह उनके लिए यह गौरव की बात होती है क्योंकि युवा हमारे देश का भविष्य निर्धारित करते हैं, लेकिन अगर वही युवा देश के भविष्य को बनाने की जगह किसी गलत रास्ते पर चलने लगे तो वह किसी परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन जाता है ।

पूरे विश्व में शराब का इस्तेमाल होता है और यह आज से नहीं बल्कि सदियों से होता आया है, लेकिन इन दिनों शराब की जगह हमारे युवा वर्ग ने नशीले पदार्थों का उपयोग करना शुरू कर दिया है जिसके कारण एक नहीं दो नहीं बल्कि हजारों मुसीबत से पूरा विश्व जूझ रहा है ।

अगर किसी को किसी चीज की लत लग जाए तो वह बेहद खराब होती है चाहे वह लट मिठाई खाने की हो, चॉकलेट खाने की या फिर शराब पीने की लत हमेशा गलत होती है, लेकिन अगर वह लत  नशीले पदार्थ का हो तो आप सोच सकते हैं कि वह कितनी घातक होगा। जब कोई व्यक्ति नशा करता है तो वह इंसान नशे में क्या करता है वह उसे पता नहीं होता लेकिन उस इंसान से जुड़ा हुआ उसका तमाम परिवार उस नशे के कारण जो झेलता है जिन दुखो का सामना करता है वह असहनीय हो जाता है ।

नशीले पदार्थ का सेवन घर घर के लिए मुसीबत बन गया है, किसी भी प्रकार का सेवन घर घर को दीमक की तरह खा जाता है , और ठीक उसी तरह नशीला पदार्थ के सेवन से जो व्यक्ति सेवन करता है उस उसको भविष्य में विभिन्न प्रकार का तकलीफ होता है और ठीक उसी तरह उस इंसान से जुड़ा उसका तमाम परिवार भी उन सभी तकलीफों का भागी बन जाता है ।

नशीले पदार्थ के सेवन को रोकने के लिए सरकार ने पूरे विश्व में कई तरह के कानून को पारित किया है लेकिन फिर भी गैरकानूनी तरीके से इसकी तस्करी पूरे विश्व में हो रही है और उसका शिकार अधिकतर युवा वर्ग के लोग होते हैं ।

गौर करने की बात यह है कि, जब से सरकार ने कई राज्य में शराब का प्रयोग निषेध कर दिया है उसके बाद से नशीले पदार्थ का मांग बेहद बढ़ चुका है और जिन प्रदेश में शराब कानूनी तौर पर बिक रहा है वहां भी अब नशीला पदार्थ ज्यादा बेचा जा रहा है कारण है शराब और नशीले पदार्थ के दाम का अंतर ।

नशीले पदार्थों का उपयोग एक सामाजिक समस्या बन गया है और इस समस्या से जितना जल्दी छुटकारा मिले उतना ही पूरे समाज पूरे विश्व के लिए अच्छा होगा, धीरे-धीर नशीले पदार्थ के सेवन में हर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं जो कि हमारे समाज और हर देश के लिए बेहद घातक हैं, देश के नागरिक को अपनी जिम्मेदारी अपने परिवार और अपने देश के प्रति समझते हुए ऐसे गैर कानूनी काम से दूर रहना चाहिए लेकिन मानव धीरे-धीर नशीले पदार्थों के चंगुल में फंसता जा रहा है ।

जो व्यक्ति ड्रग्स का उपयोग करते हैं वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानी से जूझते हैं, जैसे कम भूख लगना, कब्ज की शिकायत, कम नींद आना, हमेशा चिड़चिड़ापन महसूस करना इन सब के कारण व्यक्ति के काम को भी बेहद नुकसान पहुंचता है और शारीरिक, मानसिक और कामकाज हर क्षेत्र में नुकसान होना तय है ।

ड्रग्स की अवैध तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है, लेकिन अपराध होने के बावजूद यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार बन चुका है जिसमें मूलभूत कानूनों के अनुसार निषिद्ध पदार्थ, उत्पादन, खेती, प्रसार और बिक्री शामिल है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार का यह अवैध व्यापर लगभग 1% होने का अनुमान है, उत्तरी व्यापार मार्ग और बाल्कन क्षेत्र मुख्य ड्रग ट्रैफिकिंग क्षेत्र हैं जो पूर्वी और पश्चिमी महाद्वीपों में अन्य अंतरराष्ट्रीय दवा बाजारों के बड़े बाजार में अफगानिस्तान को लिंक करते हैं ।

जब यह मुसीबत किसी देश की समस्या नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या बन गई तो इसको रोकने के लिए सरकार में संयुक्त राष्ट्र के तहत बड़ा कदम उठाया, जिसके तहत 7 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रस्ताव 42/112 के तहत नशीले पदार्थों के विरोध में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की गई ।  संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और क्राइम कार्यालय (यूएनओडीसी) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो अवैध मादक पदार्थों के दुरुपयोग और उसके उत्पादन के खिलाफ लड़ रहा है जिसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध माना जाता है ।

वर्ष 1997 में इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र ड्रग कंट्रोल कार्यक्रम के साथ अंतर्राष्ट्रीय अपराध निवारण केंद्र में विलय करके स्थापित किया गया था और हर साल 26 जून को इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग के रूप में मनाया जाता है । इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि, बच्चे बड़े सभी वर्ग के लोगों को नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूक किया जाए और उन्हें इन पदार्थों के दुष्परिणाम के बारे में बताया जाए ताकि बच्चे बड़े हर लोग इस प्रकार के नशीले पदार्थों का उपयोग कभी ना करें और अपनी जिंदगी पर पूरा ध्यान केंद्रित करें भले ही नशा करने वाले को यह लगता है कि नशा उसे क्षति नहीं पहुंचा रहा लेकिन उसे यह अंदाजा नहीं होता है कि जिंदगी के किस किस मोड़ पर यह नशा उसे बर्बाद कर रहा है।

हमारे युवा हमारे भविष्य है लेकिन अगर वह भविष्य अंधकारमय रास्ते पर जाने लगे तो उसे रोकना उस देश के हर एक नागरिक का काम है लेकिन अगर कोई समस्या किसी एक देश मैं ना होकर पूरे विश्व में पाए जाए तो उसे रोकना पूरे विश्व का काम होता है और ठीक इसीलिए ऐसे गैर कानूनी अपराध को रोकने के लिए 26 जून को यह खास दिवस मनाया जाता है और हर साल अलग-अलग थीम के अनुसार यह दिवस मनाया जाता है,इस दौरान कई कार्यक्रम होते हैं और कई महान लोग भाषण देते हैं साथ ही सरकार उन लोगों को सम्मानित करती है जो लोग इस अंधकारमय में जिंदगी से बाहर निकल कर खुशी-खुशी आज अपनी जिंदगी बिता रहे हैं ।