राष्ट्रीय एकता पर निबंध – Essay on National Integration in Hindi

इस पोस्ट में राष्ट्रीय एकता पर निबंध (Essay on National Integration in Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे। राष्ट्र एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है।

एक देश में रह रहे लोगों के बीच एकता की शक्ति के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिये ‘राष्ट्रीय एकता’ एक तरीका है। अलग संस्कृति, नस्ल, जाति और धर्म के लोगों के बीच समानता लाने के द्वारा राष्ट्रीय एकता की जरूरत के बारे में ये लोगों को जागरूक बनाता है।

उदाहरण 1. राष्ट्रीय एकता पर निबंध – Essay on National Integration in Hindi

इस देश में व्यक्तिगत स्तर के विकास को बढ़ाने के लिये भारत में राष्ट्रीय एकीकरण का बहुत महत्व है और ये इसे एक मजबूत देश बनाता है। पूरी तरह से लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाने के लिये, 19 नवंबर से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकता दिवस और राष्ट्रीय एकीकरण सप्ताह (अर्थात् कौमी एकता सप्ताह) के रुप में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का जन्म दिवस 19 नवंबर को प्रतिवर्ष एक विशेष कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है।

भारतीय एकता का आधार

भारत विश्व का एक विशाल देश है। इस विशालता के कारण इस देश में हिन्दू, मुस्लिम, जैन, ईसाई, पारसी तथा सिक्ख आदि विभिन्न धर्मों तथा जातियों एवं सम्प्रदायों के लोग रहते हैं। अकेले हिन्दू धर्म को ही ले लीजिए।

यह धर्म भारत का सबसे पुराना धर्म है जो वैदिक धर्म, सनातन धर्म, पौराणिक धर्म तथा ब्रह्म समाज आदि विभिन्न मतों सम्प्रदायों तथा जातियों में बंटा हुआ है। लगभग यही हाल दूसरे धर्मों का भी है। कहने का मतलब यह है कि भारत में विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों जातियों तथा प्रजातियों एवं भाषाओं के कारण आश्चर्यजनक विलक्षणता तथा विभिन्नता पाई जाती है।

निष्कर्ष

भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग विभिन्न धर्म, क्षेत्र, संस्कृति, परंपरा, नस्ल, जाति, रंग और पंथ के लोग एक साथ रहते हैं। इसलिये, राष्ट्रीय एकीकरण बनाने के लिये भारत में लोगों का एकीकरण जरूरी है।

एकता के द्वारा अलग-अलग धर्मों और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं, वहाँ पर कोई भी सामाजिक या विचारात्मक समस्या नहीं होगी। भारत में इसे विविधता में एकता के रुप में जाना जाता है हालाँकि ये सही नहीं है लेकिन हमें (देश के युवाओं को) इसे मुमकिन बनाना है।

उदाहरण 2. राष्ट्रीय एकता पर निबंध – Essay on National Integration in Hindi

भारत में, हर साल 19 नवंबर को एक बहुत जरूरी सामाजिक कार्यक्रम के रुप में राष्ट्रीय एकीकरण दिवस को देखा जाता है। राष्ट्रीय एकीकरण के बारे में लोगों के बीच अधिक जागरूकता फैलाने के लिये 19 से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकीकरण सप्ताह के रुप में वार्षिक तौर पर देखे जाने के लिये भारतीय सरकार द्वारा एक पूरे सप्ताह का कार्यक्रम भी लागू किया गया है।

भारत एक ऐसा देश है जो अपने विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, नस्ल, धर्मों, जाति और पंथ के जाना जाता है। लेकिन इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि यहाँ निवास कर रहे लोगों की सोच में विविधता के कारण ये अभी भी विकासशील देशों में आता है। यहाँ रह रहे लोग अपनी संस्कृति और धर्म के अनुसार अलग-अलग सोचते हैं जो व्यक्तिगत और देश के विकास को रोकने का एक बड़ा कारण हैं।

राष्ट्रीय एकता के लिए शिक्षा का कार्यक्रम

ऊपर दी गयी बातों को ध्यान में रखते हुए हमें स्कूलों में इस प्रकार की शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करना चाहिये जिसमें प्रत्येक बालक राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत हो जाये। निम्नलिखित पंक्ति में हम विभिन्न स्तरों के शैक्षिक कार्यक्रम पर प्रकाश डाल रहें हैं –

  • प्राथमिक स्तर बाल- दिवस, शिक्षक-दिवस तथा महापुरुषों के जन्म दिवस मनाये जायें और महान व्यक्तियों के जीवन से परिचित कराया जाये।
  • माध्यमिक स्तर – बालकों को भारत के आर्थिक विकास का ज्ञान कराकर उनमें राष्ट्रीय चेतना विकसित की जाये और राष्ट्रीयता के सम्बन्ध में महापुरुषों के व्याख्यान कराये जायें।
  • विश्वविद्यालय स्तर – समय-समय पर अध्ययन बैठक तथा विचार बैठक आयोजित की जायें। इन बैठकों में विभिन्न विश्वविद्यालय के बालकों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

निष्कर्ष

भारत अपनी विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है लेकिन विकास के लिये हमें एक-दूसरे के विचारों को स्वीकार करना होगा। हमारे देश में सभी मानते हैं कि उनका धर्म ही सबसे बेहतर है और जो भी वो करते हैं वही सबसे ठीक है।

अपने खुद के फायदे के लिये केवल खुद को अच्छा साबित करने के लिये यहाँ रह रहे विभिन्न नस्लों के लोग आपस में शारीरिक, भावनात्मक, बहस और चर्चा आदि के द्वारा लड़ते हैं। अपने देश के बारे में एक साथ होकर वो कभी नहीं सोचते हैं। ऐसा करके ना सिर्फ वह राष्ट्रीय एकता पर आघात करते हैं बल्कि हमारे देश की प्रगति को भी रोकते हैं।

उदाहरण 3. राष्ट्रीय एकता पर निबंध – Essay on National Integration in Hindi

लोगों की एकता” के रुप में भारत की एक पहचान बनाने के लिये अलग धर्मों के लोगों के बीच एकता को लाने के लिये राष्ट्रीय एकीकरण एक प्रक्रिया है। समन्वय और एकता की मजबूती के साथ ही समाज में असमानता और दूसरे सामाजिक मुद्दे जैसे विविधता, नस्लीय भेद-भाव आदि को हटाने के लिये ये एक और एकमात्र रास्ता है।

भारत एक बहु-जातीय और बहु-भाषीय देश है जहाँ विभिन्न जाति के लोग एक साथ रहते हैं और अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। वो अपनी प्रथा और परंपरा अपने धर्म के अनुसार निभाते हैं। भारत में लोगों के बीच केवल धर्म, जाति, पंथ, रंग और संस्कृति से ही विविधता नहीं है बल्कि सोच में भी विविधता दिखाई देती है जो भारत में अनुचित विकास का एक बड़ा विषय है।

राष्ट्रीय एकता का अर्थ

एकता का साधारण अर्थ होता है मिल-जूल कर कार्य करना। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। एकता का महत्व मनुष्य को तभी पता चलता है जब वो बिलकुल आदिम अवस्था में होता है।

राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक,बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।

भारत में अलगाव के कारण

भारतीय लोगों के बीच अलगाव की एक उच्च स्थिति है जो सांप्रदायिक और दूसरी समस्याओं के साथ यहाँ एक बुरा दृश्य बनाती है। भारत में अलगाव के कारण, हम लोगों ने ढेर सारी सामाजिक समस्याओं का सामना किया जैसे 1947 में भारत का बँटवारा, 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस, हिन्दू और मुस्लिमों के बीच दंगे आदि।

अस्पृश्यता की बाधा, भाषा की बाधा, सामाजिक स्थिति की बाधा और दूसरी सामाजिक बाधाएँ हमें पीछे ले जा रहीं हैं। विविधता में एकता लाने के लिये भारतीय सरकार द्वारा बहुत सारे नियम-कानून लागू किये गये हैं हालांकि ये केवल मानव दिमाग है जो लोगों के बीच विविधता में स्वाभाविक एकता ला सकता है।

भावात्मक एकता

हमारे भारत वर्ष में राष्ट्रीय एकता के लिए भावात्मक एकता अत्यन्त आवश्यक है। भावात्मक एकता बनाए रखने के लिए भारत सरकार हमेशा प्रयत्नशील रही है। हमारे संविधान में ही धर्म निरपेक्ष, समाजवाद समाज की परिकल्पना की गई है। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में भी ऐसे अनेक संगठन बनाए गए हैं जो राष्ट्रीय एकता के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। सच्चा साहित्य भी पृथकतावादी प्रवृत्तियों का विरोधी रहा है।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय एकीकरण में कमी के कारण यहाँ सभी सामाजिक समस्याओं का उदय हो रहा है। हम सभी को इस राष्ट्रीय एकीकरण के वास्तविक अर्थ, उद्देश्य और जरूरत को समझना चाहिये। अपने देश के मुख्य विकास के लिये भारतीय सरकार द्वारा सभी नियम-कानूनों को मानने के साथ ही हमें एक साथ रहना और सोचना चाहिये।

उदाहरण 4. राष्ट्रीय एकता पर निबंध – Essay on National Integration in Hindi

भारत एक ऐसी भूमि है जहाँ अपनी अनोखी संस्कृति और विविध जीवनशैली को मानने वाले विरोधी लोग रहते हैं। ये बहुत ही साफ है कि हमें हमारे जीवन में राष्ट्रीय एकीकरण के अर्थ को समझने की जरूरत है और अपने देश को एक पहचान देने के लिये सब कुछ मानना होगा।

भारत में लोग विभिन्न धर्म, जाति, समुदाय, नस्ल और सांस्कृतिक समूह से संबंध रखते हैं और वर्षों से एक साथ रह रहें हैं। भारत की सांस्कृतिक विरासत को विविध धर्म, जाति और पंथ ने समृद्ध बनाया हुआ है जिसने यहाँ पर एक मिश्रित संस्कृति को सामने रखा है हालाँकि ये बहुत ही साफ है कि भारत में हमेशा राजनीतिक एकता की कमी रही है।

राष्ट्रीय एकता क्यों आवश्यक है?

अलग धर्म और जाति होने के बावजूद हमारे देश को जो वस्तु प्रगति के रास्ते पर अग्रसित करती है, वह है हमारी राष्ट्रीय एकता। यहीं कारण है कि हमें भारत में विविधता में एकता के वास्तविक अर्थ को समझना चाहिये।

इसका ये कतई मतलब नहीं है कि अखंडता की प्रकृति यहाँ पर नस्लीय और सांस्कृतिक समानता के कारण होनी चाहिये। बल्कि इसका मतलब है कि इतने अंतर के बावजूद भी एकात्मता है।

पूरे विश्व भर में दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के रुप में भारत को गिना जाता है, जहाँ पर 1652 भाषाएँ बोली जाती हैं और विश्व के सभी मुख्य धर्म के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं।

सभी मतभेदों के बावजूद भी हमें बिना किसी राजनीतिक और सामाजिक विरोधाभास के शांति से एक-दूसरे के साथ रहना चाहिये। हमें इस महान देश में एकता का आनन्द उठाना चाहिये जहाँ राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य को पूरा करने के लिये सब कुछ विविधता है। इसलिए इन कारणों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि यदि हमें हमारे देश का पूर्ण विकास करना है तो हममें राष्ट्रीय एकता का होना आवश्यक है।

राजनीतिक एकता

भारत में केवल एक बार राजनीतिक एकता दिखाई दी थी जब सभी ने मिलकर 1947 में अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया था। अंग्रेजों ने यहाँ कई प्रकार से बाँटो और राज करो की नीति अपनाई थी हालाँकि, इसमें वो बाद में असफल हो गये थे।

कुछ बिंदु जैसे सांस्कृतिक एकता, रक्षात्मक निरंतरता, संविधान, कला, साहित्य, सामान्य आर्थिक समस्याएँ राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्र गान, राष्ट्रीय उत्सव और राष्ट्रीय प्रतीक के द्वारा भारत में राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा दिया जाता है।

भेदभाव के कारण

देश और राष्ट्र में अंतर होता है। देश का संबंध सीमाओं से होता है क्योंकि देश एक निश्चित सीमा से घिरा हुआ होता है। राष्ट्र का संबंध भावनाओं से होता है क्योंकि एक राष्ट्र का निर्माण देश के लोगों की भावनाओं से होता है। जब तक किसी देश के वासियों की विचारधारा एक नहीं होती है वह राष्ट्र कहलाने का हकदार नहीं होता है।

राष्ट्रीय एकीकरण में कमी के कारण यहाँ सभी सामाजिक समस्याओं का उदय हो रहा है। हम सभी को इस राष्ट्रीय एकीकरण के वास्तविक अर्थ, उद्देश्य और जरूरत को समझना चाहिये। अपने देश के मुख्य विकास के लिये भारतीय सरकार द्वारा सभी नियम-कानूनों को मानने के साथ ही हमें एक साथ रहना और सोचना चाहिये।

निष्कर्ष

भारत अपनी विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है लेकिन ये सही नहीं है क्योंकि विकास के लिये दूसरे के विचार को स्वीकार करने के लिये लोग तैयार नहीं है। यहाँ सभी मानते हैं कि उनका धर्म ही सबसे बेहतर है और जो भी वो करते हैं वही सबसे ठीक है।

अपने खुद के फायदे के लिये केवल खुद को अच्छा साबित करने के लिये यहाँ रह रहे विभिन्न नस्लों के लोग आपस में शारीरिक, भावनात्मक, बहस और चर्चा आदि के द्वारा लड़ते हैं। अपने देश के बारे में एक साथ होकर वो कभी नहीं सोचते हैं। वो कभी नहीं सोचते कि हमारे देश का विकास केवल व्यक्तिगत वृद्धि और विकास के साथ ही संभव है।

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