भारत एक ऐसा देश है जहां बदलते महीनों के साथ मौसम का मिजाज बदलता रहता है कभी कड़ाके की ठंड पढ़ती है तो कभी ,कड़ी धूप ठीक उसी तरह भारत में मॉनसून भी आता है और अपनी सास सबसे खूबसूरत प्राकृतिक का तोहफा लेकर आता है जिसको इंद्रधनुष कहा जाता है । हालांकि हमारे देश में बरसात बाकी अन्य मौसम की तुलना में कम होती है लेकिन इंद्रधनुष के लिए हर एक इंसान काफी उत्साहित होता है, प्राकृतिक भगवान का अनमोल तोहफा है.
इंद्रधनुष पर निबंध – Long and Short Essay On Indradhanush in Hindi
इसको कहने में कोई संदेह नहीं है क्योंकि जब आप इंद्रधनुष देखते हैं तो उसकी खूबसूरती में खो जाते हैं, लेकिन हर जगह विज्ञान का अहम भूमिका है और ठीक उसी तरह नीले आसमान में सतरंगी इंद्रधनुष जब चमकती है तो इसके पीछे भी विज्ञान का अतरंगी खेल होता है । इंद्रधनुष के बारे में लोगों को कई तरह की कहानियां बताई जाती हैं जो कि किसी सत्य घटनाओं पर आधारित नहीं होती हैं ना ही उसका कोई प्रमाण होता है लेकिन फिर भी लोग एक दूसरों की बातों पर भरोसा करते हैं.
और इंद्रधनुष से जुड़ी हुई हमारे समाज में कई कहानियां हैं, कई लोगों का यह कहना होता है कि इंद्रधनुष पृथ्वी और आसमान के विवाह का साक्ष्य है लेकिन यह सब महज कहने की बातें हैं असलियत में इसके पीछे एक साइंटिफिक कारण है यानी कि विज्ञान से जुड़ा हुआ कारण है और आज इस ब्लॉग में हम इंद्रधनुष के ऊपर चर्चा करेंगे, साथ ही इस ब्लॉक के शुरू होने के पहले हम आपसे यह कहना चाहते हैं अगर आपको हमारा ब्लॉक पसंद आता हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों और जानने वालों के साथ अवश्य शेयर करें ।
और हमारे हर ब्लॉग हो आखरी तक पढ़े क्योंकि ऐसा हो सकता है कि जब आप ब्लॉग पढ़ना शुरू करें तो आपको यह लगेगी यह जानकारी आपके पास पहले से है, लेकिन आखिरी तक पढ़ने पर आपको पता चलेगा कि आपके पास जो जानकारी है, उससे बहुत ज्यादा जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिली है, और यह आपके लिए काफी उपयोगी होगा ।
आइए अब यह जानते हैं कि इंद्रधनुष क्या होता है?
इंद्रधनुष, पानी की बूंदों में प्रकाश का परावर्तन अपवर्तन और फैलाव के कारण बनने वाला एक संयोजन है , जिसके कारण आसमान में एक रंगा वाली दिखाई पड़ता है यानी कि , इंद्रधनुष एक मौसम संबंधी घटना है ऑल इंद्रधनुष एक सतरंगी चाप का रूप ले लेता है। गौर करने की बात यह है कि इंद्रधनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में दिखाई देती है । यूं तो हम हमेशा इंद्रधनुष को अधूरे चाप के रूप में देखते हैं लेकिन इंद्रधनुष पूर्ण वृत्ताकार भी होते हैं, इंद्रधनुष का चाप से सूर्य से दर्शक की आंखों की ओर एक सीधी रेखा केंद्रित होता है जिससे वह इंद्रधनुष देख पाते हैं ।
यहां तक हमने आपको यह बताया कि इंद्रधनुष क्या होता है आइए आप जानते हैं कि इंद्रधनुष कितने प्रकार का होता है -:
जब हम इंद्रधनुष देखते हैं तो हम शायद ही कभी यह सोचते हो कि इंद्रधनुष के प्रकार होते होंगे लेकिन असलियत में दो प्रकार होते हैं और वह है – प्राथमिक इंद्रधनुष और दोहरा इंद्रधनुष ।
