ओणम पर निबंध – Essay On Onam in Hindi

त्योहारों का मुख्य मुद्देष्य तो होता ही है हसी और हर्ष उल्लाश। समग्र विश्व में चाहे कोई भी त्योहार क्यों न हो बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और विशेषकर भारत में क्योंकि यहां विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं के लोग रहते है। भारत बहुभाषाभाषी देश है यहां हर जाति और संप्रदाय के लोग रहते है। इन सभी लोगो की अपनी-अपनी मान्यताएं है,अपने-अपने लोकप्रिय संगीत व नृत्य है उसी प्रकार इन सबका अपना एक प्रमुख त्योहार भी होता है। ओणम केरल का सबसे लोकप्रिय त्योहार है।

ओणम पर निबंध – Long and Short Essay On Onam in Hindi

यह केरल राज्य का राष्ट्रीय त्योहार है और इसे बड़ी उत्सुकता के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से अगस्त और सितंबर के महीने में मनाया जाता है क्योंकि केरल की राज्य भाषा मलयालम है और मलयालम पंचांग के अनुसार अगस्त और सिंतबर का महीना उनका साल का पहला महीना होता है जिसे चिंगम कहा जाता है।

नाम शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के श्रवणम शब्द से हुई है जिसका अर्थ है नक्षत्र। दक्षिण भारत में भगवान विष्णु के नक्षत्र को थिरुवोनम कहा जाता है,इससे संबंधित एक पौराणिक कथा है कि इन्होंने अपने पैर से राजा महाबली को पाताल में दबाया था। ओणम त्योहार मुख्य रूप से राजा महाबली से संबंधित है,वे बड़े सकारात्मक विचारों वाले व्यक्ति थे,सदैव ही दान दक्षिणा करते थे और प्रजाजन की सदैव सहायता भी करते थे। वे सबसे न्यायप्रिय राजा थे।

वे जो वचन देते थे हमेशा अपने प्राणों को भी संकट में डालकर उस वचन को पूरा करते थे और इसी कारण अपने वचनों के पालन हेतु उन्होंने अपना सब कुछ त्याग दिया। इस प्रकार ओणम का त्योहार राजा महाबली को सम्मानित व याद करने के लिए ही मनाया जाता है। यदि हमे कभी केरल जाना है तो हमे ओणम के समय ही जाना चाहिए इससे हमें बहुत कुछ जानने को भी मिलेगा और साथ ही वहां की संस्कृति का भी ज्ञान होगा।

यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है और इससे कई सारी चीज़ें व अनुष्ठान जुड़े हुए है जो कि जानने योग्य है। ओणम का त्योहार मुख्य रूप से आठ दिन का होता है। इसके कुछ प्रमुख आकर्षण है जो देखने योग्य है-

इसका प्रथम आकर्षण है पुक्कलम जिसका अर्थ है अपने घर के बाहर डिज़ाइन बनाना और ये डिज़ाइन विशेषकर पुष्पों से बनाये जाते है। इसमे पुष्पमाला बनाने की प्रतियोगिताएं भी होती है और हर एक दिन के साथ इन मालाओं में पुष्पों को जोड़ा जाता है।

ओनसद्य ओणम का दूसरा आकर्षण है इसमे तरह-तरह के भोजन बनाये जाते है। इन भोजनों को केले के पत्ते में परोसा जाता है और इसमे सबजियाँ पाँच प्रकार की होती है। इन सब्जियों की संख्या हर घर में अलग-अलग होती है और पूर्ण भोजन में कुल ग्यारह या बारह व्यंजन बनते है। ओनसद्द में भोजनालयों में भी ३० से अधिक व्यंजन बनते है।

ओंकलिकाल ओणम का तीसरा आकर्षण है। यह प्रतियोगिताओं और खेल से संबंधित है। इस दिन स्त्रियां तरह-तरह के लोकगीत और लोकनृत्य प्रस्तुत करती है और पुरुष विभिन्न प्रकार के खेलों में भाग लेते है। तलपंथुकली इस अवसर पर खेला जाने वाला खेल है यह गेंद से संबंधित है साथ ही तीरंदाजी और बैल की सींग से भी क्रीड़ा करने की प्रतियोगिता भी की जाती है।

इसके बाद आता है वलंमकली बोट रेस या स्नेक बोट रेस जिसे हम तैराकी प्रतियोगिता भी कहते है। इसमे लगभग १०० लोग भाग लेते है और एक दूसरे से होड़ लगाते है। इस प्रतियोगिता में सभी नावों को बहुत सुंदरता से सजाया जाता है और इस खेल को देखने के लिए हजारों की संख्या मे लोग एकत्र होते है।

इसके पश्चात होता है हाथी जुलूस जिसमे बड़े-बड़े हाथियों को कई तरह के जेवरातों से सजाया जाता है जिसमे सोने,चांदी सभी शामिल होते है और साथ ही फूलों की माला भी पहनाई जाती है। हाथी चालक द्वारा हाथी से तरह के कार्य कराए जाते है जैसे वह नृत्य करता है और इशारे भी करता है।

यह सब कार्यक्रम काफी आकर्षक और मंरोजक होते है। लोगों को बहुत आनंद का अनुभव होता है और सबका मन प्रसन्न रहता है। ओणम के अवसर पर महिलाओ द्वारा लोक नृत्य किया जाता है। इन नृत्यों में वे राजा महाबली के यश का गुणगान करती है । इस नृत्य में एक ताली नृत्य भी शामिल होता है जिसे केरल मेंकैकोटटीकली कहा जाता है।

सभी महिलाएं एकत्र होकर नृत्य करती है इसे थुम्बी थुलाल कहा जाता है। ओणम केरल का राष्ट्रीय त्योहार है और वहाँ की लोगो की एकता को दर्शाता है क्योंकि इस समय सभी लोग अपनी दुश्मनी और वैर को भुलाकर एक हो जाते है और खुशी से इस त्योहार को मानते है। यह हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतिनिधि है। केरल का यह त्योहार निश्चित रूप से ही देखने योग्य है।