सुगम्य भारत अभियान पर निबंध – Essay On Sugamya Bharat Abhiyan in Hindi

आज हमारा भारत तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था में विश्व स्तर पर आगे बढ़ता जा रहा है। बात चाहे खेत खलियान में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक तकनीकी की हो, चाहे बड़े-बड़े उद्योग धंधों की हो, चाहे बात बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की हो हर तरह के क्षेत्र में तकनीकी स्तर पर आगे बढ़ते हुए भारत को पूरा देश मुक्त मगन होकर देख रहा है।

सुगम्य भारत अभियान पर निबंध – Long and Short Essay On Sugamya Bharat Abhiyan in Hindi

ऐसे में जब हम अपने आसपास कई तरह के दिव्यांगों को देखते हैं। तो बहुत ही दुख होता है। दिव्यांगता जन्मजात भी हो सकती है या किसी दुर्घटना की देन नहीं हो सकती है। कारण चाहे जो भी हो दिव्यांगता या विकलांग लोगों को लेकर समाज की सोच बहुत ही संक्रीण और पिछड़ी हुई है। उन्हें दूसरों पर आश्रित रहने वाला समझा जाता है।

जबकि सच तो यह है कि दिव्यांग भी एक सामान्य जीवन का आनंद उठा सकते हैं। वह भी किसी भी कार्य को पूरी कुशलता और दक्षता के साथ कर सकते हैं। दिव्यांगों के लिए एक ऐसा भौतिक और सामाजिक परिवेश उपलब्ध कराएं जिसमें उनकी बहुत आसान हो, सहज और सरल हो। और किसी भी तरह की शारीरिक कमी या बाधा राह ना रोक पाए।

यानी हमें अपने दिव्यांग भाई-बहनों के लिए एक नया भारत यानि सुगम में भारत का निर्माण करना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखकर “सुगम्य भारत अभियान” चलाया गया।

सुगम्य भारत अभियान का उद्देश्य

दिव्यांग जनों के प्रगति और विकास के लिए सामान्य अवसर उपलब्ध कराने और उन अवसरों तक उनकी पहुंच आसान बनाने के लिए ” 3 दिसंबर 2015″ को “सुगम में भारत अभियान “की शुरुआत की गई। सुगम्य भारत अभियान को सुगम में भारत सशक्त भारत के नारे से शुरू किया गया।

अभियान का एकमात्र उद्देश्य दिव्यांगों को ना केवल सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और शारीरिक सशक्तिकरण है बल्कि उन्हें सामान्य अवसर उपलब्ध कराना भी है।

प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से आवाहन किया कि हम विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल करें। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांग जनों के लिए सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की। सुगम में भारत अभियान के दिन आयात है-

  • निर्मित वातावरण सुगम्यता।
  • परिवहन प्रणाली सुगम्यता।
  • सूचना और संचार इको प्रणाली सुगम्यता।

इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण अधिनियम लागू किया गया जिसका नाम दिव्यांगजन व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 रखा गया। इस अधिनियम के तहत दिव्यांगों के श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों, परिवहन के साधनों, अस्पतालों, सूचना तथा प्रौद्योगिकी के माध्यमों को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनवाने का प्रयास किया गया।

इसका मुख्य उद्देश्य देश के सभी दिव्यांगों को स्वावलंबी बनाना है। ताकि वह सम्मान और गरिमा के साथ आगे बढ़ सके और जीवन यापन कर सकें।

निष्कर्ष

सुगम्य भारत अभियान को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। हमें दिव्यांगों को भी वही मान सम्मान देना चाहिए जो एक सामान्य व्यक्ति को मिलता है। भारत के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम अपने सरकार के किसी अच्छे कार्य को सफल बनाएं। सुगम भारत अभियान से दिव्यांगों को बहुत ही मदद मिली है। भारत में आज भी दिव्यांग पिछड़े हुए हैं।

क्योंकि हमारे समाज में दिव्यांगों को शारीरिक रूप से कमजोर समझकर निराश किया जाता है। दिव्यांगों का मजाक बनाया जाता है। जबकि किसी भी समान व्यक्ति द्वारा किसी दिव्यांग का उपहास नहीं होना चाहिए।

सुगम्य भारत अभियान द्वारा जिस तरह से विकलांगों की पहुंच आसान बनाई गई है इससे हमारे देश का गौरव बढ़ता है। सुगम्य भारत अभियान विकलांगों को आगे बढ़ने का वह हर एक अवसर प्रदान किया है जो उनके जीवन यापन के लिए जरूरी है और साथ ही साथ उनकी गरिमा को भी आगे बढ़ाया है। सुगम्य भारत अभियान विकलांगता से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी।