नैतिक शिक्षा पर निबन्ध – Essay On Morality in Hindi

नैतिकता किसी के भी व्यवहार का एक ऐसा तरीका है जिससे हम लोग यह जान सकते हैं कि  जो समाज में चीजें हो रही हैं वह सही है या गलत है । नैतिकता को कह सकते हैं कि यह एक ऐसा मापक है जहां से हम पता लगा सकते हैं कि क्या सही है और क्या गलत नैतिकता  यह होता है कि हम कौन सा कार्य कौन से वक्त पर करते हैं और हम कौन सा निर्णय कौन से वक्त लेते हैं।

नैतिक शिक्षा पर निबन्ध – Long and Short Essay On Morality in Hindi

नैतिकता एक ऐसी चीज है जो हमारे भीतर बचपन से ही पनपती रहती है बस वह हमें तब देखने को मिलती है जब हमें सही समय पर सही निर्णय लेना होता है। नैतिकता वह नहीं होता जो हम किताबों के पन्नों में देखते हैं नैतिकता तो वह होता है जो हम अपने रोजमर्रा के जीवन में रोज रोज देखते हैं। हमने बचपन में बहुत पढ़ा होता है कि हमारे नैतिक कर्तव्य कौन-कौन से हैं हमने बहुत लिखा भी होता है इसके बारे में लेकिन असल जिंदगी में हम इसका पालन करना भी भूल जाते हैं ।

नैतिकता एक ऐसी व्यवस्था होती है जो किसी भी समाज को या फिर किसी भी इंसान को सही करने के लिए बनाई जाती है ताकि वह इस समाज के लिए क कुछ अच्छा ना करें तो कुछ बुरा भी ना करें ।नैतिकता हमेशा समाज के बीच से ही निकल कर आती है और हमेशा समाज के लोगों पर ही लागू हो जाती है

मुख्यता नैतिकता के चार प्रकार हैं

कर्तव्य नैतिकता

यह नैतिकता धार्मिक उपदेशों के साथ जुड़ी हुई है यह समाज को सही या गलत बताने में सहायता करती है और समाज में क्या सही होना है और क्या गलत होना है यह उस में मदद करती है। ये नैतिकता समाज में किसी व्यक्ति विशेष के व्यवहारों को सुधारती है

सदाचार नैतिकता

यह नैतिकता किसी व्यक्ति विशेष के व्यवहार के साथ उसे जोड़ती है किस प्रकार से उस व्यक्ति के सोचने की क्षमता है ।किस प्रकार से वह व्यक्ति किसी कार्य को करता है या फिर किस प्रकार से वह सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देता है। सदाचार नैतिकता हमेशा किसी व्यक्ति विशेष के आसपास के वातावरण से जोड़ती है।

सापेक्षिक नैतिकता

इस नैतिकता के अनुसार जितने भी नैतिक मूल्य हैं ।वह हर व्यक्ति के लिए बराबर है हर व्यक्ति को यह अधिकार है ।कि वह सोच सके कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत है कोई भी  समाज या नैतिक मूल्य इस के निर्णय को बाध्य नहीं बना सकते

परिणामपूर्ण नैतिकता

नैतिकता से हमें यह पता लगता है किसी भी मनुष्य के व्यवहार का नतीजा हम लोग उसके व्यवहार के सही या गलत को निर्धारित करता है

निष्कर्ष

किसी भी समाज में कार्य करने के लिए या फिर कार्य करवाने के लिए वहां पर नैतिकता का होना अति आवश्यक है ।जहां पर नैतिकता नहीं होती है वहां पर लोग कुछ भी अपने मन से कर सकते हैं ।नैतिकता का रहना हर जगह इसलिए भी आवश्यक है ताकि लोग कुछ नियम और कानून में रहे और नियम और कानून से बाहर जाने पर वह अपना दंड समझे और जाने।

हर जगह एक नैतिक कोड का स्थापित करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है जिससे लोगे जान पाते हैं कि कौन सा कार्य करना है और कौन सा कार्य उन्हें नहीं करना है । कभी-कभी नैतिक कोड का प्रयोग समाज में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है ताकि समाज में कोई भी अशांति ना फैले।