पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित श्री जवाहरलाल नेहरु जी ने 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद मे कश्मीरी पंडिततों के परिवार मे जन्म लिया था। नेहरू जी के पिता जी का नाम मोतीलाल नेहरू जी पूरे शहर के काफी जाने माने वकील हुआ करते थे और माता जी जिनका नाम स्वरूपरानी नेहरू था वह लाहौर के कश्मीरी पंडितों से संबंधित थी।

आगे चलकर जवाहरलाल नेहरू जी गांधी जी के साहियोगियों मे से एक बने। नेहरू जी एक पंडित  परिवार से संबंध रखते थे इसिस कारण लोग उन्हे पंडित नेहरू भी कहा करते थे और तो और व पूरे भारत को इतने प्रिय थे की भारतीय लोगों ने उन्हे चाचा नेहरू पुकारा करते थे।

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Long and Short Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू ने गांधी जी के साथ कई बड़े आंदोलन किये थे जैसे, नामक सत्याग्रह, भारत छोड़ो, असहयोग्य आंदोलन आदि। नेहरू जी के ऐतिहासिक संकल्प भारत छोड़ो के दौरान 7 अगस्त 1942 मुंबई मे कांग्रेस कमेटी मे नेहरू जी को गिरफ़्तर भी किया गया था, और वह काफी लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहे थे।

नेहरू जी भारत की भलाई के लिए अपने जीवन मे कुल मिलाकर 9 बार जेल जा चुके थे। 1912 बांकीपुर पटना मे नेहरू जी ने 1912 मे कांग्रेस अधिवेशन मे भाग लिया, वहाँ की स्थिति थोड़ी सुस्त और ठीक न होने की वजह से उन्होंने व छोड़कर तिलक और एनी बेसेंट से होम रुल लीग के साथ राजनीति का जुड़ाव शुरू किया था। जवाहरलाल नेहरू जी की मुलाकात गांधी जी से 1916 को राष्ट्रीय कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन मे हुई थी और व उनसे मिलने के बाद उनसे काफ़ि प्रभावित हुए थे।

1924 मे जवाहरलाल नेहरू जी इलाहबाद नगर निगम के अध्यक्ष भी बने थे, और मात्र दो साल मे बीच मे 1926 मे ही उन्होंने इस पद से स्तीफा दे दिया था। उस दौरान अंहिने 1926 – 1928  तक उन्होंने कांग्रेस समिति मे कार्य किया। 1929 दिसंबर को लाहौर मे नेहरू जी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त हुए और उसी साल उन्होंने पूर्ण स्वराज की मांग करी थी।

1935 मे कांग्रेस पार्टी के चुनाव के दौरान नेहरू जी ने खूद चुनाव मे हिस्सा ना लेकर जोरों शोरों से पार्टी का प्रचार किया और इसे परिणाम मे कांग्रेस को मानो तो हर जगह से जीत मिली। 1935 से लेकर 1936 के लिए नेहरू जी कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, 1942 मे जब व भारत छोड़ो आंदोलन कर रहे थे तब उनको गिरफ़्तर कर लिया गया था, और 1945 मे अन्त रिहा कर दिया गया।

जब एक बार महात्मा गांधी जी ने उन्हे लाहौर मे कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुना था तभी से यह तय हो चुका था की भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ही बनेंगे। वोटों की संख्या कम होने के बाद भी व प्रधानमंत्री चुने गए और उनके आलोचकों ने उनकी दबाकर बुराई करी लेकिन उसके बावजूद भी नेहरू चाचा ने अपनी शक्तियों को एकदम सही जगह इस्तेमाल किया और देश का भला किया और देश के हिंद के लिए कई बड़े निर्णय भी लिए।

इसके बाद 1947 मे ब्रिटिश सरकार ने का से का 400-500 छोटे और बड़े रियासतों को आज़ाद करदिया था और इन सभी रियासतों पर पहली बार झंडा फहराना काफ़ि मुश्किल कार्य था पर नेहरू जी ने कई महापुरुषों की मदद से इस का को पूरा किया। नेहरू जी का आधुनिक निर्माण भारत मे बहुत बड़ा योगदान रहा था।