भारत में आजादी के बाद हमें हर तरह की स्वतंत्रता प्राप्त हो गई है। भारतीय संविधान में हमें मिली स्वतंत्रताओं का उल्लेख भी किया गया। है इन्हीं में से एक है “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता”। जिसका हमारे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) में उल्लेख किया गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर आज हम अपनी खुशी, अपना विचार, और मन की कोई भावना को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पाते हैं।
अभिव्यक्ति की आजादी पर निबंध – Long and Short Essay On Freedom Of Speech in Hindi
आज हम बिना किसी टोका-टाकी और रुकावट से अपने किसी सूचना या विचार को बोलकर, लिखकर या किसी अन्य रूप में व्यक्त कर सकते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की ही देन है कि आज हमारे देश मैं मीडिया और समाचार पत्रों में किसी भी व्यक्ति या घटना के बारे में कुछ भी बोल या छाप देते हैं। हमारे विचारों का स्वतंत्र प्रसारण ही इस स्वतंत्रता का परम उद्देश्य है।
भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकार के खिलाफ अपने असंतुष्टता व्यक्त करने का अधिकार भी हमें इस स्वतंत्रता द्वारा प्राप्त है। और ऐसा करने वाले व्यक्ति को राजद्रोह की श्रेणी में नहीं लगाया जा सकता। अभिव्यक्ति की आजादी समाज में रहने वालों के लिए अति आवश्यक है।
भारत एक लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जाता है। भारत के प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रूप से बोलने का अधिकार प्राप्त है। भारत के लोग सरकार, राजनीतिक प्रणाली और नीतियों के बारे में भी स्वतंत्र रूप से अपनी राय बता सकते हैं। और भी कई देशों में अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है। जैसे- पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, चीन, दक्षिण अफ्रीका, इजरायल, मलेशिया, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, यूरोप और ट्यूनीशिया आदि देशों में भी उनके नागरिकों को अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता प्राप्त है।
अभिव्यक्ति की आजादी एक मूल अधिकार माना जाता है। एक राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए अभिव्यक्ति की आजादी होना आवश्यक माना जाता है। 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में यह कहा गया कि “अपनी सोच और विचार को व्यक्त करना हर नागरिक का अधिकार होना चाहिए”। अभिव्यक्ति की आजादी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय मानव अधिकार का हिस्सा बन चुकी है।
अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग
भारतीय नागरिक के लिए अभिव्यक्ति की आजादी केवल अपने विचारों और सूचनाओं को साझा करने का एक तरीका ही नहीं बल्कि अपने समाज और साथी नागरिकों की भलाई और सुरक्षा भी करती है। लेकिन इसके साथ ही नागरिकों द्वारा इसका दुरुपयोग भी किया जाता है। अभिव्यक्ति की आजादी को लोग एक अलग ही रूप दे देते हैं।
वह केवल अपने विचारों को व्यक्त नहीं करते बल्कि दूसरों पर थोपने लगते हैं। कभी-कभी मीडिया द्वारा साझा की गई जानकारी आम जनता के बीच आतंक का माहौल पैदा कर देती है। सोशल मीडिया के जरिए सभी लोग चाहे जो भी मुद्दा हो उस पर अपने विचार व्यक्त करने की इच्छा रखते हैं चाहे भले ही उन्हें उस मुद्दे के बारे में ज्ञान हो या ना हो इस से कोई मतलब नहीं होता उन्हें बस नफरत भरी बातें सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी रहती है। इससे यह बात पूर्णतया साबित होता है कि इस आजादी का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
अभिव्यक्ति की आजादी द्वारा हम सरकार के किसी भी गलत फैसले पर आवाज उठा सकते हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते है। अभिव्यक्ति की आजादी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यदि अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है तो हमें भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। अगर किसी आपातकाल या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जब इसकी सीमा निश्चित की जाती है। तो हमें सरकार के इस फैसले को अवश्य मानना चाहिए। ना कि इसका उल्लंघन करना चाहिए।
हालांकि अभिव्यक्ति की आजादी में यह नहीं कहा गया है कि आप सही बोला या गलत जो भी आपका विचार है चाहे वह सही हो या गलत अब बोल सकते हैं। क्या किसी भी माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम ऐसी कोई बात बोलें जो हमारे राष्ट्र हित में ना हो। भारतीय नागरिक होने के नाते हमें इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।