महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध – Essay On Women Safety in Hindi

आज हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा प्राप्त है। और समाज में आदर और सम्मान भी दिया जा रहा है। इन सब के बावजूद भी जब महिलाओं की सुरक्षा की बात आती है तो हमारा सर शर्म से झुक जाता है। ऐसा इसलिए है की तमाम कानूनी प्रावधानों के चलते हुए भी हमारे समाज में महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।

महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध – Long and Short Essay On Women Safety in Hindi

21वीं शताब्दी में हमारे समाज में किसी भी रूप में महिला सुरक्षित नहीं है। चाहे वह 8 महीने की बच्ची ही क्यों ना हो। हमारे देश के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है। जहां महिलाओं को देवी के रूप में पूजते हैं वही हमारे समाज में 8 महीने की बच्ची सुरक्षित नहीं है। आए दिन जब हम अखबार देखते हैं तो हमें बलात्कार, शोषण और महिलाओं पर हो रहे अपराध के बारे में पढ़ने को मिलता है। समाज में नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जाती है।

चाहे घर हो, ऑफिस हो, कार्यालय, बैंकों, पार्क हो या हॉस्पिटल ही क्यों ना हो कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं महसूस कर रही हैं। राह चलते महिलाओं को परेशान किया जाता है। घर से बाहर निकलते ही लड़कियों और महिलाओं के अंदर एक भय बना रहता है एक जी कहीं उनके साथ कुछ बुरा व्यवहार ना हो जाए। देश में हर 20 मिनट में महिलाओं का बलात्कार होता है।

महिलाएं असुरक्षित क्यों महसूस कर रही हैं

आए दिन महिलाओं पर हो रहे अपराधों और बलात्कारों को देखते हुए महिलाओं द्वारा खुद को  असुरक्षित महसूस करना लाजमी है। स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों को असुरक्षा का भय बना रहता है। हमारे समाज में राह चलती लड़की पर तेजाब फेंक दिया जाता है और उसका चेहरा बिगाड़ दिया जाता है। या केवल एक या दो लड़कियों के साथ नहीं ना जाने कितनी लड़कियों के साथ इस तरह की घटनाएं होती है। हर 20 मिनट में एक महिला का बलात्कार होता है।

बलात्कार की वह  घटना जिसने पूरे देश को झकझोर के रख दिया और उस घटना का भय इस कदर लड़कियों और औरतों के दिमाग में बैठा हुआ है कि आज भी उस घटना के बारे में सोच कर उनका रूह कांप जाता है। यह घटना है निर्भया बलात्कार केस की। जिसके भय से शायद यह देश कभी उबर नहीं पाएगा। इस बात से तो और आश्चर्य होता है कि पैसे की लालच में मां-बाप खुद अपने बच्ची से जबरदस्ती वैश्यावृत्ति करवाते हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि अपने भी घर में लड़कियां सुरक्षित नहीं है। दहेज प्रथा,   अपहरण, तेजाब फेंकना, यौन शोषण, भ्रूण हत्या और मानसिक उत्पीड़न यह सारी चीजें महिलाओं को असुरक्षित महसूस कराने के लिए विवश कर रही हैं।

महिला सुरक्षा के लिए बने कानून

महिला सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा कई सारे कानून बनाए गए हैं। 1929, में चाइल्ड मैरिज एक्ट , 1954 में स्पेशल मैरिज एक्ट, 1955 में हिंदू मैरिज एक्ट, 1986 में मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन एक्ट, 1990 में नेशनल कमीशन ऑफ वूमेन एक्ट, 2013 में सेक्सुअल हरासमेंट आफ वुमन एक्ट। इसके अतिरिक्त 22 दिसंबर 2015 को जुवेनाइल जस्टिस बिल में राज्य सभा द्वारा बदलाव किया गया। इस बिल के तहत कहा गया कि 16 से 18 साल के बच्चे का अगर किसी जघन्य अपराध में भागीदारी पाया गया तो उसके लिए भी कठोर दंड का प्रावधान किया जाए।

महिला सुरक्षा के लिए सुझाव

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों से बहुत पीछे हैं। इन इलाकों में महिला साक्षरता दर बहुत ही कम है। महिला साक्षरता की दर कम होने का कारण है ग्रामीण इलाकों में विद्यालयों की कमी। सबसे बड़ी बात यह है कि गांव के लोग यह सोचते हैं लड़कियां पढ़ कर क्या करेंगे उन्हें तो घर के काम है ही संभालना है। लोगों की ऐसी मानसिकता महिलाओं को दबाने का काम करती है।

महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए उनका शिक्षित होना बहुत जरूरी है। विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा लड़कियों को अपने सुरक्षा के लिए लड़ना सिखाया जाना चाहिए। ताकि वह अपनी रक्षा खुद कर सके।

निष्कर्ष

महिलाओं की सुरक्षा करना पुरुषों का कर्तव्य होता है। महिलाओं की  सुरक्षा के लिए बने कानून का पालन करना चाहिए। लोगों की ऐसी मानसिकता कि महिलाओं द्वारा छोटे कपड़े पहनने पर उनका बलात्कार होता है। ऐसा बोलने और सोचने वाले लोगों की मानसिकता को बदलना चाहिए। आज हमारे देश की बहू बेटियां अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं है कितनी शर्मनाक बात है यह हमारे लिए। इस बात पर हमें अवश्य विचार करना चाहिए।

बहू बेटियां सबके घर में होती हैं इसीलिए हमें दूसरों की बहू बेटियों को भी अपनी ही बहू बेटियों के जैसा आदर और सम्मान देना चाहिए। और अपने घर की लड़कियों को दबाना नहीं बल्कि इतना काबिल बनाना चाहिए कि वह अपनी सुरक्षा के लिए लड़ सके। आज हमारे समाज में लड़कियों को नहीं बल्कि अपने लड़कों को यह समझाना चाहिए की बहू बेटियों की इज्जत करें। महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

डर के जीने से कुछ नहीं होगा बल्कि हमें लड़ना सीखना चाहिए। लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास करना चाहिए। बलात्कार होने पर लड़की के कपड़ों से उसके चरित्र को जज करने वाले लोगों को यह सोचना चाहिए कि उनके भी घर में बहू बेटियां हैं। ऐसी मानसिकता हमारे देश को नीचा दिखाने का काम करती है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। ताकि हमारे देश में महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस करें।