दादा-दादी पर निबंध – Essay On Dada Dadi in Hindi

वैसे तो परिवार का हर ददस्या ज़रूरी, खास व भगवान की ओर से आशीर्वाद होता है। परंतु माँ बाप के बाद हमारे दादा दादी ही होते हैं जो हमें माँ बाप की तरह प्यार कर सकते हैं। वे अपने बच्चों को ही नहीं बल्कि बच्चों के बच्चों को भी बेहद प्यार करते हैं। दादा दादी बहुत ध्यान रखते हैं बच्चों का उनके लिए उनके पोता पोती उनकी जिंदगी बन जाते हैं। बच्चों के साथ एक बार फिर अपनी सारी तकलीफों से दूर हो कर वे भी बच्चे बन जाते हैं। बच्चों के साथ खेलना खाना उन्हें समय पर सुलाना इन सब चीजों का बहुत ध्यान रखते हैं दादा दादी।

दादा-दादी पर निबंध – Long and Short Essay On Dada Dadi in Hindi

पुराने समय में तो सब घर वाले एक साथ एक ही छत के नीचे रहा करते थे पर इस नए समय में लोग छोटे पतिवार के साथ रहना सही मानते हैं जिनके कारण बच्चे अपने दादा दादी के पास ज़्यादा आ जा नहीं पाते और उनके प्यार व उनके स्नेह से वंचित रहते हैं।

लोगों को बच्चों को दादा दादी के प्यार का एहसास होने को ज़्यादा ज़रूरी नहीं समझते और बच्चों को अपने दादा दादी के प्यार से जाने अंजान में वंचित रखते हैं। और तो और कुछ लोग तो उनसे सही बर्ताव भी नहीं करते।

जहाँ कुछ लोग अपने दादा दादी के साथ बहुत बुरा बर्ताव करते हैं वहीं कुछ लोग उनसे बेहद प्यार भी करते हैं। इतना प्यार की रहते भी उनके साथ ही हैं।

अगर एक बच्चे से पूछा जाए की उसको सबसे ज़्यादा प्यार कौन करता है तो ज़्यादा तर बच्चों का जवाब उनके दादी दादा ही होगा। उन्हीं की वजह से हमारे माँ बाप इतने अच्छे इंसान बन पाए हैं और हमें भी अच्छा इंसान बनाने के लिए वे बेहद ज़रूरी भाग निभाते हैं। दादा दादी भी अपने पोतों से बेहद प्यार करते हैं पोता पोती भी नहीं एक तरीके से वे बच्चों को अपने खुद के बच्चों से भी ज़्यादा ही प्यार करते हैं।

माँ बाप जितना प्यार हमें उनके अलावा सिर्फ दादा दादी ही कर सकते हैं। वे कभी हमें हमारी गलती पे डाँट ज़रूर सकते हैं पर उतना प्यार भी करते हैं बल्कि उतना नहीं उससे भी कई ज़्यादा ही करते हैं।

सभी बच्चों को यह सौभाग्य नहीं होता की उन्हें अपने दादा दादी का प्यार नसीब हो। उन्हीं के कारण हमारे माँ बाप इतने अच्छे समझदार व इतना प्यार करते हैं क्योंकि उनको उनके बच्चपन में इस तरह प्यार से पाला पोसा गया है।

आज हमारे माँ बाप जैसे भी हैं वो सिर्फ उन्हीं के संस्कारों के कारण है। वैसे की हमेशा कहा गया है की घर में बुजुर्ग तो होने ही चाहिए उसी से हमें उनके तज़ुर्बों से सीख मिलती है और वही तो हमें हमेशा सही गलत की राह दिखाते हैं। कभी कभी तो जब हमारे माँ बाप भी हमारी माँगे पूरी नहीं करते तो दादा दादी ही होते हैं जो हमारी माँगें पूरी करते हैं और हमे समझते हैं।

हमारे दादा दादी हमारे पढाई के अलावा बाकी हुनर को भी बाखूभी समझते हैं व उसका साथ भी देते हैं। वे हमें हमारे सपनों की ओर कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं क्योंकि वे समझते हैं की उस समय जब उन्हें इस साथ की ज़रूरत थी उन्हें यह सहारा नहीं मिल तो इसीलिए वे हमारा हमेशा साथ देते हैं ताकि हम वो सब कर सकें जो कभी साथ ना होने की वजह से वो ना कर पाए। वह हमारा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और हमें अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

हमारे माँ बाप के अलावा अगर हमें कहीं सबसे सुरक्षित महसूस होता है तो वो दादा दादी के पास ही होता है। चाहे हम अपने दादा दादी के साथ ना भी रहें फिर भी उनकी प्रार्थनाओं में हम हमेशा ही रहते हैं। एक बच्चे में इस चीज़ की खुशी हमेशा होती है की वो जब चाहे अपने दादा दादी के गर जा सकता है। हमारे दादा दादी हमें हर मुमकिन समय में मदद करते हैं जो शायद कभी हमें पता भी नहीं चलती और हम समझ भी नहीं पाते। एक बच्चा बेहद भाग्यशाली होता है अगर उसके दादा दादी हैं और वह उनके दादा दादी के प्रेम से कभी वंचित नहीं रहा है तो।