इंद्र धनुष पर रोशनी
प्राथमिक इंद्रधनुष
प्राथमिक इंद्रधनुष में इसके बाहरी भाग पर अर्ध लाल गोला दिखाई देता है, वही इसके अंदर की तरह बैंगनी चाप होती है । यह इंद्रधनुष तब बनता है जब प्रकाश की किरण पानी की छोटी-छोटी बूंदों में प्रवेश करने पर रिफ्लेक्ट होती है इसके तुरंत बाद ही बूंदों के अंदर उसके पिछले भाग में प्रतिबिंबित होती है और फिर बूंद की सतह छोड़ते वक्त एक बार फिर से रिफ्लेक्ट होती है ।
दोहरा इंद्रधनुष
यह प्राथमिक इंद्रधनुष से बिल्कुल विपरीत होता है , इसमें प्राथमिक चाप के बाहर एक और चाप दिखाई देता है और इसमें रंगों का क्रम बिल्कुल उल्टा होता है जिसके कारण लाल चाप अंदरूनी हिस्से में रहता है । यह प्रकाश छोड़ने से पहले बूंदों में दो बार परिवर्तित होने के कारण होता है।
हालांकि इंद्रधनुष का रंग एक क्रम के हिसाब से होता है , जिसे अंग्रेजी में VIBGYOR
- Voilet
- Indigo
- Blue
- Green
- Yellow
- Orange
- Red
लेकिन जैसा कि हमने आपको बताया है कि इंद्रधनुष मुख्य तौर पर दो प्रकार का होता है और साथ ही इन दोनों प्रकार में रंगों का क्रम बिल्कुल विपरीत होता है इसलिए यह यह रंगों का क्रमांक इनके प्रकार के हिसाब से बदलता है ।
इंद्रधनुष कैसे बनता है?
जब सूर्य के प्रकाश की कोई किरण प्रिज्म से होकर गुजरती है तो वह सात रंगों में बट जाती है, जिसको प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं । इंद्रधनुष प्रकाश का परावर्तन अपवर्तन और पानी की बूंदों में प्रकाश के विक्षेपण के कारण बनता है , जो कि हमेशा हमें बारिश के बाद आसमान में एक सतरंगी चाप के रूप में नजर आता है । वैसे तो इंद्रधनुष आमतौर पर बारिश के बाद देखने को मिलती है लेकिन अगर हवा में पानी की बूंदे मौजूद हो और कम ऊंचाई वाले कोण पर दशक के पीछे से सूरज की रोशनी आ रही हो.
इस वजह से आमतौर पर इंद्रधनुष सुबह के समय पश्चिमी आकाश में नजर आता है और पूर्वी आकाश में शाम के वक्त देखा जा सकता है लेकिन उसके लिए हवा में पानी की की बूंदों का होना जरूरी है। दरअसल किसी भी दर्शक के लिए प्रकाश स्रोत के विपरीत दिशा के 42 डिग्री के अलावा किसी भी कोण पर पानी की बूंदों से इंद्रधनुष को देखना असंभव हो जाता है ।
इंद्रधनुष देखना हर एक व्यक्ति को बेहद पसंद होता है और भारत में हिमाचल प्रदेश के कुछ खास शहरों में इंद्रधनुष साफ-सफ आम तौर पर नजर आती है और अक्सर नजर आती है, लेकिन सबसे शानदार इंद्रधनुष तब दिखता है जब आसमान में बारिश के बादल के साथ थोड़ा अंधेरा होता है, और दर्शक उस वक्त सूर्य की दिशा में साफ आसमान के साथ एक स्थान पर होते हैं
दोस्तों, इस ब्लॉग के जरिए हमने आपको यह बताया है कि इंद्रधनुष क्या होता है यह कितने प्रकार का होता है और इन दोनों प्रकार में क्या विभिनता है साथ ही आप कब किस तरह साफ इंद्रधनुष देख सकते हैं, ऐसे ही जानकारी उसे अपडेट रहने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें ।