प्रकृति संरक्षण पर निबंध – Essay On Nature Protection in Hindi

प्रकृति संरक्षण का मतलब प्रकृति की हर वह वस्तु चाहे वह पानी, पेड़, जीव ,जंतु  जो कुछ भी हो उनकी रक्षा करना  कहलाता है। प्रकृति संरक्षण अब हमारे जीवन का मूल मंत्र बन चुका है प्रकृति संरक्षण हमारे लिए उतना ही जरूरी है जितना कि इस पृथ्वी पर आग, पानी, मिट्टी और हवा का होना है।

प्रकृति संरक्षण पर निबंध – Long and Short Essay On Nature Protection in Hindi

आधुनिक समय में मनुष्य प्रकृति संरक्षण को पीछे छोड़ता चला आ रहा है और प्राकृतिक संसाधनों का नकारात्मक तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। जिससे हमारे वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ते जा रहे हैं प्राकृतिक संरक्षण हमारे लिए हमारे आने वाले भविष्य के लिए बेहतर होगा क्योंकि हम अपने आने वाले पीढ़ी को कुछ बची हुई प्राकृतिक चीजें दिखा पाएंगे।

आधुनिकरण के चक्कर में मनुष्य उस चंगुल में फंस गया है जहां पर सिर्फ उसे लाभ दिखाई देता है। मनुष्य वहां कार्य बिल्कुल नहीं करना चाहता जहां पर उसकी हानि ।

जल प्रकृति का दिया हुआ एक उपहार है जिससे आज सभी जीव जंतु जीवित है ।अगर जल नहीं होता तो इस प्रकृति मैं जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता। हमें पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि अब हमारे पर्यावरण में शुद्ध जल की कमी होने लगी है। क्योंकि शुद्ध जल का हमने इतने नकारात्मक ढंग से इस्तेमाल किया है की अब शुद्ध जल की कीमत हमें समझ में आ रही है।

आज बहुत सारे शहर ऐसे हैं जहां पर लोग पानी के लिए दिन रात तड़पते हैं वह पानी के लिए बहुत दूर-दूर तक चलते हैं वह दिन और रात पानी की सप्लाई के लिए जाते हैं आज हमें जल का मूल्य नहीं समझ में आ रहा है परंतु कल जब यही अंतिम कागार पर होगा तब हमें इसका मूल्य चुकाना ।

हमें चाहिए कि हम कम से कम जल का इस्तेमाल करें ताकि वह हमारे लिए और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बचा रहे। हमें जल को कभी भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए जैसे अगर हम टूथब्रश कर रहे हो तो टाइप बंद कर दें हम उतने ही पानी को गिराया जितनी कि हमें आवश्यक हो अनावश्यक नल को खोल कर बाहर ना जाए क्योंकि पानी का एक कतरा भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

वृक्षारोपण करना

प्रकृति संरक्षण के लिए वृक्षारोपण बहुत जरूरी है । हमें उतने ही आप उससे ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए जितने पेड़ रोज कटकर हमारे वातावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। पेड़ हमारे लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि वह हमें बहुत सारी चीजें जैसे दवाई जलाने के लिए पत्तियां और भी बहुत सारी आवश्यक चीजें देता है.

पेड़ हवा को शुद्ध करके हमारे वातावरण को भी खुद बनाता है ताकि हम खुली हवा में सांस ले सके हमने प्रयोग शहरों में देखा होगा जहां पर पेड़ नहीं होते वहां पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ जाती है अतः पेड़ हमारे प्रकृति के लिए उतने ही जरूरी हैं जिसने हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। इसीलिए हमारा पेड़ लगाना हमारे पास और हमारे पर्यावरण दोनों के लिए आवश्यक हो जाता है। हमने अपनी किताबों में पढ़ा होगा कि पेड़ हमारा मात्र एक ऐसा साथी है जो हमें सिर्फ देता है और हमसे कुछ भी नहीं लेता है।

बिजली का कम उपयोग करना

बिजली हमारे प्राकृतिक संसाधनों से ही बनाई जाती है। इसीलिए अगर हम बिजली का इस्तेमाल कम से कम करते हैं तो हम प्राकृतिक संसाधनों की बचत करेंगे जो हमारे पर्यावरण के लिए आवश्यक हो जाता है।

बिजली का इस्तेमाल आजकल भारी मात्रा में हो रहा है चाहे वह शहरी जीवन हो या ग्रामीण जीवन प्राकृतिक संसाधनों की कमी से अब कुछ ऐसे आधुनिक यंत्र आ गए हैं जो बिजली कम से कम प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं जैसे सोलर प्लेट। सोलर प्लेट बिजली स्टोर करने में मदद करता है और इसमें किसी भी संसाधन की जरूरत नहीं होती है क्या अपनी उर्जा सूरज द्वारा प्राप्त करता है ।

कागज का सीमित उपयोग करके

कागज पेड़ पर बनाए जाते हैं और कागज बनाने के लिए बहुत सारे पेड़ों को काटा जाता है। अगर हम कागज का इस्तेमाल कम से कम करते हैं और डिजिटल क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य करते हैं। तब हम प्राकृतिक संरक्षण की ओर पहला कदम रखते हैं ।

आज जितने भी कागज बनते हैं वह पेड़ों को काटकर फैक्ट्रियों में ले जाकर अलग-अलग प्रक्रियाओं को करने के बाद कागज बनाए जाते हैं जिसको हम 1 मिनट में नष्ट कर देते हैं । आज बड़े बड़े विकसित देश अपने देश के प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम इस्तेमाल कर आधुनिक संसाधन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे।

लोगों को जागरूक बनाकर

हम प्राकृतिक संरक्षण के बारे में अपने भाई-बहन रिश्तेदार से बात कर सकते हैं और हम उन्हें बता भी सकते हैं कि कैसे प्राकृतिक संसाधनों का गलत इस्तेमाल हो रहा है और कैसे और कैसे हम अपने रोजमर्रा के जीवन में प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

हमें उन्हें कुछ ऐसे आसान तरीके बता सकते हैं जिससे वाह अबे प्रकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे प्रकृति में संसाधन कि कोई कमी नहीं होगी।

निष्कर्ष

आज के युग में प्राकृतिक संसाधनों काइस्तेमाल उसकी उत्पादन से ज्यादा हो रहा है। जिसकी वजह से प्राकृतिक संसाधनों की कमी आ गई है और प्राकृतिक  संरक्षण जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। प्रकृति ने मनुष्य को बहुत सारे उपहार दिए हैं परंतु मनुष्य उनका गलत फायदा उठा रहा है जिसका प्रभाव उसे आज तो नहीं दिखेगा जिस परंतु आने वाली पीढ़ी में इसका दुष्प्रभाव पड़ने वाला है। अतः मनुष्य की यही बुद्धिमानी रहेगी कि वह प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल बुद्धिमानी के साथ करें और आने वाली पीढ़ी को भी इसका फायदा दे सके।